एलोवेरा की खेती से बदली गांव की तस्वीर, इसकी खेती से मोटी कमाई
एलोवेरा की खेती कर रहे किसानों से सीधे व्यापारी या कंपनियां माल खरीदते हैं। मार्केट में इसकी अच्छी मांग है और औषधीय गुणों के कारण कीमत भी अच्छी है।
एलोवेरा की खेती कर रहे किसानों से सीधे व्यापारी या कंपनियां माल खरीदते हैं। मार्केट में इसकी अच्छी मांग है और औषधीय गुणों के कारण कीमत भी अच्छी है।
इस किसान परिवार ने पारंपरिक तरीके से धान की खेती में आधुनिक तकनीकी कृषि को जोड़कर इलाके में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
अफ़गानिस्तान की स्थिति का अंतरराष्ट्रीय बाज़ार पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है। दामों में भारी बढोतरी होने के साथ त्यौहार के चलते किसानों का अच्छा फ़ायदा पहुंचने की उम्मीद है।
औषधीय फसलों की खेती से जुड़कर किसान अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। औषधीय पौधों की खेती किसानों की आय बढ़ाने में कारगर साबित हो सकती है।
किसानों को गैरपारंपरिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि वो कम लागत में अधिक कमाई कर सकें। ऐसे ही बागवानी फसलों की खेती करने में रुचि रखने वालों को सरकार ने आर्थिक मदद मुहैया कराने का निर्णय लिया है।
कम लागत में छोटे से क्षेत्र में भी इस फसल को उगाया जा सकता हैं। इसकी खेती कच्चे व पक्के मकान में छोटे से छोटे कमरे में आसानी से की जा सकती है।
मंडियों में गिरते सेब के भाव से किसानों पर तो मार पड़ ही रही है साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान का अनुमान है।
बाज़ार में काठिया गेहूं का दाम दूसरी किस्मों की तुलना में ज़्यादा है। ऐसे में किसान इस किस्म की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और मुनाफ़ा कमा रहे हैं।
अगर आप फल-फूल की खेती, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन सहित कई और खेती-बाड़ी से जुड़े कार्यों में रुचि रखते हैं, तो ये खबर आपके लिए है।
थोक बाज़ार में व्यापारी किसानों से टमाटर सिर्फ़ 2 से 3 रुपये प्रति किलो के भाव से खरीद रहे हैं। फसल अच्छी होने पर किसानों को अच्छी कीमत नहीं मिलती और कम फसल होने पर भी घाटा होता है। ऐसे में जानिए क्या हो सकता है समाधान?
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के अंतर्गत सूखा, अत्यधिक बारिश, बेमौसम बारिश आदि से होने वाली फसल के नुकसान को कवर किया जाता है। प्रदेश के लगभग 56 लाख किसानों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य है।
आलू से दूध के इस उत्पादन का खर्च दूसरी विधियों से कम है। आलू उगाने में बादाम और जई की तुलना में कम पानी की खपत होती है और इसके लिए कम जमीन की भी आवश्यकता होती है।
गन्ना किसानों को गन्ने पर 290 रुपये प्रति क्विंटल FRP की केंद्र सरकार की घोषणा। पंजाब सरकार ने गन्ने के दाम में रिकॉर्डतोड़ 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि का ऐलान किया है।
पोर्टल पर पंजीकृत किसान ही सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर पहले आओ पहले पाओ के तहत बुकिंग होगी।
फसलों में आजकल काले गेहूं की खेती की तरफ़ किसानों का रुझान बढ़ा है क्योंकि इससे बेहतर कमाई होती है। देश में गेहूं की कई किस्में हैं। इनमें कुछ किस्में रोग प्रतिरोधक हैं, तो कई का उत्पादन ज़्यादा होता है। एक ऐसी ही गेंहू की किस्म के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
पोर्टेबल ड्रिप सिंचाई किट की कीमत 21 हज़ार रुपये से 25 हज़ार रुपये तक है। छोटे किसानों की सिंचाई लागत घटने से एक बार की ये लघु लागत ज्यादा भारी नहीं पड़ती।
किसान फ़ार्म तालाब योजना के तहत किसानों को सहायता राशि दी जाएगी। इस सरकारी सहायता से किसान अपने-अपने खेतों में बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए तालाब का निर्माण कर सकते हैं। इस योजना से छोटे किसानों को बड़ा फायदा।
चीनी के साथ-साथ इथेनॉल की बिक्री से मिली राशि से गन्ना किसानों को सही समय पर भुगतान करने में चीनी मिलों को मदद मिलेगी। 2020-21 सत्र में इथेनॉल की बिक्री से चीनी मिलों को 15000 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है।
दो क्रेडिट लिंक्ड योजनाओं में इस राज्य की सरकार 120 करोड़ रुपये सब्सिडी के तौर पर देगी। किसान व्यक्तिगत रूप से, स्व सहायता समूह बनाकर या फिर किसान उत्पादन संगठन FPO के जरिये इन दोनों योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।