शकरकंद (Sweet Potato) हमारे सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। आमतौर पर शरीर में खून की कमी होने पर हमें शकरकंद खाने के की सलाह दी जाती है। रक्त के संचार के लिए शकरकंद खाना बहुत ही उपयोगी साबित होता है। मार्केट में इसकी अच्छी खासी मांग भी है और इसके व्यापार से काफी मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
भारत में लगभग 2 लाख हेक्टेयर जमीन पर शकरकंद की खेती की जाती है। आइए जानते हैं कि कैसे होती है शकरकंद की खेती, पढ़ें विस्तार से-
किन-किन राज्यों में होती है शकरकंद की खेती?
भारत में मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा जैसे राज्यों में शकरकंद की खेती की जाती है।
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कैसे वातावरण में होती है शकरकंद की खेती?
शकरकंद की खेती के लिए 21 से 28 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उचित माना जाता है। ऐसी जगह जहां 70 से 150 सेंटीमीटर तक सालाना बारिश होती है वहां भी शकरकंद की खेती की जा सकती है।
शकरकंद की खेती में यह मिट्टी है उप्युक्त
शकरकंद की खेती के लिए उत्तम जल निकास वाली चिकनी या फिर दोमट मिट्टी को सबसे बेहतरीन माना जाता है। शकरकंद की खेती के लिए हल्की रेतीली और भारी चिकनी मिट्टी का प्रयोग नहीं किया जाता है क्योंकि शकरकंद की गांठों का विकास होना बहुत जरूरी माना जाता है।
कितनी उपज होती है?
शकरकंद को तैयार होने में लगभग 120 दिनों का समय लगता है। अगर हमें 100 क्विंटल शकरकंद का उत्पादन चाहिए तो हमें 1 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। अगर बात करें मुनाफे की तो 1 हेक्टेयर जमीन से एक किसान करीब 1.5 लाख तक मुनाफा आराम से कमा सकता है।
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जानें शकरकंद की खेती के फायदे
- शकरकंद खाने से हमारे शरीर में विटामिन ए की पूर्ति होती है।
- शकरकंद हमारे शरीर में आयरन की पूर्ति करता है साथ ही हमारे शरीर के एनर्जी लेवल को भी बढ़ाता है।
- शकरकंद खाने से विटामिन डी की पूर्ति होती है जिससे दांतों, त्वचा, नसों और हड्डियों की सेहत का ख्याल रखने में मदद मिलता है।
- शकरकंद में कैलोरी और स्टारच दोनों ही सामान्य मात्राएं में पाई जाती हैं जिससे हमें कोलेस्ट्रोल और सिचुएटेड फैट से दूर रहने में मदद मिलता है।
- हमारे किडनी और नर्वस सिस्टम को मजबूती प्रदान करने में भी शकरकंद एक बहुत ही उपयोगी और लाभदायक फल साबित हो सकता है।