जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से तीन साल के लिए 50 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें से 31 हज़ार रुपये यानी 62% रकम जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों, जैविक खाद, खाद, वर्मी-खाद, वनस्पति अर्क वग़ैरह हासिल करने के लिए DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिये किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजे जाते हैं। उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए बाक़ी शर्तें जो पूरे देश जैसी ही हैं, लेकिन वहाँ वित्तीय सहायता की दर तीन साल के लिए 25 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर रखी गयी है।