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कृषि समाचार – देश-विदेश के कृषि जगत में होने वाली नित नई घटनाओं तथा खोजों की जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

मखाने की खेती mithila makhana GI tag
न्यूज़, फसल न्यूज़

मखाने की खेती: मिथिला मखाने को मिला जीआई टैग, डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह से जानिए खेती की कौन सी तकनीकें बेहतर

बिहार में मखाने की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। मिथिलांचल मखाना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल गई है। इसके तहत मिथिलांचल मखाना को भौगौलिक संकेतक (GI) टैग मिला है।

हाई डेंसिटी तकनीक से सेब की खेती high density method in apple farming
फल-फूल और सब्जी, न्यूज़, फलों की खेती, सेब

हिमाचल में हो रही High Density Technique से सेब की खेती, जानिए विशाल शांकता से

विशाल शांकता बताते हैं कि कई युरोपियन और एशियन देशों में सेब की औसत उत्पादकता 50 टन प्रति हेक्टेयर है, जबकि भारत में यह केवल 7 से 8 टन है। हाई डेंसिटी तकनीक के इस्तेमाल से सेब की खेती में उत्पादन बढ़ता है और लागत भी कम लगती है। जानिए इस तकनीक के बारे में विस्तार से।

वैज्ञानिक तकनीक से खेती
सक्सेस स्टोरीज, न्यूज़, सफल महिला किसान

बचपन से दिव्यांग लीला शाही ने वैज्ञानिक तकनीक से खेती करके कृषि को अपनी आमदनी का ज़रिया बना दिया

किसी ने सच ही कहा है कि यदि दिल में कुछ करने की लगन हो तो कोई भी मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती। उत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले की महिला किसान लीला शाही ने इस बात को सच कर दिखाया है। अपनी शारीरिक अक्षमताओं को पीछे छोड़ते हुए वह कृषि क्षेत्र में पहचान बनाकर दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। उन्होंने वैज्ञानिक तकनीक से खेती के तरीकों को अपनाया है।

लो टनल पॉलीहाउस Low tunnel polyhouse
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फसल प्रबंधन

Low Tunnel Polyhouse: लो टनल पॉलीहाउस तकनीक से खेती कर रहा यूपी का किसान, बेमौसम सब्ज़ियों की खेती से हो रहा मुनाफ़ा

लो टनल पॉलीहाउस (Low Tunnel Polyhouse) तकनीक किस तरह से किसानों को फ़ायदा दे सकती है, इसके बारे में कृषि वैज्ञानिक डॉ सूर्यनाथ चौरसिया ने हमसे बात की। जानिए इस तकनीक से जुड़ी सारी जानकारी।

केले की खेती में टिश्यू कल्चर तकनीक
फल-फूल और सब्जी, केला, न्यूज़, फलों की खेती

केले की खेती में टिश्यू कल्चर तकनीक क्यों है सबसे कारगर? जानिए कृषि वैज्ञानिक डॉ. अजीत सिंह से

केले की टिश्यू कल्चर तकनीक में विशेषता है कि एक पौधे के टिश्यू को बायो लैब में मल्टीप्लाई करके एक बार में कम समय में पाँच सौ से हज़ार पौधे तैयार किए जाते हैं। इसे करने के लिए कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक के बारे में और जानें के लिए किसान ऑफ़ इंडिया ने बात की बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ़ हॉर्टिकल्चर के प्रोफेसर डॉ. अजीत सिंह से।

हेज लूर्सन
अन्य, न्यूज़, पशुपालन

हेज लूर्सन- पशुपालकों के हरे चारे की समस्या का हुआ समाधान

पशु अधिक दूध दें, इसके लिए उन्हें पौष्टिक हरा चारा देना ज़रूरी है। हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करना पशुपालकों के लिए काफी मुश्किल होता है। ऐसे मे हेज-लूर्सन उनकी मुश्किल कम कर सकता है जो पशुओं के लिए एक प्रोटीन युक्त चारा है।

जैविक खेती (organic farming)
जैविक खेती, जैविक/प्राकृतिक खेती, टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फसल प्रबंधन

इन युवाओं ने तैयार किया जैविक खेती (Organic Farming) का आधुनिक फ़ार्मिंग मॉडल, हज़ारों की संख्या में किसानों को जोड़ा

Kisan of India से ख़ास बातचीत में दीपेश कुमार चौहान ने जैविक खेती और किसानों की आय में बढ़ोतरी जैसे विषयों पर हमसे बात की। साथ ही, गौपालन के क्षेत्र में लीक से हटकर उन्होंने कदम उठाया है।  

अंकुरित काजू
एग्री बिजनेस, न्यूज़, फ़ूड प्रोसेसिंग

नौकरी गई तो शुरू किया अंकुरित काजू का व्यवसाय और बन गए सफल कृषि उद्यमी

जब दिल में कुछ करने की चाह हो तो रास्ते अपने आप ही बन जाते हैं, ऐस ही कुछ हुआ कुन्नूर के रहने वाले ब्रिजिथ कृष्णा के साथ। नौकरी खोने के बाद भी वह मायूस नहीं हुए और लगातार कुछ नया करने की कोशिश करते रहे। उन्हें एक नया आइडिया निकाला अंकुरित काजू का व्यवयास करने का और कुछ ही समय में यह आइडिया हिट भी हो गया।

पोषण वाटिका nutrition garden model
सब्जी/फल-फूल/औषधि, कृषि वैज्ञानिक, न्यूज़, फल-फूल और सब्जी, लाईफस्टाइल, होम गार्डनिंग

Nutrition Garden: घर पर कैसे बनाएं पोषण वाटिका का मॉडल? डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह से जानिए

घर के आसपास की खाली पड़ी जगह में या छत में सही तरीके से फल-सब्जियों की खेती की जाए तो औसतन पांच लोगों के एक परिवार के लिए पूरे हफ़्ते की सब्जियां तैयार हो सकती हैं। किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में केवीके के वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह ने पोषण वाटिका तैयार करने और इसको लेकर कई महत्वपूर्ण बातें बताईं।

नील की खेती कैसे करें
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Indigo Farming: नील की खेती की ये हैं latest तकनीकें, Neel Plant के बारे में भी जानिए

नील की फसल को बिहार, बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड के इलाकों में उगाया जाता है। नील के पौधे तीन से चार महीने में उत्पादन देने के लिए तैयार हो जाते हैं। नील की खेती में पत्तों को बेचकर एक एकड़ में लगभग 35 से 40 हज़ार रुपये की कमाई कर सकते हैं।

खरगोश पालन अंगोरा खरगोश (rabbit farming angora breed)
एग्री बिजनेस, न्यूज़, पशुपालन, पशुपालन और मछली पालन, सक्सेस स्टोरीज

Angora Rabbit Farming: खरगोश पालन में अंगोरा नस्ल के पालन से शुरू किया कपड़ों का बिज़नेस

कई लोग शौकिया तौर पर अपने घर में खरगोश पालते हैं, मगर क्या आप जानते हैं कि खरगोश पालन एक अच्छा व्यवसाय भी है? इसके बारे में किसान ऑफ़ इंडिया से ख़ास बातचीत की राजस्थान की मंजूषा सक्सेना ने।

धान की खेती paddy farming
टेक्नोलॉजी, दाल, धान, फसल न्यूज़, फसल प्रबंधन, मक्का

धान की खेती में नुकसान उठा रहे किसानों के लिए क्या हैं उन्नत विकल्प? जानिए ICAR-ATARI डायरेक्टर डॉ. यूएस गौतम से

जुलाई माह में बहुत से ज़िलों में बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती काफ़ी प्रभावित हुई। किसानों को हो रहे इस नुकसान से बचाव के लिए ICAR के संस्थान एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर (अटारी) के डायरेक्टर डॉ. यूएस गौतम ने कुछ सुझाव दिए हैं। जानिए क्या हैं वो सुझाव।

लम्पी त्वचा रोग lumpy skin disease vaccine
टेक्नोलॉजी, डेयरी फ़ार्मिंग, न्यूज़, पशुपालन, पशुपालन तकनीक, पशुपालन न्यूज़

पशुपालकों के लिए अच्छी खबर, लम्पी त्वचा रोग की वैक्सीन विकसित, किफ़ायती दाम में मिलेगा टीका

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लम्पी त्वचा रोग की वैक्सीन को लॉन्च करते हुए कहा कि देश के पशुधन को बड़ी राहत मिलेगी और वैक्सीन लम्पी बीमारी के निदान में बेहद कारगर होगी। साथ ही देश के पशुपालकों को राहत मिलेगी क्योकि हमारे पशुधन देश की सबसे बड़ी ताकत है।

ब्रह्मास्त्र जैविक कीटनाशक
न्यूज़, जैविक/प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक खेती

Natural Farming: फ़सल के दुश्मनों का सर्वनाश करते हैं ये ‘ब्रह्मास्त्र’, जानिए इनके बारें में

प्राकृतिक या जैविक तरीके से खेती कर रहे किसानों को इन अस्त्रों के बारे में जानकारी होगी, लेकिन कइयों को इसके बारे में शायद ही पता हो। इन तीन अस्त्रों पर राजस्थान के प्रगतिशील किसान रावलचंद पंचारिया ने किसान ऑफ़ इंडिया से विस्तार में बात की। 

PMFME Scheme फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोलने की सरकारी योजना
सरकारी योजनाएं, न्यूज़

PMFME Scheme: फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े हैं तो आप भी उठा सकते हैं इसका फ़ायदा, 9 लाख लोगों को रोज़गार देने की योजना

PMFME Scheme (Prime Minister Micro Food Processing Enterprise) के तहत सरकार 5 साल में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी में है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी यानी छूट लेकर आप अपनी यूनिट शुरू कर सकते हैं।

Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन
पशुपालन, न्यूज़, मुर्गी पालन

Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन के टिप्स और मुनाफ़े का गणित जानिए पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. एल. सी. वर्मा से

अगर व्यावसायिक रूप से लेयर मुर्गी पालन (Layer Poultry Farming) करना चाहते हैं तो लेयर मुर्गियों की नस्लों को चुनने से पहले यह जान लेना ज़रूरी है कि लेयर मुर्गियां कितने प्रकार की होती हैं। कैसे इनका रखरखाव करना चाहिए? जानिए कृषि विज्ञान केन्द्र, मऊ उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड और पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. एल. सी. वर्मा से।

groundnut shell pots ( मूंगफली के छिलकों )
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मूंगफली के छिलकों का ऐसे भी हो सकता है इस्तेमाल, इस लड़की के एक आविष्कार ने बचाया पर्यावरण, बदल दी तस्वीर

श्रीजा को मूंगफली के छिलकों से किये गए अपने इनोवेशन के लिए सितंबर 2020 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा अवॉर्ड भी मिला।

Lumpy Skin Disease: लम्पी त्वचा रोग
पशुपालन, डेयरी फ़ार्मिंग, देसी गाय, पशुपालन और मछली पालन, पशुपालन तकनीक, पशुपालन न्यूज़

Lumpy Skin Disease: लम्पी त्वचा रोग से कैसे करें दूधारू पशुओं का बचाव? जानिए पशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजपाल दिवाकर से

ये गांठेदार त्वचा रोग यानी लम्पी स्किन डिजीज, गाय एवं भैस में पॉक्स विषाणु कैंप्री पॉक्स वायरस के संक्रमण से होता है। इस बीमारी से पशुओं के पूरे शरीर में त्वचा पर बड़ी-बड़ी गाँठें बन जाती हैं। लम्पी त्वचा रोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नरेन्द्र देव कृषि एंव प्रौधोगकी विश्वविद्यालय कुमारगंज में कार्यरत पशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजपाल दिवाकर से ख़ास बातचीत।

rice bran oil
लाईफस्टाइल, एग्री बिजनेस, न्यूज़, फ़ूड प्रोसेसिंग

बेहद गुणकारी है ‘राइस ब्रान ऑयल’, उत्पादन बढ़े तो खाद्य तेलों का आयात भी घटेगा

भारत में अभी सालाना क़रीब 250 लाख टन खाद्य तेलों की खपत है। इसमें से हमारा घरेलू उत्पादन क़रीब 80 लाख टन का ही है। बाक़ी दो-तिहाई खपत की भरपाई आयात से होती है। इस साल खाद्य तेलों का आयात 140 लाख टन तक पहुँचने का अनुमान है। देश में पारम्परिक खाद्य तेलों की तुलना में ‘राइस ब्रान ऑयल’ की हिस्सेदारी क़रीब 14 फ़ीसदी ही है।

बैकयार्ड मुर्गीपालन ( backyard poultry farming )
पशुपालन और मछली पालन, न्यूज़, पशुपालन, मुर्गी पालन

बैकयार्ड मुर्गीपालन में पहले 4 हफ़्ते बेहद अहम, पोल्ट्री एक्सपर्ट से जानें मुर्गीपालन के सही तरीके

बैकयार्ड मुर्गीपालन में मुर्गियों को आंगन या घर के पीछे पड़ी खाली जगह में पाला जाता है। बैकयार्ड मुर्गीपालन के कई फायदे हैं लेकिन कुछ सावधानियां भी बरतनी होती हैं।

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