किसान आंदोलन को अब पोल्ट्री फार्म मालिकों ने भी साथ देना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि हम पोल्ट्री फार्म मालिक भी किसान हैं। हम अंडा उत्पादन करते हैं, लेकिन सरकार की ओर से हमें कोई सुविधा नहीं मिलती।
अंडों का तो एमएसपी भी निर्धारित नहीं है। हमारे पोल्ट्री के लिए बिजली भी कमर्शियल रेट पर मिलती है।
किसानों का साथ देने के लिए हमने कुछ दिन तक बाजार में अंडा नहीं बेचने का फैसला किया है। हम भी इस नए कृषि बिल के खिलाफ हैं। यूपी पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली के मुताबिक किसान आंदोलन के चलते पोल्ट्री फार्म मालिक भी थोड़ा संभलकर माल यहां-वहां भेज रहे हैं। खरीदार कम आने की वजह से माल की उतनी सप्लाई नहीं हो पा रही है जितनी पहले जा रही थी।
यही वजह है कि आंदोलन से पहले तक जो मुर्गी 80 रुपये प्रति किलो जा रही थी, वही अब 40 रुपये किलो पर आ गई है, लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं है। पोल्ट्री वालों का कहना है कि अगर हमें मुर्गियां और अंडे घर में भी रखने पड़े तो भी हम आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
किसान आंदोलन के चलते पिछले एक सप्ताह से अंडों के दाम लगातार कम होते जा रहे हैं। 2 दिसंबर को थोक में 100 अंडों के दाम 463 रुपये था, लेकिन इसके बाद से अंडे के दाम गिरना शुरु हो गए और 7 दिसंबर को बाजार में अंडा 420 रुपये प्रति सैकड़ा तक बिका।