कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर तथा वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर कहा है कि किसान आंदोलन के मुद्दे को सुलझाने के लिए बनने वाली कमेटी में सरकार कैट का भी नाम शामिल करें। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव रखा था।
CAIT ने कहा कि देश के करोडों व्यापारियों तथा अन्य वर्गों का भी कृषि कानूनों से प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष संबंध हैं, इसलिए उन्हें भी कमेटी का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री पत्र में कहा है कि कृषि कानून को न केवल किसानों के साथ बल्कि अन्य कई स्टेकहोल्डर्स के साथ सीधा संबंध है जिसमें किसानों द्वारा बीज की बुवाई, जमीन की खेती और अंत में किसानों द्वारा उपजाई गई फसलों को उपभोक्ता तक पहुंचाने का सारा काम व्यापारियों के द्वारा ही होता है।
देश भर में करोड़ों व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उक्त समिति के सदस्य के रूप में कैट को अवश्य शामिल किया जाना चाहिए।
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ने कहा है कि देश में बड़ी संख्या में व्यापारी कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियों में लगे हुए हैं – जैसे मंडियों और मंडियों के बाहर काम करने वाले व्यापारी, किसानों को उनकी फसल के लिए परिवहन, अनेक कृषि वस्तु, खाद्यान्न, कृषि उपकरण और औजार, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्यान, बीज का व्यापार आदि। इसलिए कृषि बिलों से उपजे वर्तमान मुद्दों पर कोई भी निर्णय लेते समय सभी स्टेकहोल्डर्स के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन के कारण दिल्ली में खाद्य सामग्री की आपूर्ति प्रभावित हो रही है जिसके कारण इनकी कीमतें बढ़ रही है और आवश्यक वस्तुओं जैसे दवाईयों तथा दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।