किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को विज्ञान भवन में 3 घंटे से अधिक तक बातचीत हुई। हालांकि बातचीत समाप्त होने के बाद बाहर आए किसान नेताओं ने अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही है। किसान नेताओं के मुताबिक फिलहाल यह बातचीत बेनतीजा रही है।
किसान नेताओं का कहना है कि बातचीत का अगला दौर अब गुरुवार को शुरू होगा। किसान नेता सरदार चंदा सिंह ने कहा, “खेती कानून के विषय पर बात करने के लिए कृषि मंत्री, रेल मंत्री व अन्य लोग मौजूद थे।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ हुई बैठक बेनतीजा रही है। कृषि मंत्री ने हमसे कहा कि एक छोटी कमेटी बना दो। सरकार, किसानों की उस छोटी कमेटी से इस सब विषयों पर बात करेगी, लेकिन हमें सरकार का यह प्रस्ताव मंजूर नहीं है, अब सरकार से अगली बातचीत गुरुवार को होगी। पंजाब के किसानों और केंद्र सरकार के बीच हुई इस बातचीत में पंजाब की छह अलग-अलग किसान यूनियनों के सदस्य मौजूद रहे।
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक समाप्त होने के उपरांत कहा, “भारत सरकार ने मंगलवार को किसानों के साथ तीसरे दौर की वार्ता संपन्न की। एक दूसरे के प्रति काफी समझ बनी है। हम लोगों ने यह तय किया है कि अब परसों यानी गुरुवार को वार्ता का अगला चरण शुरू होगा। गुरुवार को किसान अपना इश्यू लेकर आएंगे और फिर चर्चा की जाएगी।”
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहा, “सामान्य तौर पर हम सब लोग चाहते थे की एक समिति बने, लेकिन उनका (किसानों) का कहना यह था कि सभी लोग एक साथ मिलकर बात करेंगे। हम किसान भाइयों से आग्रह करते हैं कि वह आंदोलन स्थगित करें और बातचीत करें, लेकिन यह निर्णय किसानों पर निर्भर करता है।”
पंजाब से आए किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान और दिल्ली हरियाणा सीमा पर यह किसान अपना विरोध जता रहे हैं। इन किसानों को अन्य राज्यों के कुछ किसानों का भी साथ मिल रहा है। इनमें उत्तरप्रदेश प्रमुख है। किसान का कहना है कि वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस बीच मंगलवार को केंद्र सरकार से बातचीत के लिए किसान संगठन विज्ञान भवन पहुंचे थे। सरकार की तरफ से उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था।