पिछले कुछ साल में खेती में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर रुझान बढ़ा है। देश की कृषि संस्थानें और वैज्ञानिक देशभर में किसानों को ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर जानकारी दे रहे हैं। राज्यभर में अलग-अलग ज़िलों के कृषि विज्ञान केंद्र ड्रोन चलाने को लेकर किसानों के लिए ट्रेनिंग कैंप भी आयोजित करते हैं। सरकार भी बड़े स्तर पर किसान ड्रोन को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत सरकार का उद्देश्य बेहतर उपज के साथ किसानों की आय में भी बढ़ोतरी करना है। इससे समय की बचत के साथ-साथ खेती की लागत को कम करने का लक्ष्य है। ये क्षेत्र एक बड़े बाज़ार के रूप में भी उभर रहा है।
अब केंद्र सरकार ने कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 40-50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देनी का ऐलान किया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने “किसान ड्रोन को बढ़ावा: मुद्दे, चुनौतियां और आगे का रास्ता” विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में ये बात कही।
किसान ड्रोन खरीद में किन को मिलेगी छूट?
ड्रोन खरीदने में विभिन्न वर्गों को छूट दी गई है। व्यक्तिगत तौर पर भी किसान ड्रोन खरीद के लिए अप्लाई कर सकते हैं। उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके तहत अनुसूचित जाति-जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन की खरीद पर 50 फ़ीसदी की सब्सिडी दी जा जाएगी या अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। वहीं अन्य किसानों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलेगी।
ड्रोन खरीद पर कृषि संस्थानों को भी सब्सिडी
फ़ार्म मशीनरी ट्रेनिंग और ट्रेनिंग संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद के लिए लागत के 100 फ़ीसदी की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। किसान उत्पादक संगठन (FPO) को खेतों पर प्रदर्शन के लिए कृषि ड्रोन लागत का 75 फ़ीसदी तक का अनुदान दिया जाएगा।
खेती में ड्रोन से फ़ायदा
ड्रोन की मदद से एक बड़े क्षेत्र में महज कुछ घंटों में कीटनाशक या उर्वरकों का छिड़काव किया जा सकता है। इससे किसानों की लागत में कमी आएगी, समय की बचत होगी और सबसे बड़ा फ़ायदा यह होगा की सही समय पर खेतों में कीट प्रबंधन किया जा सकेगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने ड्रोन के फ़ायदों के बारे में बात करते हुए कहा कि टिड्डी दलों के हमले के दौरान बचाव के लिए भी सरकार ने ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
SMAM के दायरे में आने वाली खेती की मशीनों में ड्रोन शामिल
कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए बनाये गये Sub-Mission on Agricultural Mechanization (SMAM) के तहत सरकार की ओर से कई मशीनों की खरीदारी पर अनुदान मिलता है। इस लिस्ट में अब कृषि-ड्रोन का नाम भी जुड़ गया है।
कैसे काम करता है ड्रोन?
ड्रोन डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से काम करता है। ड्रोन में लगा सेंसर मिट्टी की सेहत का सर्वेक्षण करने में मददगार है। फसलों में रोग-कीट आदि के बारे में शुरुआती दौर में पता लगाना मुश्किल होता है, लेकिन कृषि ड्रोन के लिए ये काम आसान है। अगर बड़े क्षेत्र में सिंचाई हो रही है, तो ड्रोन की मदद से निगरानी में मदद मिल सकती है। ड्रोन सर्वेक्षण से फसलों की जल ग्रहण क्षमता में सुधार लाया जा सकता है।
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