यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना पर काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य आधारशिला रखने के पूर्व कर लिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस परियोजना से सरकारी खजाने पर 36,410 करोड़ रुपए का भार आएगा जिसमें से 22,145 करोड़ रुपए सिविल कार्यों के लिए खर्चें जाएंगे।
जून 2021 में रखी जाएगी प्रोजेक्ट की आधारशिला
यह प्रोजेक्ट 36,410 करोड़ रुपए का है। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य की समीक्षा करने के बाद अधिकारियों को ‘मिशन मोड’ में काम करने के आदेश दिए। गंगा एक्सप्रेस वे पर योगी आदित्यनाथ ने एक बयान जारी कर कहा कि मेरठ से इलाहाबाद तक छह लेन के इस प्रोजेक्ट की आधारशिला जून 2021 में रखी जाएगी। इस परियोजना में 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा।
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बारह जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे, 18 फ्लाईओवर, 8 रोड़ ब्रिज होंगे
बयान में कहा गया है कि एक्सप्रेसवे मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद के बारह जिलों से होकर गुजरेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के पहले चरण में मेरठ, ज्योतिभा फुले नगर, हापुड़, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, फरूखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले शामिल होंगे। इसमें पांच प्रमुख पुल, आठ रोड-ओवरब्रिज और 18 फ्लाईओवर होंगे। एक्सप्रेसवे में 6 लेन एक्सेस नियंत्रित (8 लेन तक विस्तार योग्य) कॉन्फ़िगरेशन होगा।
उन्होंने कहा कि इन जिलों में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे तथा इन क्षेत्रों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक रहेगा। इस परियजोना के लिए सरकार विदेशी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स और भारतीय बैंकों से संपर्क में हैं।