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कृषि समाचार – देश-विदेश के कृषि जगत में होने वाली नित नई घटनाओं तथा खोजों की जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

किसान आन्दोलन
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किसान आन्दोलन: गेंद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट के पाले में

तीनों कृषि क़ानूनों को लेकर जब किसानों और सरकार के बीच हुई बातचीत के अनेक दौर के बावजूद समाधान नहीं निकला तो 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने क़ानूनों के अमल पर अस्थायी रोक लगाकर एक विशेषज्ञ समिति गठित बना दी। कोर्ट ने समिति से कहा था कि वो सभी पक्षों की राय जानकर अपनी समीक्षात्मक रिपोर्ट देकर अदालत की मदद करे।

corona infection growth in india
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कोरोना की ताज़ा लहर ने किसानों की भी मुश्किलें बढ़ाई

छत्तीसगढ़ के रबी, बिहार में गेहूँ, महाराष्ट्र में अंगूर और राजस्थान में जीरा के किसानों पर कोरोना की ताज़ा लहर की वजह से दोहरी मार पड़ रही है। बिचौलियों की पौ-बारह हो रही है।

छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी निरीक्षक परीक्षा स्थगित
कृषि रोजगार एवं शिक्षा, न्यूज़

29 अप्रैल को होने वाली छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी निरीक्षक परीक्षा स्थगित

कोरोना की ताज़ा लहर से बिगड़े माहौल को देखते हुए छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानि (CG-VYAPAM) ने 29 अप्रैल को होने वाली छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी निरीक्षक और उप-निरीक्षक परीक्षा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। इसकी जानकारी आधिकारिक वेबसाइट vyapam.cgstate.gov.in पर दी गयी है।

राकेश टिकैट
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कोरोना की मौजूदा लहर का किसान आन्दोलन पर क्या असर पड़ेगा?

आन्दोलन में शामिल किसानों को मंज़िल की कोई झलक नहीं मिल रही। करीब तीन महीने से बातचीत के मोर्चे पर भी कोई प्रगति नहीं हुई। सरकार ने कृषि क़ानूनों से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया। इसीलिए किसानों में अब आन्दोलन को जारी रखने को लेकर नाउम्मीदी भी बढ़ रही है। आन्दोलनकारियों को विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए फंड की भी दिक्कत हो रही है। शुरुआत में किसान संगठनों के चन्दे के अलावा कुछ एनजीओ और प्रवासी भारतीयों की ओर से आयी मदद भी अब ख़त्म होने को है। इस तरह सारा किसान आन्दोलन प्रतीकात्मक बनता जा रहा है।

Agriculture Ministry MOU with Microsoft- Kisan Of India
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कमाई बढ़ाने के लिए खेती का डिज़ीटल इकोसिस्टम बनाएगी माइक्रोसॉफ़्ट, 100 गाँवों में चालू होगा पायलट प्रोजेक्ट

खेती को डिज़ीटल क्रान्ति या इकोसिस्टम से जोड़ने की इस महत्वाकाँक्षी योजना के पायलट प्रोजेक्ट के लिए देश के 100 गाँवों को चुना गया है। ये गाँव देश के 6 राज्यों के 10 ज़िलों में हैं, जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और आन्ध्र प्रदेश में हैं।

MSP को DBT से जोड़ने की योजना - Kisan of India
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MSP को DBT से जोड़ने की योजना पंजाब समेत पूरे देश में लागू

पीयूष गोयल ने साफ़ किया है कि MSP पर उपज बेचने वाले उन किसानों को भी सीधे बैंक खातों में भुगतान भेजा जाएगा जो किराये की ज़मीन पर खेती करते हैं। उनका दावा है कि इस सुधार से मंडियों के कामकाज़ में पारदर्शिता बढ़ेगी, उपज का पूरा दाम मिलेगा और किसान किसी बहकावे में नहीं फँसेंगे।

मध्य प्रदेश
कृषि उपज, गेहूं, न्यूज़, फसल न्यूज़

हरियाणा 18 मंडियों में गेहूँ की बम्पर आवक के बाद रोकी गयी खरीद

हरियाणा सरकार के मातहत काम करने वाले राज्य मंडी बोर्ड ने प्रदेश की 18 कृषि उपज मंडियों में गेहूँ की खरीदारी पर अस्थायी रोक लगा दी है। ये मंडियाँ हैं – रादौर, थानेसर, पिहोवा, इस्माइलाबाद, लाडवा, बबैन, निसिंग, तरावडी, असन्ध, इन्द्री, नीलोखेड़ी, अम्बाला, साहा, कैथल, कलायत, चीका, गोहाना और समालखा। इन मंडियों में गेहूँ की बम्पर आवक होने की वजह से सारी व्यवस्था चरमरा लगी तो सरकार ने ये कदम उठाया है। हालात ने निपटने के लिए सरकार ने ज़िला उपायुक्तों (DC) को त्वरित कदम उठाने को कहा है।

किसान कल्याण योजना
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ख़रीफ़ सीज़न के लिए समर्थन मूल्य में इज़ाफ़े के आसार बढ़े

DAP और NPKS की वैरायटी में आये धमाकेदार इज़ाफ़े के बारे में इफ़्को का कहना है कि गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमतें पहले से ही सरकार के नियंत्रण से बाहर है। इसीलिए कीमतें के बढ़ने की कोई राजनीतिक वजह नहीं है। क्योंकि इफ़्को, किसानों का सहकारी संगठन है। दरअसल, हर साल मार्च में खाद उत्पादक कम्पनियाँ अपनी कीमतों की समीक्षा करती हैं।

मध्य प्रदेश में अस्पतालों की तर्ज़ पर अब ‘कृषि ओपीडी’
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मध्य प्रदेश में अस्पतालों की तर्ज़ पर अब ‘कृषि ओपीडी’

मध्य प्रदेश में अब किसानों को व्हाट्सएप टेक्नोलॉज़ी से कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क करने की अतिरिक्त सुविधा भी दी जा रही है। इसके ज़रिये जो किसान किसी भी वजह से कृषि विज्ञान केन्द्र तक पहुँचने में असमर्थन हैं वो व्हाट्सएप के ज़रिये फसल की तस्वीरें विशेषज्ञों के पास भेजकर और फिर उन्हें फ़ोन करके अपनी समस्या का निदान पा सकते हैं।

किसान सम्मान निधि
कृषि रोजगार एवं शिक्षा, न्यूज़

खेती से जुड़ी सरकारी योजनाओं के लिए राज्य कैसे पाते हैं केन्द्र से रकम?

आख़िर वो फ़ार्मूले हैं क्या जिनकी बदौलत उन राज्यों की पहचान की जाती है जिन्हें आगे बढ़ने के लिए ज़्यादा केन्द्रीय सहायता की ज़रूरत होती है या जो ज़्यादा दिये जाने की माँग करते हैं? जिस राज्य का प्रदर्शन बेहतर होता है, उसे ही केन्द्र से ज़्यादा रकम पाने का मौका मिलता है।

महिंद्रा ट्रैक्टर रिव्यू mahindra tractor review
कृषि उपकरण, न्यूज़, रोटावेटर

कृषि मशीनीकरण की खरीदारी के लिए केन्द्र सरकार देती है भारी अनुदान

सर्दियों में दिल्ली और आसपास के बड़े इलाके में वायु प्रदूषण की दशा बेहद ख़तरनाक बन जाती है। इससे निपटने के लिए 2018 में केन्द्र सरकार ने ऐसी ख़ास योजना बनायी थी, जिसका लाभ उठाकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश किसान न सिर्फ़ पराली जलाने से बच सकते हैं बल्कि इन्हें अतिरिक्त आमदनी भी हो सकती है। इसके लिए किसानों को मशीनों की मदद से खेतों से पराली को निकालकर बेचना पड़ता है।

अन्य सब्जी, न्यूज़, सब्जियों की खेती

बम्पर पैदावार से सस्ता हुआ आलू, किसानों को लागत निकालने के पड़े लाले

हमारा सालाना उत्पादन करीब 5 करोड़ टन है, जबकि खपत 3.5 करोड़ टन आलू की है। इसीलिए नयी फसल आते ही आलू के किसानों की बदहाली के किस्से सामने आते हैं। वजह साफ़ है कि माँग के मुकाबले आलू की सप्लाई ख़ासा ज़्यादा है और इसी से नयी फसल के आते ही भाव औंधे मुँह गिर जाते हैं।

kisan andolan farmers protest
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तीन में एक विवादित कृषि क़ानून का सड़क पर विरोध संसद में समर्थन

संसदीय रिपोर्ट का सबसे दिलचस्प पहलू ये है कि तृणमूल काँग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना और काँग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियाँ एक ओर तो तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने को लेकर चल रहे किसानों के आन्दोलन का समर्थन कर रही हैं और दूसरी ओर, इन्हीं पार्टियों के सदस्यों से बनी संसदीय समिति की रिपोर्ट के ज़रिये तीनों में से एक क़ानून को अक्षरशः और उसकी मंशा के अनुरूप यानी ‘in letter and spirit’ लागू किये जाने पर भी ज़ोर दे रही हैं। फ़िलहाल, इस क़ानून को 12 जनवरी से सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रूप से निलम्बित रखा है।

हाईस्पीड रेल
न्यूज़, भूमि अधिग्रहण, विविध

उत्तर प्रदेश में हाईस्पीड रेल के लिए ज़मीन का अधिग्रहण शुरू

कृषि भूमि पर मौजूदा सर्किल रेट से चार गुना और आबादी क्षेत्र में बाज़ार भाव से दोगुना मुआवज़ा देने का नियम है। किसानों का कहना है कि पहले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में उनकी ज़मीन चली गयी और अब हाईस्पीड रेल परियोजना में भी जाने वाली है। लिहाज़ा, उन्हें ज़मीन के बदले बेहतर मुआवज़ा और हरेक परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी दी जानी चाहिए।

पंजाब
न्यूज़, राज्य

पंजाब के नाराज़ आढ़तियों की मुख्यमंत्री से मुलाकात 22 मार्च को

आढ़तियों के तेवर को देखते हुए फ़िलहाल पंजाब सरकार ठिठक गयी है। हालाँकि, प्रादेशिक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में केन्द्र सरकार के आदेश को लागू करने से जुड़े पहलुओं पर चर्चा जारी है, क्योंकि किसानों को सीधे भुगतान के लिए उनके खेतों के रिकॉर्ड को भी बैंक खाते और आधार नम्बर से जोड़ना ज़रूरी है। लेकिन ये साफ़ नहीं है कि नयी व्यवस्था में जो लोग ठेके पर ज़मीन लेकर खेती करते हैं, उन्हें पेमेंट कैसे होगी? वो ज़माबन्दी का ब्यौरा कैसे देंगे?

खेती में आमदनी बढ़ाने की शानदार स्कीम है प्रधानमंत्री कुसुम योजना
कृषि उपकरण, न्यूज़

खेती में आमदनी बढ़ाने की शानदार स्कीम है प्रधानमंत्री कुसुम योजना

प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Pradhanmantri Kusum Yojana) का एक और आकर्षक पहलू ये है कि इसके ज़रिये किसान अपनी ज़मीन पर सौर ऊर्जा के उत्पादन का प्लांट भी लगा सकते हैं। प्लांट से पैदा होने वाली बिजली को आसपास के किसानों या सीधे बिजली वितरण कम्पनियों को भी बेचा जा सकता है। ऐसे करके प्लांट लगाने वाले किसान या भूमि मालिक को 60 हज़ार रुपये से लेकर एक लाख रुपये सालाना तक की आमदनी भी हो सकती है।

इलेक्ट्रानिक चौकीदार
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खेतों का इलेक्ट्रानिक चौकीदार

• हर वक़्त करता है खेतों की चौकीदारी

• सौर ऊर्जा और बैटरी से चलता है

• 180 डिग्री की रेंज में 50 फ़ीट की कवरेज़

• पहले 3 बार LED लाइट फ़्लैश करती है

• फिर निकलतती है तरह-तरह की आवाज़ें

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न्यूज़, राज्य

पंजाब के आढ़तियों ने क्यों किया 10 मार्च से बेमियादी हड़ताल का एलान?

आदेश में पंजाब सरकार से कहा है कि वो किसानों को उनकी फ़सल की ख़रीद का भुगतान सीधा उनके बैंक खातों में ही करने का इन्तज़ाम करे। इसके अलावा अनाज ख़रीद पोर्टल पर फ़सल बेचने वाले किसानों की ज़मीन के मालिकाना हक़ यानी ज़माबन्दी का भी ब्यौरा दे। ताकि आढ़तियों से ख़रीदारी करने वाला भारतीय खाद्य निगम (FCI) ज़मीन के ब्यौरे का सत्यापन कर सके।

मध्य प्रदेश
न्यूज़, राज्य

पंजाब में 1.13 लाख किसानों की कर्ज़ माफ़ी का बजट

राज्य की अमरिन्दर सिंह सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह आख़िरी बजट है। प्रदेश की मौजूदा 15 वीं विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च 2022 तक है। उम्मीद हैं कि राज्य में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होंगे।

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