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कृषि समाचार – देश-विदेश के कृषि जगत में होने वाली नित नई घटनाओं तथा खोजों की जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

आम के पेड़ का प्रबंधन mango orchard management mango cultivation
न्यूज़, आम, फल-फूल और सब्जी, फलों की खेती

Mango Cultivation: आम के पेड़ों की देखभाल कैसे करें? डॉ. मनोज कुमार सोनी से जानिए

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture के रिसर्च एसोसिएट डॉ. मनोज कुमार सोनी से आम के बागों के प्रबंधन पर किसान ऑफ़ इंडिया से विशेष बातचीत की। 

कपास की सुंडियों cotton cultivation insects and pest pheromone trap
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फेरोमोन ट्रैप (Pheromone Trap): कपास की सुंडियों से छुटकारा पाने का शानदार उपाय

फेरोमोन ऐसा रासायनिक पदार्थ या स्राव है जिसे नर सुंडियों को प्रजनन के लिए रिझाने के लिए मादा सुंडियाँ छोड़ती हैं। लेकिन इसकी गन्ध पाकर जब नर सुंडियाँ वहाँ पहुँचती हैं तो ट्रैप (जाल) में फँस जाती हैं। इससे सुंडियों का प्रजनन चक्र बाधित हो जाता है और उनसे छुटकारा मिल जाता है। जानिए फेरोमोन ट्रैप के बारे में।

मशरूम एग्री स्टार्टअप mushroom agri startup
न्यूज़, इवेंट, एग्री बिजनेस, वीडियो, स्टार्टअप

Digital Mushroom Conclave: एग्री स्टार्टअप के युवा उद्यमियों ने क्यों दी बड़ी लागत से मशरूम में शुरुआत नहीं करने की सलाह?

कम जगह और कम लागत वाली खेती और एग्री बिज़नेस के लिए मशरूम से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। किसान ऑफ इंडिया के पहले मशरूम डिज़िटल कॉन्क्लेव में कई स्टार्टअप ने दी ये सलाह।

मशरूम उत्पादन बिजनेस mushroom ladies of india
एग्री बिजनेस, इवेंट, न्यूज़, वीडियो

Digital Mushroom Conclave: मशरूम उत्पादन के बारे में ‘मशरूम लेडीज़ ऑफ़ इंडिया’ से जानिए टिप्स और इस बिज़नेस का पूरा गणित

किसान ऑफ़ इंडिया पर मशरूम का पहला #DigitalConclave “Mushgroom – मशरूम से बढ़ाएँ आय” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दूसरे सेशन में हमने मशरूम उत्पादन को लेकर बात की मशरूम लेडीज़ ऑफ़ इंडिया कहलायीं जाने वाली कुछ महिलाओं से।

जैविक खेती
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ग्राम यात्रा: जैविक खेती के बलबूते उत्तराखंड में रानीखेत के पास चिलियानौला से लेकर भीमताल के किसानों ने खड़ा किया एग्री बिज़नेस

किसान ऑफ़ इंडिया की टीम दो दिन के उत्तराखंड के दौरे पर पहुंची। यहां हमने रानीखेत के पास चिलियानौला और भीमताल के अचनौला गांव के दो प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की।

गन्ने के साथ इंटर क्रॉपिंग फसलें (Intercropping crops with Sugarcane)
कृषि उपज, कृषि वैज्ञानिक, गन्ना, न्यूज़

गन्ने के साथ इंटर क्रॉपिंग फसलें (Intercropping crops with Sugarcane): जानिए कृषि वैज्ञानिक डॉ आर. पी. सिंह से गन्ने की खेती के साथ इंटर क्रॉप फसलें कैसे देंगी कम समय में ज़्यादा मुनाफ़ा

कृषि विज्ञान केंन्द्र, पश्चिम चम्पारण के हेड डॉ आर.पी. सिंह का कहना है कि गन्ना एक लम्बे अवधि की फसल है। इसकी उपजों के बीच के समय में इंटर क्रॉपिंग एक अच्छा विकल्प है।

होली के हर्बल रंग से ग्रामीण महिलाओं को आय बढ़ाने में मिल रही है मदद
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होली के हर्बल रंग (Herbal Colors for Holi): देहरादून के एक कृषि विज्ञान केंद्र ने ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने में की मदद, हर्बल रंग बनाने की दी ट्रेनिंग

ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र ने पर्यावरण के अनुकूल हर्बल रंग बनाने के लिए ग्रामीण महिलाओं को प्रोत्साहित किया।

ज्वार (sorghum) से बने महंगे उत्पादों ने बदली सोलापुर के किसानों की किस्मत
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ज्वार (sorghum) से बने महंगे उत्पादों ने बदली सोलापुर के किसानों की किस्मत

कृषि विज्ञान केंद्र, सोलापुर ने ज्वार से बने उत्पादों को बनाने के लिए महिला किसानों के कौशल को विकसित करने में मदद की।

मॉर्डन गुड़ यूनिट लगाने से कर सकते हैं सालाना 35 से 40 लाख की कमाई 
एग्री बिजनेस, न्यूज़, फ़ूड प्रोसेसिंग

आधुनिक गुड़ यूनिट (Modern Jaggery Unit): जानिए कृषि वैज्ञानिक डॉ. दिलीप से कि कैसे मॉडर्न गुड़ यूनिट लगाने से कर सकते हैं सालाना 35 से 40 लाख की कमाई 

भारतीय गन्ना शोध संस्थान, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दिलीप कुमार का कहना है कि मॉडर्न गुड़ यूनिट लगाने से गुड़ की क्वांटिटी और क्वालिटी दोनों बढ़ाई जा सकती है। इसकी बाजार में बेहतर कीमत मिलती है।

धान की किस्म कतरनी धान
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Paddy Variety: कतरनी धान से कतराएँ नहीं बिहार के किसान बल्कि वैज्ञानिक सलाह से करें शानदार कमाई

कतरनी धान की खेती महज 920 एकड़ में हो रही है और इसका पैदावार सिर्फ़ 11 हज़ार क्विंटल है। इसीलिए माना जाता है कि कतरनी धान की किस्म विलुप्त होने के कगार पर है। हालाँकि, साधारण धान की खेती की लागत जहाँ प्रति हेक्टेयर 50 से 55 हज़ार रुपये है और मुनाफ़ा 25 से 35 हज़ार रुपये। वहीं कतरनी धान की लागत 35 से 40 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर है और आमदनी 50 से 60 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर है।

कृषि क्षेत्र से जीडीपी में हुआ योगदान
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Agriculture Sector Contribution in GDP: बीस साल बाद फिर से हुआ कृषि क्षेत्र का जीडीपी में 20 फीसदी योगदान

पशुपालन और डेयरी उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर 2, मछली पालन विदेशी मुद्रा का भी स्रोत। इस वित्त वर्ष 2021-2022 कृषि विकास दर की बात करें तो वहां 3.9 फीसदी की बढोतरी दर्ज हुई। 

वैज्ञानिकों ने बताए ऐसे फलदार पेड़ जो ऊसर (wasteland) और किसान
न्यूज़, अन्य फल, एक्सपर्ट किसान, एक्सपर्ट ब्लॉग, फल-फूल और सब्जी, फलों की खेती

वैज्ञानिकों ने बताए ऐसे फलदार पेड़ जो बंजर ज़मीन और किसान, दोनों की तक़दीर बदल सकते हैं

ऊसर भूमि में ‘आगर होल तकनीक’ का इस्तेमाल करके आँवला, अमरूद, बेर और करौंदा के फलदार पेड़ों को न सिर्फ़ सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है, बल्कि इसकी खेती लाभदायक भी हो सकती है। लागत और आमदनी के पैमाने पर आँवला, करौंदा और अमरूद बेहतरीन रहते हैं। आँवले के मामले में लागत से 2.48 गुना आमदनी हुई तो अमरूद के मामले में ये अनुपात 2.15 गुना और करौंदा के लिए 1.96 गुना रहा।

बर्कले कंपोस्टिंग विधि
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प्राकृतिक खेती (Natural Farming): बर्कले कंपोस्टिंग विधि से तीन हफ्ते से भी कम समय में बनती है प्राकृतिक खाद

‘बर्कले कंपोस्टिंग’ बर्कले विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया द्वारा विकसित हॉट यानी खाद बनाने की विधि है जिसमें मात्र 14-18 दिनों में अच्छी गुणवत्ता वाली खाद बनाई जा सकती है।

ब्रोकली की खेती में सिंचाई के लिए तकनीक
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Integrated Nutrition Management in Broccoli: जानिये मिज़ोरम के एक कृषि विज्ञान केंद्र ने तकनीक का इस्तेमाल करके कैसे बढ़ाई ब्रोकली की उपज और बनाया उसे ज़्यादा पोषक

एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन में गुरुत्वाकर्षण आधारित मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम से ब्रोकली की खेती करने में किसानों को मिल रही मदद। 

जैविक तरीके से पान की खेती
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पान के पत्तों (Betel Leaves) की उम्दा क्वालिटी के लिए जैविक खेती को अपनाएँ तो होगी ज़्यादा कमाई

हरेक 15-17 दिन पर पान की लताओं पर उगी निचली पत्तियों को तोड़ा जाता है क्योंकि वो पर्याप्त रूप से विकसित हो जाती हैं। इस तरह पान की उपज पूरे साल मिल सकती है। हरेक दो सप्ताह बाद पान के पत्तों को बेचकर कमाई करने का मौका मिलता रहता है।

ग्राम यात्रा: बिहार के प्रगतिशील किसान बन रहे हैं आत्मनिर्भरता की मिसाल
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ग्राम यात्रा: बिहार के प्रगतिशील किसान बन रहे हैं आत्मनिर्भरता की मिसाल

बिहार की मशरूम लेडी अनीता देवी, गोभी बीज की नई किस्म आविष्कार करने वाले संजीव कुमार के घर पहुंची किसान ऑफ इंडिया की टीम। 

बाजरा के नए रोग और देसी गाय चिप millet disease and cow chip
देसी गाय, न्यूज़

वैज्ञानिक उपलब्धि: बाजरे के नये रोग ‘स्टेम रॉट’ (Stem rot) की खोज, देसी गायों के नस्ल संरक्षण के लिए स्वदेशी चिप विकसित

अमेरिका के फाइटो-पैथोलॉजिकल सोसायटी ने भी बाजरा के नये रोग ‘स्टेम रॉट’ की खोज को अपनी मान्यता दी। ये रोग ‘क्लेबसिएला एरोजेन्स’ नामक बैक्टीरिया से फैलता है, जो इंसान की आँत में पाये जाते हैं। ‘इंडिगऊ SNP चिप’ से देसी गायों और साँडों के pure undisturbed germplasm को पहचानने और संरक्षित करने के अलावा भविष्य में इनकी उम्दा नस्लों की ही वंश-वृद्धि में आसानी होगी।

तिलहन उत्पादक oilseed production in india
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जानिए, तिलहन उत्पादक बनना किसानों के लिए क्यों है बेहद समझदारी का फ़ैसला

तिलहन की पैदावार में आत्मनिर्भरता का पाला छूने से अभी हम कई दशक दूर हैं। इसीलिए तिलहन उत्पादक बनना किसानों के लिए ज़रूरी है । सरकारी आँकड़ों से साफ़ है कि दलहन और तिलहन के मामले में हमारी कृषि नीति, हमारे कृषि वैज्ञानिक और हमारे अन्नदाता किसान ऐसी तरकीबें नहीं अपना पा रहे जैसा उन्होंने हरित और श्वेत क्रान्ति (green and white revolution) के मामले में करके दिखाया था।

सरसों की फसल mustard crop pest treatment
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सरसों की फसल पर बढ़ रहा कीटों का प्रकोप? फसल सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. आर.पी. सिंह से जानिए बचाव का आसान तरीका

किसान ऑफ़ इंडिया से ख़ास बातचीत में कृषि विज्ञान केंद्र नरकटियागंज पश्चिम चंपारण के फसल सुरक्षा विशेषज्ञ एवं हेड डॉ. आर.पी. सिंह ने सरसों की फसल में लगने वाले मुख्य कीट माहू से बचाव का आसान तरीका सुझाया।

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