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कृषि समाचार – देश-विदेश के कृषि जगत में होने वाली नित नई घटनाओं तथा खोजों की जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

पौष्टिक अनाज कदन्न
न्यूज़, फ़ूड प्रोसेसिंग

पौष्टिक अनाज कदन्न की प्रोसेसिंग कर किसानों को पहुंच रहा लाभ, जानिए इसके गुण

मिलेट्स सेहत का खज़ाना होता है और लोगों में बढ़ी जागरुकता का ही नतीज है कि अब ज्वार, बाजरा, रागी जैसे मिलेट्स की मांग बढ़ रही है। मिलेट्स को कदन्न भी कहा जाता है। जानिए पौष्टिक अनाज कदन्न से जुड़ी अहम बातें।

Zero budget natural farming प्राकृतिक खेती
ज़ीरो बजट खेती, जैविक/प्राकृतिक खेती, न्यूज़

Zero Budget Natural Farming: प्राकृतिक खेती में ऐसे करें जीवामृत और बीजामृत का इस्तेमाल        

देशभर में कई किसानों ने अपनाई है प्राकृतिक खेती की विधि। आइए जानते हैं जीवामृत और बीजामृत को बनाने का तरीका।

पादप हॉर्मोन और पशु हॉर्मोन
पशुपालन, न्यूज़, मछली पालन

Fish Food: मछली पालन में आहार खुद कैसे तैयार करें? लागत में आएगी कमी, कमाई में होगा इज़ाफा

मछली पालन आमदनी का अच्छा ज़रिया है, लेकिन इसके लिए ज़रूरी है मछलियों का वज़न तेज़ी से बढ़े और वज़न बढ़ाने के लिए मछलियों को पौष्टिक आहार खिलाना ज़रूरी है। बाज़ार में मिलने वाला भोजन महंगा होता है, ऐेसे में मछली पालक तालाब पर ही मछलियों का आहार तैयार कर सकते हैं।

डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन
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डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन: देश की खाद्य सुरक्षा को किया सुनिश्चित, अकाल की कगार से भारत को निकाला

डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन ने 1966 में मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए।

इको-प्लास्टिक
एग्री बिजनेस, इनोवेशन, कृषि रोजगार एवं शिक्षा, न्यूज़, बिज़नेस न्यूज़

गेहूं के भूसे से इको-प्लास्टिक तैयार करके अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं किसान

गेहूं का भूसा प्लास्टिक का बेहतरीन और इको फ्रेंडली विकल्प साबित हो सकता है। इससे पराली को जलाने की समस्या का समाधान तो होगा ही, साथ ही पर्यावरण के लिहाज़ से भी ये कदम अच्छा होगा।

जल ब्राह्मी (Bramhi Jalneem)
विविध, औषधि, न्यूज़

न्यूट्रास्यूटिकल के रूप में जल ब्राह्मी का इस्तेमाल, किसानों के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है इसकी खेती

जल ब्राह्मी औषधीय गुणों वाला पौधा है, जो महत्वपूर्ण हर्बल न्यूट्रास्यूटिकल भी है। ब्राह्मी की फसल रोपाई के 5-6 महीने बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। एक साल में 2-3 कटाई की जा सकती है। ये एक हर्बल न्यूट्रास्यूटिक है, जो न सिर्फ़ शरीर को पोषण देता है, बल्कि बीमारियों की रोकथाम और मानसिक रोगों के इलाज में भी मददगार है।

पादप हॉर्मोन और पशु हॉर्मो
न्यूज़, तकनीकी न्यूज़

क्या है पादप हॉर्मोन और पशु हॉर्मोन के बीच अंतर, एक तुलनात्मक विश्लेषण

पादप हॉर्मोन और पशु हॉर्मोन कई मायनों में समान हैं। दोनों प्रकार रासायनिक संदेशवाहक हैं जो अपने संबंधित जीवों के भीतर विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

सांवा की खेती
जैविक/प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, न्यूज़

जैविक तरीके से मोटे अनाज सांवा की खेती असिंचित इलाकों के लिए कैसे है फ़ायदेमंद?

सांवा भी मोटे अनाजों में से एक है जो कभी गरीबों का मुख्य भोजन हुआ करता था, लेकिन अब आम लोगों की थाली से दूर हो चुका है। सरकार बाकी अनाजों की तरह ही सांवा की खेती को भी बढ़ावा दे रही है, क्योंकि ये पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और बिना सिंचाई वाले इलाकों में भी इसे आसानी से उगाया जा सकता है।

प्रमाणित बीज उत्पादन
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, बीज उत्पादन

Certified Seed Production: प्रमाणित बीज उत्पादन से गुणवत्ता भी अच्छी और उत्पादन भी बेहतर

आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे।’ खेती के संदर्भ में ये बाद बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि आप जैसा बीज बोएंगे वैसी ही फसल प्राप्त होगी, इसलिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का होना बहुत ज़रूरी है। बीज उत्पादन बेहतर होगा तो फसल अच्छी होगी।

ग्वार गम (Guar Gum)
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ग्वार गम के निर्यात से कैसे किसानों को हो सकता है लाभ, जानिए ग्वार की खेती की तकनीक

बाज़ार में बाकी सब्ज़ियों के साथ ही आपने ग्वार फली भी देखी होगी। इसका स्वाद हल्का सा कसैला या कड़वा होता है, जिसकी वजह से बहुत से लोगों को इसका स्वाद पसंद नहीं आता। दलहनी फसल ग्वार की खेती, चारा, सब्ज़ी के साथ ही ग्वार गम बनाने के लिए भी की जाती है।

खेसारी की फसल
कृषि उपज, न्यूज़

Khesari Ki Kheti: ‘बीमा फसल’ खेसारी की खेती किसानों के लिए क्यों फ़ायदेमंद?

खेसारी दलहनी फसल है। उतेरा विधि द्वारा खेसारी की खेती किसानों के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकती है और इससे खेत में नाइट्रोजन स्थिरिकरण में भी मदद मिलेगी।

बातें करती हैं फसलें
न्यूज़, अन्य

किसान से बातें करती हैं फसलें… क्या आपने सुना है?

फसल न सिर्फ़ बातें करती हैं बल्कि वो आपकी बातों का जवाब भी देती हैं। वो बात अलग है कि हमें उनकी आवाज़ सुनाई नहीं देती। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। दरअसल, पौधों की आवाज़ हमारी सुनने की शक्ति से कहीं ज़्यादा तेज़ होती है। इसलिए हम उनकी आवाज़ सुन नहीं पाते हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हम पौधों की बातों को नज़रअंदाज़ कर दें।

जड़-गांठ सूत्रकृमि
न्यूज़, फसल प्रबंधन

पॉलीहाउस फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं जड़-गांठ सूत्रकृमि, जानिए बचाव के तरीके

सूत्रकृमि कई तरह के होते हैं और ये बहुत सी फसलों को रोगग्रस्त करके नुकसान पहुंचाते हैं। पॉलीहाउस की फसलें भी इससे अछूती नहीं है। सूत्रकृमि के साथ समस्या ये है कि किसान जल्दी इसकी पहचान नहीं कर पाते जिससे जड़-गांठ सूत्रकृमि की रोकथाम मुश्किल हो जाती है।

मूंगफली की फसल
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फसल प्रबंधन

मूंगफली की फसल के अच्छे उत्पादन के लिए ज़रूरी है समेकित कीट प्रबंधन

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मूंगफली उत्पादक देश है, लेकिन हर साल कीटों की वजह से फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है और किसानों का मुनाफ़ा कम हो जाता है। ऐसे में समेकित कीट प्रबंधन से फसलों के नुकसान को रोका जा सकता है।

भेड़ पालन
पशुपालन, अन्य, न्यूज़

Sheep Rearing: भेड़ पालन से अच्छी आमदनी के लिए भेड़ों को दें पौष्टिक आहार

शुष्क, पहाड़ी और रेगिस्तानी इलाकों में जहां लोगों के पास खेती योग्य ज़मीन नहीं है या बहुत कम है, वो भेड़ पालन से अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन भेड़ पालन से मुनाफ़ा कमाने के लिए भेड़ों के आहार पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।

ट्री सर्जरी 2
न्यूज़, विविध

ट्री सर्जरी से पेड़ों को मिल रहा जीवनदान, जानिए कैसे की जाती है शल्य चिकित्सा यानि सर्जरी?

सर्जरी के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा, लेकिन क्या कभी ट्री सर्जरी यानी पेड़ों की सर्जरी के बारे में सुना है? जी हां, इंसानों की तरह ही पेड़ों की भी सर्जरी करके उसे जीवनदान दिया जा सकता है।

कनोला सरसों (Rapeseed or Canola)
कृषि उपज, न्यूज़

Canola Oil: कनोला सरसों की किस्म की खेती में क्या है ख़ास? जानिए इसकी पोषक गुणवत्ता

सरसों या राई की कई किस्में होती हैं, इसी में से एक किस्म है कनोला सरसों जो सेहत के लिहाज़ से बहुत लाभदायक मानी जाती है। इसका तेल अन्य तेलों के मुकाबले कहीं ज़्यादा हेल्दी होता है।

बाकला की खेती
कृषि उपज, न्यूज़

Bakla Ki Kheti: बाकला को सूखे इलाकों में भी आसानी से उगाया जा सकता है

बाकला प्रमुख दलहनी सब्ज़ी है। बाकला की खेती आमतौर पर रबी के मौसम में की जाती है। ये पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है, इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए आमदनी बढ़ाने का अच्छा विकल्प हो सकती है।

ग्लोबल वार्मिंग लघु धान्य
कृषि उपज, न्यूज़

क्या हैं लघु धान्य फसलें? कैसे ग्लोबल वार्मिंग के खेती पर पड़ते असर को कम कर सकती हैं ये फसलें?

लघु धान्य फसले मोटे अनाज को कहते हैं जिसमें ज्वारा, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी जैसी फसलें आती हैं। ये अनाज न सिर्फ़ पौष्टिक होते हैं, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण के लिए भी बहुत उपयोगी है।

लखनवी सौंफ की खेती (Lucknowi Fennel Farming)
मसालों की खेती, न्यूज़

Lucknowi Saunf: स्वाद और सेहत से भरपूर है लखनवीं सौंफ, जानिए खेती से जुड़ी अहम बातें

लखनवी कबाब और चिकनकारी के बारे में तो सुना ही होगा, जो बहुत लोकप्रिय है, लेकिन क्या आपको पता है कि इन सबकी तरह ही लखनवी सौंफ भी बहुत मशहूर है अपने स्वाद और सुगंध के लिए।

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