ICAR-IIWBR द्वारा ईज़ाद की गई गेंहू की किस्में भी शामिल

ये बीज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खेती की सुरक्षा करने और कुपोषण मुक्त भारत के अभियान में बहुत सहायक होने वाला हमारे वैज्ञानिकों की खोज का परिणाम है।

गेंहू की किस्में ( 35 crop varieties ) ICAR-IIWBR

गेंहू की किस्में: देश के कृषि वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा है कि आज किसानों को एक बड़ी सौगात मिली है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अलग-अलग फसलों की नई 35 किस्मों को विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन 35 नई बीजों की किस्मों को देश को समर्पित किया। पीएम मोदी ने इन 35 किस्मों के बारे में बात करते हुए कहा कि सरकार लगातार छोटे किसानों के हित में काम कर रही है।

उसी दिशा में ये एक बड़ा कदम है। इन किस्मों में कुटु, किनोवा, गेहूं, धान, अरहर, सोयाबीन, सरसों, मक्का, ज्वार, बाजरा, चना, वाकला की किस्में शामिल हैं। फसल की नई किस्में न सिर्फ़ किसानों को अच्छी उपज देंगी, बल्कि उनकी आय में भी बढ़ोतरी करेंगी।

ये किस्में कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर

इन 35 किस्मों में ICAR-IIWBR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान) द्वारा ईज़ाद की गई गेंहू की डीबीडब्ल्यू-327 और डीबीडब्ल्यू-332 भी शामिल हैं। अधिक प्रोटीन, आयरन, जिंक और विटामिन वाली गेंहू की ये किस्में कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर हैं। बीज की इन नई किस्मों को जलवायु के हिसाब से तैयार किया गया है। इन किस्मों के रखरखाव के लिए किसानों को पेस्टीसाइड पर भी अलग से खर्च नहीं करना होगा, क्योंकि इनकी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है।

फसलों की किस्म ( 35 crop varieties ) ICAR-IIWBR

ज़्यादा उपज और उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता

IIWBR के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने संस्थान की इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की। बता दें कि इन किस्मों की पैदावार के बारे में जानकारी देते हुए हाल ही में डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया था कि इन उच्च उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में छह से सात साल का समय लगा, जो रोग प्रतिरोधी और गुणवत्ता में बेहतर हैं। ये किस्में 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की औसत उत्पादन क्षमता रखती हैं।

फसलों की किस्म ( 35 crop varieties ) ICAR-IIWBR

घर बैठे किसान कर सकेंगे इन नई किस्मों की बुकिंग

किसान ऑफ़ इंडिया से खास बातचीत में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिक डॉ. चंद्र नाथ मिश्रा ने कहा, “जब किस्म नोटिफाई होती है तो उसके अगले साल तक किसानों को किस्में उपलब्ध कराई जाती हैं। जैसे पिछले साल हमारी 303 गेंहू की किस्म आई थी, तो हमने इस साल दस हज़ार किसानों को ये किस्म ऑनलाइन बुक करा के मुहैया करवाईं। इसी सिस्टम पर हम नई किस्में भी किसानों को उपलब्ध कराएंगे।”

फसलों की किस्म ( 35 crop varieties ) ICAR-IIWBR

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जलवायु के अनुकूल तैयार की गई हैं ये किस्में

वहीं पीएम मोदी ने इन 35 किस्मों के बारे में बात करते हुए कहा, “ये बीज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खेती की सुरक्षा करने और कुपोषण मुक्त भारत के अभियान में बहुत सहायक होने वाला हमारे वैज्ञानिकों की खोज का परिणाम है। पिछले वर्ष ही कोरोना से लड़ाई के बीच में हमने देखा है कि कैसे टिड्डी दल ने भी अनेक राज्यों में बड़ा हमला कर दिया था।

भारत ने बहुत प्रयास करके तब इस हमले को रोका था, किसानों का ज़्यादा नुकसान होने से बचाया था। इन नई किस्मों में कुछ जल्दी तैयार हो जाने वाली है, कुछ खारे पानी में भी हो सकती है। यानी देश की अलग-अलग परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन्हें तैयार किया गया है।”

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल। 
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