खेती के लिए बैंक देता है सस्ता लोन, साहूकारों के जाल में फंसने की जरूरत नहीं

देश में कई बैंक किसानों को अल्प अवधि के लिए फसली ऋण मुहैया कराते हैं। आमतौर पर ऐसे ऋण को फसल कटने पर एक मुश्त चुकाया जाता है। इसकी मदद से किसान जुताई, बुवाई, निराई, प्रत्यारोपण, बीज, उर्वरक और कीटनाशक समेत खेती से जुड़ी जरूरतें पूरी कर सकता है। इसी को अल्पकालीन फसली ऋण कहा जाता हैं।

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खेती के लिए सस्ता लोन: किसानों को फसल उगाने के दौरान कई प्रकार के खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन पूंजी की कमी के कारण किसान इन खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हो जाता है। खेती के लिए बाजार से उन्नत बीज, खाद व यूरिया खरीदना और मशीनरी आदि आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किसानों को बहुत ज्यादा ब्याज दर पर साहूकारों से लोन लेना पड़ता है।

ऐसे में कई बार फसल में नुकसान के चलते किसान कर्ज के जाल में इतनी बुरी तरह फंस जाते हैं कि कई बार खुदकुशी जैसे कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वे कम ब्याज दर पर लोन लेकर अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकें।

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देश में कई बैंक किसानों को अल्प अवधि के लिए फसली सस्ता लोन मुहैया कराते हैं। आमतौर पर ऐसे ऋण को फसल कटने पर एक मुश्त चुकाया जाता है। इसकी मदद से किसान जुताई, बुवाई, निराई, प्रत्यारोपण, बीज, उर्वरक और कीटनाशक समेत खेती से जुड़ी जरूरतें पूरी कर सकता है। इसी को अल्पकालीन फसली ऋण कहा जाता हैं।

ये बैंक देते हैं अल्पकालीन फसली ऋण

भारत में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) , आईसीआईसीआई बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, एक्सिस बैंक, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक किसानों को अल्पकालीन फसली लोन प्रदान करते हैं जिनकी ब्याज दरें काफी कम होती हैं।

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इसके अलावा देश के शीर्ष सात बैंक ऐसे हैं जो किसानों को फसली के अलावा विभिन्न उद्देश्यों के लिए कृषि ऋण भी प्रदान करते हैं। इनमें देना बैंक, भारतीय बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, विजय बंक, सिंडीकेट बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।

एसबीआई से लोन लेने की प्रक्रिया

भारतीय स्टेट बैंक, देश का सबसे बड़ा ऋणदाता एसीसी या केसीसी के रूप में फसल उत्पादन के लिए ऋण प्रदान करता है। एबीआई लोन में निम्नलिखित बातें शामिल हैं – फसल उत्पादन खर्च, फसल कटाई के बाद के खर्च और आकस्मिकता, आदि। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को इलेक्ट्रॉनिक रूपे कार्ड के रूप में दिया जाता है, जिसके माध्यम से किसान एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं, पीओएस जैसे उर्वरक खरीद सकते हैं।

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फसली ऋण के लिए चाहिए ये दस्तावेज

फसली लोन लेने के लिए जरूरतमंद किसान को मतदाता पहचान पत्र/ पैन कार्ड / आधार कार्ड / पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान प्रमाण के अलावा एड्रेस प्रुफ जैसे आधार कार्ड / वोटर आईडी कार्ड / पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस और मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ती है। इसी नंबर पर बैंक मैसेज भेजता है।

ऑफलाइन आवेदन कैसे करें

फसली ऋण के आवेदन के लिए किसानों को नजदीकी बैंक शाखा में जाना होगा। यहां बैंक अधिकारी आपको बैंक अधिकारी आपको एक फॉर्म देगा और फसली लोन लेने की पूरी प्रक्रिया समझाएगा। इसके बाद आप फार्म को सावधानीपूर्वक अच्छे से पढ़ें और इसमें मांगी गई सूचना सही-सही भरकर बैंक में जमा करा दें। यदि आपका बैंक से लोन स्वीकार हो जाता है तो आपको बैंक की ओर से मैसेज भेज दिया जाता है।

घर बैठे भी कर सकते हैं आवेदन

आप बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। आपको जिस बैंक से आप लोन लेना चाह रहे हैं उसकी बेवसाइट पर जाकर लोन के लिए आवेदन करना होगा।

एसबीआई से फसली ऋण लेने के लाभ

यह बैंक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खाते में क्रेडिट बैलेंस पर बैंक दर को बचाने के लिए ब्याज देता है। सभी केसीसी उधारकर्ताओं को निशुल्क एटीएम सह डेबिट कार्ड मिलता है। प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है।

इन बातों का रखें ख्याल

1 वर्ष के लिए लोन राशि का मूल्यांकन खेती की लागत, फसल के बाद के खर्च और खेत के रखरखाव की लागत के आधार पर किया जाता है। बाद के 5 वर्षों के लिए वित्त के पैमाने में वृद्धि के आधार पर ऋण को मंजूरी दी जाती है। साधारण ब्याज दर 7 प्रतिशत प्रति वर्ष एक वर्ष के लिए या देय तिथि तक जो भी पहले हो तक लिया जाता है। नियत तारीखों के भीतर पुनर्भुगतान न करने की स्थिति में कार्ड दर पर ब्याज लगाया जाता है।

नियत तारीख से अधिक ब्याज अर्द्धवार्षिक रूप से लिया जाता है। इसके अलावा जिन फसलों के लिए ऋण दिया गया है, उनके लिए प्रत्याशित कटाई और विपणन की अवधि के अनुसार पुनर्भुगतान अवधि तय की जा सकती है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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