यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक अतिमहत्वाकांक्षी योजना के तहत सरकार सरकार गंगा के दोनों किनारों बसे गांवों और किसानों को बड़ा उपहार देने जा रही है। नई योजना के तहत गंगा के दोनों तटों पर 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों के लिए ऑर्गेनिक खेती तथा बागवानी की योजना बनाई जा रही है। इसके जरिए गंगा किनारे बसे किसानों की आमदनी को बढ़ाया जाएगा।
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सरकार के इस प्रस्ताव पर जल शक्ति मंत्रालय तथा कृषि और बागवानी विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है। योजना के अनुसार गंगा के 5 किलोमीटर के दायरे में रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इन इलाकों में किसानों को अनाज, फल और फूलों की आर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण के अलावा उन्हें सभी आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
देश-विदेश में बढ़ते ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की मांग को देखते हुए सरकार ने किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए यह योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इस योजना में तीन बड़े लक्ष्य रखे गए हैं, हला गंगा की स्वच्छता,दूसरा किसानों की आय और तीसरा लक्ष्य प्रदेश में बड़ी मात्रा में ऑर्गेनिक फसलों का उत्पादन करना।
गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जहां सरकार गंगा किनारे बसे उद्योगों के वेस्ट मैनेजमेंट की प्लानिंग कर रही है वहीं किसानों में रासायनिक खाद के इस्तेमाल को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। गंगा के किनारे बसे गांवों के सॉलिड वेस्ट और कूड़े के निस्तारण का उचित प्रबंध करने के साथ-साथ पॉलीथीन को पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार गंगा के तटों को कटान से बचाने के लिए नदी के दोनों किनारों पर पीपल, पाकड़, आम, जामुन और बरगद जैसे पौधे लगाए जाएंगे। गंगा किनारे लगने वाले सभी पौधों की जियो टैगिंग की जाएगी, ताकि पौधों की चोरी को रोका जा सके। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत यूपी में गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी।