Rotavator: जानिए कैसे रोटावेटर खेत की मिट्टी को करता है तैयार, क्या हैं इसके फ़ीचर्स और कीमत?
रोटावेटर डीज़ल की कम खपत के साथ-साथ मेंटनेंस में भी आसान होता है। डिज़ाइन मज़बूत होने के कारण इसमें कम्पन कम होता है, जिससे ट्रैक्टर पर भी कम भार पड़ता है।
रोटावेटर डीज़ल की कम खपत के साथ-साथ मेंटनेंस में भी आसान होता है। डिज़ाइन मज़बूत होने के कारण इसमें कम्पन कम होता है, जिससे ट्रैक्टर पर भी कम भार पड़ता है।
पंतनगर किसान मेले में बेस्ट स्टॉल से सम्मानित कंपनी ‘किसान फर्टिलाइज़र एजेंसी’ ने दिखाए कुछ ऐसे कृषि यंत्र जिनके इस्तेमाल से किसान बन सकते हैं ‘स्मार्ट किसान’।
छोटे किसानों के लिए मिनी रोटावेटर किफ़ायती और कारगर विकल्प है। इसमें कई तरह के अटैचमेंट लगे हुए हैं, जिससे यह ट्रैक्टर और रोटावेटर दोनों का काम करता है।
कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा देने वाली केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की इस योजना का नाम है– ‘Promotion of Agricultural Mechanization for In-Situ Management of Crop Residue in the States of Punjab, Haryana, Uttar Pradesh and NCT of Delhi’. ये योजना Sub-Mission on Agricultural Mechanization (SMAM) का ही एक हिस्सा है।
सर्दियों में दिल्ली और आसपास के बड़े इलाके में वायु प्रदूषण की दशा बेहद ख़तरनाक बन जाती है। इससे निपटने के लिए 2018 में केन्द्र सरकार ने ऐसी ख़ास योजना बनायी थी, जिसका लाभ उठाकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश किसान न सिर्फ़ पराली जलाने से बच सकते हैं बल्कि इन्हें अतिरिक्त आमदनी भी हो सकती है। इसके लिए किसानों को मशीनों की मदद से खेतों से पराली को निकालकर बेचना पड़ता है।