Live Fish Packing: भारत का पहली लाइव फ़िश यूनिट! वंदना का मंत्र, अच्छा दाना और भरपूर ऑक्सीजन
लाइव फ़िश पैकिंग तकनीक (Live Fish Packing Technique) मछलियों को जीवित रखते हुए पैक और परिवहन करने की प्रक्रिया है, जिससे वो लंबे समय तक ताज़ी रह सकती हैं।
लाइव फ़िश पैकिंग तकनीक (Live Fish Packing Technique) मछलियों को जीवित रखते हुए पैक और परिवहन करने की प्रक्रिया है, जिससे वो लंबे समय तक ताज़ी रह सकती हैं।
ड्रैगन फ़्रूट की खेती में लागत और लाभ की बात करें तो किसानों को पहला उत्पादन तीन से चार लाख रुपये का मिलता है। एक एकड़ से 4 से 5 टन का उत्पादन मिल जाता है।
Mung Ki Kheti | देश के कई हिस्सों में मूंग दाल की बुवाई हो चुकी है। मूंग दाल दलहनीय फसलों
गौरव Aeroponic Technique से केसर की खेती करते हैं। इस तकनीक में बंद कमरे में केसर को उगाते हैं। बंद कमरे में कश्मीर के वातावरण को बनाने की कोशिश करते हैं। ये तकनीक मिट्टी रहित होती है।
मल्टी पर्पस Bed Maker Machine किसानों के समय की बचत करने के साथ-साथ उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद करती है।
अगरवुड पेड़ की खेती में एक एकड़ में 400 से 450 पौधे लग सकते हैं। 12 फ़ीट चौड़ाई और 10 फ़ीट लंबाई की दूरी पर पौधे को रोपना चाहिए। अगरवुड प्लांट की कीमत 200 रुपए होती है।
जायद की फसल के लिए 6 से 7 घंटे की सूरज की रोशनी की ज़रुरत पड़ती है। जायद की फसल में सब्जियों का उत्पादन लेने के लिए किसानों को लोम मिट्टी (दोमट मिट्टी) का इस्तेमाल करना चाहिए। जानिए कृषि विशेषज्ञ डॉ. विशुद्धानंद से जायद फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी।
करन सिंह बतातें हैं कि कोई भी व्यक्ति गाय के गोबर से सजावटी सामान बनाने का बिज़नेस दो हज़ार से तीन हज़ार रुपए से शुरू कर सकता हैं। इसमें लागत इसलिए कम आती है कि किसान गांव में रहता है और गाय का गोबर भी आसानी से मिल जाता है।
चित्तौड़गढ़ के आशीष ने बताया कि उन्होंने 2014 से नर्सरी की शुरुआत की थी। इस नर्सरी में अमरूद की उन्नत किस्मों पर काम करते हैं। अमरुद आज वर्तमान स्थिति में सबसे ज़्यादा बिकने वाला फल है। अमरूद की खेती किसी भी क्षेत्र में की जा सकती है। जानिए अमरूद की खेती से जुड़ी अहम बातों के बारे में।
Chhattisgarh budget में सहकारी और ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त ऋण दिलाने के लिए 8 हज़ार 500 करोड़ रुपए की सीमा तय की गई है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन के अपने भाषण में बताया कि सिंचाई के रकबे को बढ़ाने के लिए नई सिंचाई परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपए की राशि तय की गई है।
हरित क्रांति के जनक कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन और किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है।
Frost Management: किसान अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए कई सारे उपाय करते हैं, जिससे उनकी फसलों को नुकसान न हो। जब तापमान 4 डिग्री के आस-पास हो तो को अलर्ट हो जाना चाहिए। पाले से बचने के लिए किसानों को अपने खेत में हल्की सी सिंचाई जरूर कर देनी चाहिए।
यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने Uttar Pradesh Budget 2024 को पेश करते हुए कहा कि प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि सरप्लस राज्य के तौर पर देश में अपना स्थान बनाए हुए है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। इस Budget 2024 में कई अहम बातें कही गईं। जानिए इस बार के बजट में कृषि क्षेत्र को लेकर क्या कुछ रहा।
चने की खेती में समेकित नाशीजीव प्रबंधन यानि आईपीएम तकनीक से पौध संरक्षण, मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाने या बनाए रखने के साथ-साथ कीटों और रोगों के संक्रमण से फसलों को बचाया जा सकता है।
गेहूं की फसल में रोगों से बचाव के लिए किसान को उन्नत किस्मों के बीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसी ही कई अन्य रबी फसलों का प्रबंधन करने की ज़रूरत होती है। जानिए क्या हैं वो मानक।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले के रहने वाले गणेश दत्त लहसुन की खेती कर रहे हैं। गणेश पिछले 10 साल से लहसुन की खेती कर रहे हैं। खर्चा लगभग 25 हज़ार के आस-पास आ जाता है। लहसुन की खेती में दो बीघा में 2 लाख रुपये का मुनाफ़ा मिल जाता है। इसके साथ ही वो सब्जियों फलों और गेहूं की खेती कर रहे हैं।
राजस्थान के जयपुर के रहने वाले अनिल थडानी ने अपनी मास्टर डिग्री हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में ली हुई है। इसके साथ ही उन्होंने विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफ़ेसर भी काम किया हुआ है। उन्होंने नौकरी छोड़ने के बाद ‘पौधशालम’ नाम से पौध नर्सरी शुरू की।अनिल ने Nursery Business की शुरुआत घर की छत से की।
अवतार सिंह कहते हैं कि झींगा पालन शुरू करने से पहले इसकी ट्रेनिंग लेनी ज़रूरी है। झींगा पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले तालाब, हैचरी और बीज की सही जानकारी होनी चाहिए। अवतार सिंह कहते हैं कि सरकार की तरफ़ से इस व्यवसाय को करने के लिए ढाई एकड़ पर सब्सिडी मिलती है। हर राज्य की अलग-अलग सब्सिडी होती है।
रवि शर्मा ने अपने गांव आने के बाद फूलों की खेती को चुना। इसमें उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया हुआ है। वो पॉलीहाउस में फूलों की खेती करते हैं।