बेमौसम बारिश और बदलते मौसम से फसलों पर पड़ता असर, ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचने की खबरें
मध्य प्रदेश अपने समृद्ध कृषि उद्योग के लिए जाना जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में बार-बार होने वाली ओलावृष्टि से किसानों की फसलों पर असर पड़ा है।
मध्य प्रदेश अपने समृद्ध कृषि उद्योग के लिए जाना जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में बार-बार होने वाली ओलावृष्टि से किसानों की फसलों पर असर पड़ा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी चिन्ता और चुनौती का विषय है। इससे निपटने के लिए सभी केवीके और आईसीएआर के संस्थानों तथा अन्य वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण निभानी होगी।
किसानों को सही मौसम की जानकारी मिले तो फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावनाएं कम होंगी। ऐसे ही कुछ Weather Apps के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
भारतीय मौसम विभाग और प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट ने कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि की आशंका जताई है। जानिए कृषि सलाहकारों ने मौसम को देखते हुए किसानों को क्या सलाह दी है।
तूफ़ान के सिलसिले में राहत और बचाव के सभी एहतियाती उपाय किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने अपनी 65 टीमों को तैनात कर दिया है तथा 20 टीमें को आपात परिस्थितियों के सतर्क रहने यानी स्टैंडबाय पर रखा गया है। थल सेना, नौसेना और तटरक्षक बल को भी अपने जहाज़ों और विमानों के साथ मुस्तैद रहने को कहा गया है।
22 मई के आसपास पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की बहुत सम्भावना है। अगले 72 घंटों के दौरान धीरे-धीरे इसी वायुमंडलीय चक्र (सिस्टम) के एक चक्रवाती तूफ़ान का रूप धारण करने की सम्भावना है। इसके बाद ये उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने लगेगा और 26 मई की शाम के आसपास इस चक्रवाती तूफ़ान के ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुँचने की सम्भावना है।
कोरोना की भयावहता की मार झेल रहे पश्चिमी तट पर बसे सभी राज्यों के लिए ‘ताउते’ दोहरी आफ़त बनकर आ रहा है। इसीलिए केरल सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन भंडार बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों से कम से कम 300 मीट्रिक ट्रन ऑक्सीजन तत्काल भेजने की अपील की है। केन्द्रीय जल आयोग (CWC) ने मणिमाला और अचनकोविल नदियों के दोनों किनारों पर बसे लोगों से बाढ़ की दशा के प्रति सतर्क रहने को कहा है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक कम वायुमंडलीय दबाव का क्षेत्र बन गया है जो धीरे-धीरे शक्तिशाली होकर लक्षद्वीप की ओर बढ़ रहा है। इसी वजह से रविवार तक लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के तटवर्ती इलाकों में तूफ़ान ‘ताउते’ का कहर बरपा हो सकता है। इसकी वजह से 14 से 16 मई के दौरान पश्चिमी तट के राज्यों के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ धूल भरी आँधी, बादल गरजने और एकाध जगह पर ओले गिरने के आसार हैं। उत्तर और पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तटीय आन्ध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से 15, 16, 17 और 18 मई के लिए मौसम के पूर्वानुमान का बुलेटिन जारी किया गया है
मौसम विज्ञान के हिसाब से यही प्री-मॉनसून सिस्टम है और इसका सामान्य होना किसानों के लिए सबसे ज़्यादा सुखद है, क्योंकि देश की करीब 60 फ़ीसदी खेती योग्य ज़मीन पूरी तरह से मॉनसून पर ही निर्भर रहती है। मई की शुरुआत में उत्तर भारत में भी प्री-मॉनसून सिस्टम की वजह से धूल भरी आँधियों और हल्की बारिश का दौर का दौर आता है। फ़िलहाल, इसका असर उत्तर-पश्चिमी भारत के इलाकों में बढ़ने की उम्मीद है।
तमाम तरक्की के बावजूद भारत आज भी एक कृषि प्रधान देश ही है। आज भी देश की 65 फ़ीसदी से ज़्यादा लोग खेती या खेती-आधारित पेशों पर ही निर्भर हैं। इसीलिए मॉनसून के सामान्य रहने का सीधा असर यदि किसानों पर पड़ता है तो परोक्ष रूप से अर्थव्यवस्था का कोई भी तबका इससे अप्रभावित नहीं रहता।
मौसम विभाग ने दिल्ली में 3 फरवरी से 5 फरवरी के बीच हल्की बारिश होने तथा शीतलहर चलने की चेतावनी
मौसम विभाग ने रात के तापमान में भारी गिरावट आने की आशंका जताई है। विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
मौसम विज्ञान विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि अगले दो दिन अर्थात 22 और 23 जनवरी को उत्तर पश्चिमी भारत
मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 22 जनवरी से हिमपात होने की चेतावनी दी है। हिमपात की संभावना व्यक्त
भारत मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार गले 2 दिन उत्तर भारत के कई राज्यों के शीतलहर चलेगी। 11 और
दिल्ली-एनसीआर में रविवार को जम कर बारिश होने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। मौसम विभाग ने भी चेतावनी देते हुए दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में गरज के साथ और बारिश होने की संभावना जताई है।
उत्तर-पश्चिम भारत में शीतलहर का प्रकोप, तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस तक गिरा।
नए वर्ष 2021 का पहला दिन देश की राजधानी दिल्ली के लिए हड्डियां जमा देने वाली ठंड लेकर आया है। यहां कई जगहों पर तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम टेम्परेचर है।