आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए शुरू की गयी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जालसाजों से अछूती नही रही। उत्तर प्रदेश में ढाई लाख से अधिक अपात्र जालसाजी से इस योजना की निधि हड़प रहे हैं। मामला उजागर होने के बाद ज्यादातर जिलों में अपात्रों की पहचान कर रकम वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
जालसाजी करने वालों में नौकरी करने वाले, पेंशन धारकों के साथ-साथ भूमिहीन व्यक्ति भी शामिल है। खतौनी, बैंक पासबुक और आधार कार्ड के जरिए अपात्रों ने आवेदन कर निधि का लाभ उठाना शुरू किया। इसमें सबसे ज्यादा शाहजहाँपुर में 66 हजार अपात्र पाए गए हैं। उसके बाद प्रयाग राज में 60 हजार, प्रतापगढ़ में 40 हजार, बरेली में 37 हजार अपात्रों को चिह्नित किया गया है। वहीं, चित्रकूट, बदायूं, हरदोई, बनारस, गोरखपुर, मेरठ , एटा, आगरा, मैनपुरी आदि जिलों में भी अपात्र पाए गए हैं। इसके साथ , सभी जिलों में लाभार्थियों का सत्यापन किया जा रहा है।
उधर, योजना की शुरुआत में सत्यापन कर सूची में नाम जोड़ने वाले लेखपालों की भी जांच की जा रही है। अंदेशा है कि सेवाशुल्क लेकर या अधिकारियों के दबाव में उन्होंने अपात्रों का नाम सूची में शामिल किया था। मामले की जांच के बाद लेखपालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
दो साल पहले शुरू हुई थी योजना
कमजोर किसानों को आर्थिक सहायता के लिए प्रधानमंत्री ने एक दिसंबर 2018 को किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत, जरूरतमंद किसानों के खाते में हर साल छह हजार रुपए तीन किस्त में पहुंचाए जा रहे हैं।
कैसे करें आवेदन
किसान जनसेवा केंद्र के जरिए खतौनी, आधार कार्ड व बैंक पासबुक की कॉपी के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन का डाटा किसान के संबंधित तहसील में भेजा जाता है। फिर राजस्व विभाग संबंधित किसान का सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट जारी करता है। राजस्व विभाग की ऑनलाइन रिपोर्ट के बाद उस किसान के बैंक खाते में सम्मान निधि की किस्त भेजी जाती है।
लाभार्थी होने की शर्तें
किसान सम्मान निधि के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही योग्य हैं। इसके ऊपर के पदों पर काम करने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा सेवानिवृत्त 10 हजार से कम की पेंशन पाने वाले पात्र माने जाते हैं। लाभार्थी संवैधानिक पद पर नही हो। वकील, सीए व डॉक्टर भी योजना के लिए अपात्र हैं। आयकर देने वाले भी पात्रता की श्रेणी में नहीं आते।
इनका कहना है…
प्रतापगढ़ में 40 हजार से अधिक लोग अपात्र मिले हैं। इनसे वसूली करने के साथ ही इनका सत्यापन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
– डॉ. रघुराज सिंह, उपकृषि निदेशक प्रतापगढ़