कोरोना के लगातार भयावह हो रहे प्रभाव के बीच एक सुखद सूचना ये है कि पंजाब में अब तक 121.7 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद हो चुकी है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में 5.23 लाख मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा गया था।
दूसरी खुशगवार बात ये है कि इस बार राज्य में किसानों को उपज का दाम मंडियों के आढ़तियों के ज़रिये नहीं, बल्कि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम की बदौलत सीधे उनके बैंक खातों में पहुँच रही है।
पिछले हफ्ते तक पंजाब के किसानों के खाते में 202.69 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। पहली बार डिजिटलाइजेशन पालिसी को गेहूँ खरीद से जोड़े जाने की वजह से किसानों को तेज़ी से उनका हक़ मिल पा रहा है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत अन्य राज्यों में रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद जारी है। शुरुआत में आवक कम रही, लेकिन धीरे-धीरे इसके बढ़ने से खरीद प्रक्रिया में तेज़ी आती गयी।
आढ़तियों ने किसानों से लिये चैक
पहले पंजाब और हरियाणा के आढ़तियों ने फसल की सरकारी खरीद का पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजने के आदेश का विरोध किया था। आढ़तियों का कहना था कि किसानों को कर्ज़ हम देते हैं, अगर सरकार पुरानी व्यवस्था के तहत किसानों को हमारे ज़रिये नहीं बल्कि सीधे भुगतान करेगी तो किसान हमारा कर्ज़ लौटाने में हीला-हवाली करेंगे। इसीलिए आढ़तियों से अपनी रकम की उगाही के लिए अबकी बार किसानों से पोस्ट डेटेड चेक लेने की तरकीब निकाल ली है। ताकि किसान को भुगतान होने के बाद आढ़तिये भी अपना चेक भुना सकें।
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DBT से आयी पारदर्शिता
पहले पंजाब और हरियाणा के आढ़तियों ने फसल की सरकारी खरीद का पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजने के आदेश का विरोध किया था। आढ़तियों का कहना था कि किसानों को कर्ज़ हम देते हैं, अगर सरकार पुरानी व्यवस्था के तहत किसानों को हमारे ज़रिये नहीं बल्कि सीधे भुगतान करेगी तो किसान हमारा कर्ज़ लौटाने में हीला-हवाली करेंगे। इसीलिए आढ़तियों से अपनी रकम की उगाही के लिए अबकी बार किसानों से पोस्ट डेटेड चेक लेने की तरकीब निकाल ली है। ताकि किसान को भुगतान होने के बाद आढ़तिये भी अपना चेक भुना सकें।
जालन्धर के उपायुक्त घनश्याम थोरी ने बताया कि ज़िले 137 खरीद केन्द्र बनाये गये हैं। इनमें फसल बेचने वाले किसानों के सीधे उनके बैंक खातों में राशि भेजी जा रही है। इसके लिए मंडी के कर्मचारियों को ख़ासतौर पर प्रशिक्षित किया गया है, ताकि किसानों को कोई दिक्कत नहीं हो। नये इन्तज़ाम से किसान भी खुश हैं क्योंकि 24 घंटे के भीतर पैसा उनके हाथ आ गया।