Millets Farming: ‘पौष्टिक अनाज वर्ष 2023’ के ज़रिये मिलेट्स या मोटे अनाज के सेवन पर ज़ोर
हरित क्रान्ति से पहले देश के ग्रामीण परिवारों के दैनिक आहार में मोटे अनाजों से तैयार पारम्परिक व्यंजन ख़ूब प्रचलित थे। गेहूँ, चावल और मक्का वग़ैरह के मुक़ाबले परम्परागत मोटे अनाजों यानी मिटेल्स की खेती आसान और कम लागत में होती है। लेकिन जैसे-जैसे गेहूँ-चावल की उपलब्धता बढ़ती गयी वैसे-वैसे इसे आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों के अनाज के रूप में देखा जाने लगा। इसकी वजह से इससे साल दर साल मोटे अनाज की माँग और पैदावार गिरती चली गयी।