यूपी की योगी सरकार ने दावा किया है गत आठ माह में कोरोना काल के दौरान 26 लाख 62 हजार 960 लोगों को रोजगार दिया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार आठ महीनों में आत्मनिर्भर पैकेज के जरिये 6,65,740 नई इकाइयों में 26,62,960 लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया।
इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनाए गए सेवायोजन पोर्टल के जरिये भी 5,25,978 लोगों को रोजगार दिया गया है।
योगी सरकार ने कहा कि लॉकडाउन पर लाखों गरीब-मजदूरों का रोजगार छिन गया था, इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई सेक्टर में उनके लिए रोजगार की व्यवस्था की। सरकार ने छोटे उद्योगों से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने का बड़ा लक्ष्य रखा है, जिसे काफी हद तक पूरा भी किया है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के इस मॉडल को देश के अन्य राज्यों में लागू किया जाना चाहिए। योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ (ओडीओपी) के जरिए आमजन को रोजगार तथा स्वरोजगार के लिए सहायता दी गई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार गत आठ महीनों में प्रदेश में 6,65,740 नई इकाइयां शुरू हुई, जिसके जरिए कुल 26,62,960 लोगों को रोजगार दिया गया है। इन आंकड़ों में 2,57,348 श्रमिक ऐसे हैं जिन्हें पहले से चल रही इकाइयों में ही रोजगार मिले हैं। सरकार की आत्म निर्भर पैकेज के अंतर्गत 4,24,283 पुरानी इकाइयों को 1092 करोड़ रुपये का लोन देकर पुराने लघु उद्यमों को भी चलाए रखा गया।
इसी दौरान मुख्यमंत्री ने सेवायोजन पोर्टल भी शुरू कराया। इस पोर्टल के जरिये अब तक 5,25,978 लोगों को रोजगार मिला है। इसके साथ ही दूसरे राज्यों से लौटे लगभग 40 लाख प्रवासी श्रमिकों का स्किल मैपिंग अभियान चलाया गया। फिर इन श्रमिकों में से 1,14,466 प्रवासी श्रमिकों को रियल एस्टेट में रोजगार मुहैया कराया गया। एक लाख से अधिक श्रमिकों को छोटे जिलों में ही मिला काम दिलाया गया है।
रिजर्व बैंक के अनुसार एमएसएमई के माध्यम से रोजगार देने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश देश के टॉप 5 राज्यों में शामिल है, यहां पर अन्य राज्यों की तुलना में अधिकाधिक लोगों को रोजगार दिया गया है।