जानिये, कैसे भारतीय वैज्ञानिकों ने पहली बार ढूँढ़ा झीलों-तालाबों में आतंक मचाने वाले ‘वाटर फ़र्न’ (Water Fern) के सफ़ाये का पुख़्ता इलाज़
‘वाटर फ़र्न’ पर जैविक नियंत्रण की तकनीक के प्रदर्शन के लिए कटनी ज़िले के पडुआ गाँव के 20 हेक्टेयर में फैले तालाब को चुना गया। ये तालाब 3 साल से ‘वाटर फ़र्न’ से गम्भीर रूप से संक्रमित था और गाँव वालों की इससे छुटकारा पाने की सभी कोशिशें नाकाम साबित हो चुकी थीं। लेकिन ‘सिर्टोबैगस सालिविनिया’ घुनों की सेना ने क़रीब डेढ़ साल में तालाब को ‘वाटर फ़र्न’ से मुक्त कर दिया।