नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार रात किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान यूनियन ने एक युवक को पेश कर चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान बाधा डालने की कोशिश की जा रही है। रैली के दौरान चार किसान नेताओं की हत्या की साजिश रची गई है। पकडा गया युवक खुद को पुलिसकर्मी बताकर किसानों के बीच रेकी कर रहा था। इस दावे के बाद हरियाणा पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
पकड़े गए संदिग्ध युवक ने मीडिया कर्मियों को बताया कि 10 लोगों की टीम को किसान आंदोलन में माहौल खराब करने के लिए भेजा गया है। प्लान यह था कि जब किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे तो दिल्ली पुलिस से नोकझोक के दौरान हम पीछे से फायरिंग कर देंगे।
रैली के दौरान चार किसान नेताओं को गोली मारने का भी आदेश दिया गया था। किसानों को तितर-बितर करने के लिए कुछ लोग पुलिस की वर्दी में भी होंगे।
हालांकि पकड़े गए युवक ने यह भी कहा कि वह साजिश का एक छोटा सा मोहरा है। उसने ये दावा भी किया कि उसे ये हथियार हरियाणा पुलिस के एक अफसर ने दिए। हालांकि पुलिस की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है।
ट्रैक्टर परेड के लिए किसानों की पुख्ता व्यवस्था
किसान संगठनों ने 26 जनवरी को दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया है, लेकिन अब तक दिल् ली पुलिस ने अब तक उन्हें इसी इजाजत नहीं दी है।
किसी भी टकराव की संभावना को देखते हुए किसानों ने आंसू गैस और वाटर कैनन से बचने के लिए ट्रैक्टरों को फाइबर शीट से कवर किया है। इसके अलावा बैरिकेड हटाने के लिए ट्रैक्टरों के आगे लोहे की मजबूत रॉड लगवाई है।
सरकार की ओर इशारा
इसी आरोपी ने पिछले दिनों करनाल में भी रैली के दौरान हुए हंगामे और लाठीचार्ज के दौरान माहौल खराब करने की कोशिश की थी। बता दें कि इससे पहले खटकड़ टोल पर किसानों ने कहा कि चढूनी विवाद पर सरकार आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।