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कृषि समाचार – देश-विदेश के कृषि जगत में होने वाली नित नई घटनाओं तथा खोजों की जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

पोटैटो प्लांटर मशीन (Potato Planter Machine)
कृषि उपकरण, न्यूज़, पोटैटो डिगर

Potato Planter: पोटैटो प्लांटर मशीन यानि मेहनत और लागत की बचत, जानें ख़ासियत और दाम

पहले हाथ से ही आलू की बुवाई की जाती थी, जो किसानों के लिए एक धीमी और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया हुआ करती थी। अब एडवांस पोटैटो प्लांटर की मदद से आलू की बुवाई की प्रक्रिया सहज हो गई है।

मुर्गी पालन poultry farming
पशुपालन, न्यूज़, मुर्गी पालन

Poultry Farming: मुर्गी पालन की उन्नत नस्ल वनराजा (Vanaraja) से कितनी कमाई?

कई ऐसे किसान हैं, जिनके पास खेती के लिए ज़मीन नहीं है या बहुत कम ज़मीन हैं, तो उनके लिए मुर्गी पालन आमदनी का बेहतरीन ज़रिया है। लेकिन इसके लिए सही नस्ल और वैज्ञानिक तकनीक की जानकारी ज़रूरी है।

makhana farming scientific cultivation मखाने की खेती उन्नत तकनीक
फलों की खेती, अन्य फल, न्यूज़, फल-फूल और सब्जी

मखाने की खेती (Fox Nut Farming): Latest Techniques अपनाकर आप कई तरह से उगा सकते हैं मखाना

मखाने की खेती के लिए गर्म मौसम और पानी की भरपूर उपलब्धता ज़रूरी है, तभी तो तालाब और पोखर वाले इलाके में इसकी खूब खेती होती है। इसकी खेती की कई उन्नत तकनीकें कृषि संस्थानों ने सुझाई हैं। क्या हैं वो तकनीकें? जानिए इस लेख में।

परवल की खेती (Pointed Gourd)
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परवल की खेती (Pointed Gourd): जानिए परवल की उन्नत किस्मों के बारे में, बाज़ार में अच्छा चल रहा परवल का भाव

परवल की खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है। इसका उपयोग मुख्य रूप से सब्जी, अचार और मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। क्या इसका दाम है? देश के अलग-अलग हिस्सों में कैसे इसकी खेती जाती है? परवल की खेती से जुड़ी है कई अहम बातों के बारे जानिए।

सूअर पालन pig farming
पशुपालन, न्यूज़, सूअर पालन

वैज्ञानिक सूअर पालन में किन बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी? Pig Farming में झारखंड का ये युवा बना मिसाल

कम लागत में अधिक मुनाफ़ा कमाने का अच्छा ज़रिया है सूअर पालन, मगर पारंपरिक तरीका अपनाने पर इस व्यवसाय से अधिक लाभ नहीं होता। यदि आप बढ़िया मुनाफ़ा चाहते हैं तो झारखंड के इस युवा की तरह वैज्ञानिक तरीके से सूअर पालन का व्यवसाय करें।

सब्जियों की खेती कर्नाटक किसान vegetable farming
सब्जियों की खेती, अन्य सब्जी, टमाटर, न्यूज़, फल-फूल और सब्जी, बैंगन

सब्जियों की खेती कर रहे कृष्णैया कभी मक्खन बेचा करते थे, जानिए सब्जियों की कौन सी उन्नत किस्मों का किया चुनाव

कर्नाटक के तुमकूर ज़िले के रहने वाले कृष्णैया खेती की आधुनिक तकनीक सीखने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं। यही वजह है कि कुछ ही साल में सब्जियों की खेती में उन्होंने सफलता पाई है।

चीकू की खेती sapota cultivation chiku farming
फल-फूल और सब्जी, अन्य फल, न्यूज़, फलों की खेती

Sapota Cultivation: क्या है चीकू की खेती करने की आधुनिक तकनीक? सही प्रबंधन और सिंचाई से अच्छी होगी पैदावार

चीकू को सपोटा भी कहा जाता है। भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में की जाती है। करीब 65 हज़ार एकड़ ज़मीन पर चीकू की खेती की जा रही है।

डेयरी फ़ार्मिंग dairy farming
पशुपालन और मछली पालन, देसी गाय, न्यूज़, पशुपालन, वीडियो

डेयरी फ़ार्मिंग (Dairy Farming): देसी गाय पालन से बड़ा किसान कालू यादव का दूध उत्पादन, ऐसे करते हैं मार्केटिंग

लखनऊ के बालकिशन कालू यादव के यहां पीढ़ियों से पशुपालन हो रहा है और वह खुद भी बचपन से इसी काम में लगे हुए हैं। किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में उन्होंने अपने डेयरी फ़ार्मिंग के व्यवसाय के बारे में कई बातें बताईं।

करण वंदना गेहूं की किस्म (karan vandana DBW 187 wheat variety)
न्यूज़, कृषि उपज, गेहूं

Karan Vandana (DBW 187): जानिए करण वंदना से कैसे लें बंपर कमाई

भारत में धान के बाद गेहूं ही लोगों का मुख्य भोजन है, इसलिए इसका अधिक उत्पादन किया जाता है। पूरे विश्व में गेहूं उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर है। देश के कृषि वैज्ञानिक गेहूं की उन्नत किस्मों पर काम करते रहते हैं। इन्हीं में से एक किस्म करण वंदना के बारे में हम आपको बताएंगे।

बंश गोपाल सिंह नर्सरी कैसे लगायें ( how to start nursery plant)
एग्री बिजनेस, ट्रेनिंग, न्यूज़, फल-फूल और सब्जी, सक्सेस स्टोरीज, सब्जी/फल-फूल/औषधि, होम गार्डनिंग

अगर घर में लगाने हों पौधे या बड़ी नर्सरी तो मिलिए बंश गोपाल सिंह से, फ़्री में देते हैं कंसल्टेंसी और जानकारी

बंश गोपाल सिंह की नर्सरी में एक रुपये से लेकर 18 हज़ार तक के पौधे मिलते हैं। वो बताते हैं कि ऐसा कोई पौधा नहीं है, जो उनके वहां नहीं मिलता।

Frost management फसलों पर पाला
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फसल प्रबंधन

Frost Management: फ़सलों पर पाला क्यों है बेहद घातक? जानिए क्या हैं बचाव के दर्जन भर उपाय?

फ़सलों पर पाला पड़ना बेहद घातक होता है। पाले से फ़सल को बचाने के लिए किसी भी तरह से वायुमंडल के तापमान को ज़ीरो डिग्री सेल्सियस से ऊपर बनाये रखना ज़रूरी होता है। इसके लिए अनेक परम्परागत, आधुनिक और रासायनिक तरक़ीबों को अपनाना चाहिए। पाला से होने वाले नुकसान के मुक़ाबले ये तरीके इस्तेमाल में आसान और बहुत कम खर्चीले हैं।

Integrated Farming एकीकृत खेती
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Integrated Farming: इस महिला ने खड़ा किया साथी किसानों के लिए मॉडल फ़ॉर्म, आज महीने का कमाती हैं लाख रूपये

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले की रहने वाली अनीता पुष्पा कृषि परिवार से ताल्लुक नहीं रखती, बावजूद इसके वो न सिर्फ़ एक सफल किसान हैं, बल्कि आसपास के लोग उन्हें एक प्रेरणास्रोत के रूप में देखते हैं और यह सब संभव हुआ उनके द्वारा खेती में Integrated Farming यानी एकीकृत कृषि प्रणाली इस्तेमाल करने से।

नारी साग की फसल naari saag ki kheti
सक्सेस स्टोरीज, न्यूज़, सफल पुरुष किसान

Water Spinach: नारी साग (Naari Saag) की उन्नत किस्म से हुई 12 से 15 लाख रुपये की आमदनी

नारी साग की खेती (Nari Saag Farming) आमतौर पर जलभराव वाले इलाकों में की जाती है, लेकिन ICAR ने इसका ऐसा वैज्ञानिक खेती का तरीका ढूंढ़ लिया है, जिससे अपलैंड यानी ऊपरी इलाकों में भी इसे आसानी से उगाया जा सकता है और पौधे जल प्रदूषण से भी बचे रहेंगे।

एलोवेरा की खेती (Aloe Vera Farming)
एग्री बिजनेस, औषधि, न्यूज़, विविध

एलोवेरा की खेती (Aloe Vera Farming): बेकार पड़ी ज़मीन पर बढ़िया कमाई का ज़रिया, न कोई रोग और न ही जानवर से खतरा

बेकार ज़मीन के लिए भी एलोवेरा की खेती वरदान बन सकती है। एलोवेरा की व्यावसायिक खेती में प्रति एकड़ 10-11 हज़ार पौधे लगाने की लागत 18-20 हज़ार रुपये आती है। इससे एक साल में 20-25 टन एलोवेरा प्राप्त होता है, जो 25-20 हज़ार रुपये प्रति टन के भाव से बिकता है। यानी एलोवेरा की खेती में अच्छे मुनाफ़े की गारंटी है, क्योंकि इसे ज़्यादा सिंचाई, खाद और कीटनाशक की ज़रूरत नहीं पड़ती।

कृषि विज्ञान केन्द्र krishi vigyan kendra in india कृषि विज्ञान केंद्र
न्यूज़, लाईफस्टाइल

KVK: आख़िर कैसे किसानों के बेहतरीन दोस्त बनते चले गये कृषि विज्ञान केन्द्र?

देश के 742 ज़िलों में से अब तक 731 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित हो चुके हैं। सरकारों ने KVK में अनेक बुनियादी सुविधाएँ, जैसे दलहन बीज हब, मिट्टी परीक्षण किट, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, एकीकृत कृषि प्रणाली, कृषि मशीनरी और उपकरण, ज़िला कृषि मौसम इकाई आदि को बदलते दौर के साथ मज़बूत किया है। हालाँकि, अभी तक 657 कृषि विज्ञान केन्द्र ही ऐसे हैं जिनके पास अपना प्रशासनिक भवन है, तो 521 ऐसे KVK भी हैं जिनमें किसानों के लिए हॉस्टल की भी सुविधा है।

ट्राउट मछली पालन trout fish farming
सब्जियों की खेती, करेला, न्यूज़, फल-फूल और सब्जी

पॉलीहाउस में करेले की खेती करने से क्या होगा किसानों को फ़ायदा? जानिए इसका सही तरीका

करेला गर्मियों में मिलने वाली महत्वपूर्ण सब्ज़ी है, मगर इसके औषधिय गुणों के कारण पूरे साल बाज़ार में इसकी मांग बनी रहती है। ऐसे में किसान बिना मौसम के भी पॉलीहाउस में करेले की खेती के ज़रिए अच्छी आमदनी अर्जित कर सकते हैं।

मध्य प्रदेश वुमन पोल्ट्री प्रोड्यूसर कंपनी ने जानिए मुर्गीपालन कर रही महिलाओं की आय बढ़ाने में कैसे की मदद
पशुपालन और मछली पालन, न्यूज़, पशुपालन, मुर्गी पालन

MPWPCL Poultry Farming Model: जानिए मुर्गीपालन से जुड़ी महिलाओं की आय बढ़ाने में मध्य प्रदेश की एक कंपनी ने कैसे की मदद

MPWPCL (निर्माता कंपनी) ने स्मॉलहोल्डर पोल्ट्री मॉडल को अपनाया जो एक अभिनव मॉडल है। यह मॉडल मुर्गीपालन कर रही महिलाओं को कौशल, बुनियादी सुविधाएं, इनपुट और मार्केटिंग का अश्वासन देता है।

कर्नाटक श्रुति नर्सरी बिज़नेस karnataka shruti nursery business
सक्सेस स्टोरीज, एग्री बिजनेस, न्यूज़, बिज़नेस न्यूज़, सफल महिला किसान, स्टार्टअप

कर्नाटक की श्रुति नर्सरी बिज़नेस से सालाना कमा रहीं 50 लाख रुपये का मुनाफ़ा, किराए पर ज़मीन लेकर शुरू की थी नर्सरी

वाराश्री फ़ार्म एंड नर्सरी में करीबन 50 लोग काम करते हैं। नर्सरी बिज़नेस में श्रुति की सफलता के लिए उन्हें महिंद्रा एग्रीकल्चर अवॉर्ड 2016’, ‘उद्यान रत्न अवार्ड 2015’ जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

Eco-friendly Mulching: इको-फ़्रेंडली जैविक पलवार
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, बीज उत्पादन

Eco-Friendly Mulching: जैविक पलवार फसलों के लिए क्यों है फ़ायदेमंद? इको-फ़्रेंडली मल्चिंग से फसलों की बढ़वार

खरपतवार नियंत्रण किसानों की एक बड़ी समस्या है। ज़्यादातर किसान इसके लिए मल्चिंग तकनीक का सहारा लेते हैं जिसे पलवार कहते हैं, मगर प्लास्टिक शीट से मल्चिंग करना मिट्टी और फसल की सेहत के लिए ठीक नहीं होता, ऐसे में जैविक पलवार, प्लास्टिक मल्चिंग का बेहतरीन विकल्प है।

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