बागवानी से किसानों को मिला नया रास्ता, अमरूद की खेती बनी तरक्क़ी की मिसाल
अमरूद की खेती से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। अमरूद की पिंक ताइवान क़िस्म बाज़ार में लोकप्रिय होकर किसानों के लिए वरदान बनी।
अपने खेतों में स्वाद से भरपूर फल, फूल और सब्जियों की खेती करने के लिए विशेषज्ञ सुझाव और तकनीकें।
अमरूद की खेती से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। अमरूद की पिंक ताइवान क़िस्म बाज़ार में लोकप्रिय होकर किसानों के लिए वरदान बनी।
बिहार जैसे घनी आबादी वाले राज्य में जहां जोत छोटी है और संसाधन सीमित, मशरूम की खेती एक वरदान साबित हो सकती है। ये एक ऐसी कृषि तकनीक है जिसे छोटे से घर के आंगन या खेत के एक कोने में भी शुरू किया जा सकता है। सबसे बड़ा फायदा ये है कि मशरूम की फसल बेहद कम समय में तैयार हो जाती है।
उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले के किसानों के लिए मसाला की खेती (Spice Farming In Uttar Pradesh) एक सुनहरा अवसर लेकर आई है। सरकार की एक ख़ास स्कीम के तहत किसानों को न सिर्फ आर्थिक मदद दी जा रही है, बल्कि उन्हें लाभदायक खेती के गुर भी सिखाए जा रहे हैं।
झारखंड की संस्कृति और जीवन से जुड़ा काशी फूल शरद ऋतु का प्रतीक है। यह फूल आजीविका और धार्मिक महत्व दोनों में अहम भूमिका निभाता है।
विदेशी सब्ज़ियों की खेती कर हरियाणा के किसान राजेश ने वैज्ञानिक तरीके से लाखों की कमाई की, जो किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
लाहौल के किसान तोग चंद ठाकुर ने देश में पहली बार हींग की खेती में सफलता पाई, आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम।
गन्ने के साथ प्याज की खेती और जैविक खेती से मुनाफ़ा कमा रहे हैं दिल्ली के किसान सत्यवान, जिन्होंने अपनाया गौ आधारित सफल खेती मॉडल।
प्रणाली प्रदीप मराठे (Pranali Pradeep Marathe) जिन्होंने अपने जुनून और मेहनत से जैविक खेती (Organic Farming) की नई मिसाल कायम की है। प्रणाली की ज़मीन पूरी तरह से पत्थरों से ढकी हुई थी, जहां मिट्टी का नामोनिशान तक नहीं था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पत्थरों में छेद करके गड्ढे बनाए, उनमें मिट्टी भरी और धीरे-धीरे अपने घर के आसपास 0.2 एकड़ ज़मीन पर जैविक खेती (Organic Farming) शुरू की।
गेंदा फूल की खेती से खूंटी के महिला और युवा किसान बन रहे लखपति, फूलों की खेती बन रही है ग्रामीण क्षेत्रों में आय का नया ज़रिया।
मुख्यमंत्री क्लस्टर योजना से राजेश रंजन ने नींबू की खेती में पाई सफलता, अब कई किसानों को बन रहे हैं आत्मनिर्भरता की प्रेरणा।
ककोड़ा की खेती से चंबल और मुरैना के आदिवासी समुदायों को मिल रही नई पहचान, सेहत और आय दोनों में आ रहा सुधार।
गेंदे की खेती (Marigold Farming) कर बुलंदशहर की हेमलता बनीं प्रगतिशील किसान, सालभर फूल और मशरूम की खेती से कमा रहीं हैं अच्छी आमदनी।
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) अपनाकर हिमाचल के किसान जीत सिंह ने सेब उत्पादन में बढ़ोतरी की और ख़र्च भी घटाया।
राजस्थान का सांचौर क्षेत्र (Sanchore Area Of Rajasthan ) के किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर आम की बागवानी (Mango Horticulture) को अपनाया है
सेब और कीवी की खेती ने उत्तराखंड की सविता रावत को आत्मनिर्भर बनाया, जिससे ग्रामीण आजीविका और रिवर्स माइग्रेशन को बल मिला।
क्या आप जानते हैं कि आम की फ़सल (Mango Cultivation) भारत में 5,000 साल पहले शुरू हुई थी? और आज भी दुनिया के लगभग 50 फीसदी आम भारत में ही उगाए जाते हैं। हर साल 22 जुलाई को राष्ट्रीय आम दिवस (National Mango Day 2025) मनाया जाता है।
ऑयस्टर मशरूम की खेती कर विमला साहू बनीं आत्मनिर्भर, उनकी कहानी आज महिलाओं के लिए बन गई है प्रेरणा का स्रोत।
प्राकृतिक खेती (Natural farming) से हिमाचल की सुषमा चौहान ने फल उत्पादन में पाया शानदार सुधार और ख़र्च घटाकर मुनाफ़ा बढ़ाया।
सरसों की जैविक खेती (Bio mustard farming) से कम लागत में अधिक मुनाफ़ा संभव है। नए शोध से साबित हुआ है कि जैविक तरीक़े से उपज को साल दर साल बढ़ाया जा सकता है।
पॉलीहाउस में खेती से किसान कमा रहे लाखों, सरकार दे रही अनुदान और ड्रिप सिस्टम से हो रही जल बचत, जानिए पूरी कहानी।