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कैसे बचाएँ टैक्टर का डीज़ल
ट्रैक्टर, न्यूज़

कैसे बचाएँ टैक्टर का डीज़ल? डीज़ल की ख़पत कम करने के उपाय

किसानों को एक छोटा सा मंत्र हमेशा याद रखना चाहिए कि काला धुआं का मतलब है कि डीज़ल की ज़रूरत से ज़्यादा ख़पत हो रही है। ऐसा उस वक़्त भी होता है जबकि इंजन पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ पड़ रहा होता है।

जैविक खेती ( Organic Farming )
जैविक खेती, जैविक/प्राकृतिक खेती, न्यूज़

सिर्फ़ जैविक खेती में ही है कृषि का सुनहरा भविष्य, कैसे पाएँ सरकारी मदद?

जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से तीन साल के लिए 50 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें से 31 हज़ार रुपये यानी 62% रकम जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों, जैविक खाद, खाद, वर्मी-खाद, वनस्पति अर्क वग़ैरह हासिल करने के लिए DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिये किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजे जाते हैं। उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए बाक़ी शर्तें जो पूरे देश जैसी ही हैं, लेकिन वहाँ वित्तीय सहायता की दर तीन साल के लिए 25 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर रखी गयी है।

धान के भूसे की राख से लाखों की कमाई
न्यूज़, सक्सेस स्टोरीज

धान के भूसे की राख से लाखों की कमाई

धान की भूसी की राख में सिलिका की ख़ासी मात्रा होती है। यदि इसका उपयोग हो जाए तो ‘आम के आम, गुठलियों के दाम’ वाली बात हो सकती है। यहीं से बिभू ने सिलिका के उत्पादन, उसके उपयोग और डिमांड के बारे में समझ बढ़ायी और पाया कि स्टील सेक्टर की कम्पनियाँ सिलिका का उपयोग इंसुलेटर के रूप में करती हैं।

क्यों खेती में सिर्फ़ अनाज उगाने से किसान अच्छी कमाई नहीं कर सकता?
न्यूज़, सक्सेस स्टोरीज

क्यों खेती में सिर्फ़ अनाज उगाने से किसान अच्छी कमाई नहीं कर सकता?

सिर्फ़ खेती करने और अनाज उगाने भर से किसान के बढ़िया मुनाफ़ा नहीं हो सकता। खेती में कमाई तभी है, जब हम इसे कॉमर्शियल फ़ार्मिंग, इन्नोवेशन, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और ब्रॉन्डिंग से भी जोड़ेंगे। इसे यदि किसान अकेले नहीं कर सकते तो उन्हें सामूहिक स्तर पर करना चाहिए और अपने इलाके की विशेषताओं का लाभ लेने के लिए नज़दीकी कृषि विज्ञान केन्द्र की मदद लेनी चाहिए।

Goat Bank Of Karkheda: एक ऐसा बैंक जहां बकरियों की होती है लेनदेन
न्यूज़, पशुपालन, बकरी पालन, सक्सेस स्टोरीज

Goat Bank Of Karkheda: एक ऐसा बैंक जहां बकरियों की होती है लेनदेन

उनके बकरी बैंक की दो ही शर्तें हैं। पहला, बैंक से यदि गर्भवती बकरी लेनी है तो 1200 रुपये देने होंगे और दूसरा ये कि बकरी लेने वाले को बैंक को भरोसा देना होगा कि वो 40 महीने में बकरी और उसके चार मेमनों को वापस बैंक में लौटाएगा।

जब अमरूद बना विकल्प, बढ़ी आमदनी
एग्री बिजनेस, न्यूज़, वीडियो

जब अमरूद बना विकल्प, बढ़ी आमदनी

गेहूँ की खेती छोड़ 80 हज़ार रुपये प्रति एकड़ की लागत से 12 एकड़ में अमरूद के 2400 पेड़ लगाया। दिल्ली-मुम्बई के बाज़ारों में बेची फ़सल और तीन गुना दाम पाया।

हल्दी की खेती में लागत कम और मुनाफ़ा ज़्यादा
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हल्दी की खेती में लागत कम और मुनाफ़ा ज़्यादा

हल्दी की विभिन्न किस्मों से प्रति हेक्टेयर क़रीब 400-600 क्विंटल के बीच पकी हल्दी का उत्पादन होता है। उपज का वजन सूखने के बाद क़रीब एक चौथाई रह जाता है। इसका बाज़ार भाव 6 हज़ार रुपये से लेकर 10 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल तक मिल जाता है। इस तरह लागत को घटाने के बाद हल्दी की खेती से प्रति हेक्टेयर करीब 5 लाख रुपये का मुनाफ़ा हो सकता है।

खेती से कमाई बढ़ाने में बेहद मददगार है मिट्टी की जाँच
न्यूज़, मिट्टी की सेहत

खेती से कमाई बढ़ाने में बेहद मददगार है मिट्टी की जाँच

मिट्टी परीक्षण के लिहाज़ से इसका नमूना लेना बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि नमूना सही ढंग से लिया जाए तभी जाँच का नतीज़ा सही मिलेगा और मिट्टी के उपचार का सही तरीका भी तय हो पाएगा। मिट्टी का परीक्षण बुआई के एक महीना पहले कराना चाहिए।

मसूर की दाल पर आयात शुल्क ख़त्म - Kisan Of India
कृषि उपज, दाल, न्यूज़

मसूर की दाल पर आयात शुल्क ख़त्म, अधिभार में भी नरमी

केन्द्र सरकार ने मसूर की दाल के दाम में आ रहे उछाल को थामने और घरेलू बाज़ार में इसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए मसूर की दाल पर आयात शुल्क (Custom duty) को घटाकर शून्य करने और इस पर लागू एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) को भी घटाकर आधा किया गया है।

Biogas Plant: पशुपालकों-किसानों के लिए बायोगैस प्लांट है कमाई का तगड़ा ज़रिया
न्यूज़, पशुपालन, पशुपालन और मछली पालन

Biogas Plant: पशुपालकों-किसानों के लिए बायोगैस प्लांट है कमाई का तगड़ा ज़रिया

जो पशुपालक किसी भी वजह से अब तक बायोगैस प्लांट से दूर हैं और जानबूझकर अपनी मेहनत का कम फ़ायदा उठा रहे हैं। ऐसे पशुपालकों को चाहिए कि वो जल्दी से जल्दी बायोगैस संयंत्र लगवाकर अपनी कमाई बढ़ाने का उपाय करें। बायोगैस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से भी सब्सिडी मिलती है। किसानों को इसका लाभ ज़रूर उठाना चाहिए।

हाइड्रोपोनिक खेती: तालाब में मछलियों और सब्ज़ियों की एक साथ खेती
न्यूज़, पशुपालन, मछली पालन, राज्य

हाइड्रोपोनिक खेती: तालाब में मछलियों और सब्ज़ियों की एक साथ खेती

हाइड्रोपोनिक खेती की तकनीक खाद्य सुरक्षा, रोज़गार और आमदनी के स्थायी ज़रिया बनने में मददगार साबित होगी। ब्रह्मपुत्र के मांझली द्वीप से पैदा हुई ये तकनीक बंगाल और बांग्लादेश से होते हुए अब बिहार में कोसी नदी के बाढ़ प्रभावितों ज़िलों सहरसा और सुपौल में पहुँची है।

पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक 11.13% ज़्यादा खरीदा गया गेहूँ और 15.44% धान
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पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक 11.13% ज़्यादा खरीदा गया गेहूँ और 15.44% धान

आम तौर पर रबी खरीद सीज़न की खरीदारी 15 जून तक की जाती है, लेकिन इस साल कोरोना प्रतिबन्धों को देखते हुए मंडियों में खरीदारी की अवधि को बढ़ाया जाता रहा। हालाँकि, ज़्यादातर राज्यों में ख़रीदारी का काम पूरा हो चुका है। फिर भी उम्मीद है कि खरीद सीज़न के ख़त्म होने तक मौजूदा रिकॉर्ड भी कुछ बदल जाए।

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उत्तर प्रदेश में अब ‘ग्राम सचिवालय’ कहलाएँगे पंचायत भवन, हरेक पंचायत में होगी ‘पंचायत एवं एकाउंट सहायक’ की भर्ती

उत्तर प्रदेश में अब पंचायत भवन को ग्राम सचिवालय कहा जाएगा और सभी 58,189 पंचायतों में एक-एक पंचायत और एकाउंट सहायक तैनात किया जाएगा। उसे 6 हज़ार रुपये महीना बतौर मानदेय दिया जाएगा। हरेक ग्राम सचिवालय को संवारने के लिए करीब 1.75 लाख रुपये भी दिये जाएँगे। हरेक ग्राम सचिवालय में एक जनसेवा केन्द्र भी स्थापित होगा और वहीं बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंस यानी ‘बीसी सखी’ के पद पर तैनात महिलाओं के लिए भी जगह उपलब्ध करायी जाएगी।

‘किसान सारथी’ एप ने किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्रों और बाज़ार से जोड़ा - Kisan Of India
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‘किसान सारथी’ एप ने किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्रों और बाज़ार से जोड़ा

‘किसान सारथी’ एप ऐसा डिज़िटल प्लेटफॉर्म है जो किसानों को फसल और खेती से जुड़ी तमाम जानकारियाँ देने में सहायक होगा। इसकी मदद से किसानों को अपनी फसल और फल-सब्ज़ियों को बेचने में भी सहूलियत होगी। ‘किसान सारथी’ की बदौलत किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी आधुनिक तकनीक सीखने और दुनिया भर में खेती के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम प्रयोगों के बारे में जानने में भी मदद मिलेगी।

ख़ुशबूदार विष्णुभोग चावल की नयी किस्म विकसित, मिलेगी दोगुनी पैदावार - Kisan Of India
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ख़ुशबूदार विष्णुभोग चावल की नयी किस्म विकसित, मिलेगी दोगुनी पैदावार

छत्तीसगढ़ के इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय (IGAU), रायपुर और भाभा परमाणु अनुसन्धान केन्द्र (BARC), ट्राम्बे के वैज्ञानिकों ने ख़ुशबूदार विष्णुभोग चावल की ऐसी उन्नत किस्म विकसित की है जिसके पौधों की ऊँचाई 110-115 सेंटीमीटर और पैदावार 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसे ‘ट्राम्बे छत्तीसगढ़ विष्णुभोग म्यूटेंट’ का नाम दिया गया है। आमतौर पर धान की नयी किस्म को विकसित करने में करीब 12 साल लगते हैं, लेकिन IGAU के धान अनुसन्धान केन्द्र ने इसे 5 साल में विकसित करके दिखाया है।

जन्तर-मन्तर पहुँचे किसान, कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ समानान्तर संसद शुरू - Kisan of India
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जन्तर-मन्तर पहुँचे किसान, कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ समानान्तर संसद शुरू

दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच सहमति बनी है कि रोज़ाना पहचान पत्र धारी 200 किसान जन्तर-मन्तर पर शान्तिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करेंगे और कोई भी संसद की ओर नहीं जाएगा। समानान्तर संसद के बारे में एक किसान नेता ने बताया कि इसके लिए रोज़ाना एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर चुना जाएगा। समानान्तर संसद में विवादित क़ानूनों के प्रावधानों पर चर्चा होगी और इन्हें वापस लेने की माँग को बुलन्द किया जाएगा।

महज 17 दिनों में सरकार ने दालों की स्टॉक लिमिट का आदेश बदला, क्या महँगी होंगी दालें - Kisan Of India
कृषि उपज, दाल, न्यूज़

महज 17 दिनों में सरकार ने दालों की स्टॉक लिमिट का आदेश बदला, क्या महँगी होंगी दालें?

केन्द्र सरकार ने महज 17 दिनों में ही दालों के स्टॉक सीमा पर लगायी उस रोक को वापस ले लिया, जिसकी मियाद 31 अक्टूबर तक थी। माना जा रहा है कि सरकार के इस फ़ैसले से दलहन के किसानों को फ़ायदा होगा। हालाँकि, स्टॉक लिमिट हटने की वजह से आम उपभोक्ताओं के लिए दालों के दाम बढ़ने का ख़तरा पैदा हो गया है। वैसे नये सरकारी आदेश के बावजूद दाल मिल मालिकों, दालों के थोक विक्रेताओं और दालों के आयातकों को केन्द्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की निर्धारित वेबसाइट पर अपने स्टॉक की जानकारियाँ पहले की तरह ही देनी पड़ेगी।

हरियाणा में पराली की गाँठें बनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये का प्रोत्साहन - Kisan Of India
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हरियाणा में पराली की गाँठें बनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये का प्रोत्साहन

पराली की चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने अभी धान की रोपाई शुरू होने के वक़्त ही किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत किसानों को बताया जा रहा है कि यदि धान की कटाई के बाद किसान वैज्ञानिक तरीके से पराली से निपटने के लिए आगे आएँगे तो उन्हें पराली की कीमत के अलावा सरकार की ओर से 1,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

राजस्थानी किसानों को बिजली बिल में 1,000 रुपये की छूट देने की योजना लागू - Kisan Of India
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राजस्थानी किसानों को बिजली बिल में 1,000 रुपये की छूट देने की योजना लागू

MKMUY के तहत नियमित रूप से बिजली का बिल भरने वाले कृषि कनेक्शन के बिल पर 60 प्रतिशत या अधिकतम 1,000 रुपये का अनुदान सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा। इसका मतलब ये है कि यदि कृषि कनेक्शन का मासिक बिल 1,667 रुपये या इससे अधिक है तो उसे 1,000 रुपये का अनुदान मिलेगा और यदि बिजली बिल 1,667 रुपये से कम हो तो उसमें 60% की सब्सिडी दी जाएगी। लेकिन पुराने बकाया बिलों को चुकता किये जाने तक उस पर सब्सिडी नहीं मिली।

किसान आन्दोलन में अब विपक्ष की मदद लेने की रणनीति, 22 जुलाई से संसद पर प्रदर्शन
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किसान आन्दोलन में अब विपक्ष की मदद लेने की रणनीति, 22 जुलाई से संसद पर प्रदर्शन

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 1 जुलाई को भी कहा था कि ‘तीनों कृषि क़ानून किसानों के जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव लाएँगे। इसीलिए सरकार इन क़ानूनों को निरस्त करने की माँग को छोड़कर विरोध करने वाले किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।’ दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का कहना है कि किसान जानते हैं कि क़ानूनों को जीवित रखने से विभिन्न तरीकों से किसानों की कीमत पर कॉरपोरेट्स का समर्थन करने के लिए सरकारी अपनी कार्यकारी शक्ति का दुरुपयोग करेगी। क्योंकि जब क़ानून का उद्देश्य ही किसानों के ख़िलाफ़ है तो उसमें इधर-उधर की छेड़छाड़ करने से बात नहीं बनेगी।

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