संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों के नेताओं ने अभी से 4 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली मीटिंग के विफल होने की स्थिति से निपटने के लिए योजना बनाना शुरु कर दिया है। किसान नेताओं की शुक्रवार को सिंघुबॉर्डर हुई बैठक में फैसला लिया गया कि चार जनवरी को सरकार के साथ होने वाली वार्ता विफल होने पर आंदोलन को तेज करते हुए छह जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी।
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इस संबंध में बोलते हुए भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी किसान हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि बैठक में सरकार के साथ होने वाली अगली वार्ता के विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। सरकार ने हमारी दो मांगे मान ली है, लेकिन दो अहम मांग अभी बाकी हैं , जिन पर चार जनवरी को चर्चा होगी। अगर, सरकार के साथ वार्ता के दौरान इन दो मांगों पर बात नहीं बनी तो छह जनवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का शनिवार को 38वां दिन है। आंदोलनकारी किसान संगठन तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि किसानों के सुझावों के अनुरूप इनमें संशोधन कर दिया जाएगा। इसी बात पर पेंच फंसा हुआ है जिसके कारण छह दौर की वार्ता होने के बावजूद किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है।