स्वस्थ शरीर के लिए ज़रूरी है सही और संतुलित खानपान यानी आपके भोजन में हर तरह के पोषक तत्व होने चाहिए जो अलग-अलग सब्ज़ियों, फल व अनाज से मिलते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आमतौर पर लोगों को संतुलित भोजन नहीं मिल पाता है, क्योंकि उनके पास इतनी आमदनी नहीं होती कि बाज़ार से अलग-अलग तरह की सब्ज़ियां/फल खरीद सकें। न ही इतनी जानकारी होती है कि घर के पीछे खाली पड़ी जगह में मौसमी सब्ज़ियां उगा सकें। ऐसे में महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र की न्यूट्रिशनल किचन गार्डन बनाने वाली पहल सराहनीय है। वह लोगों को ऐसे गार्डन बनाने के लिए प्रेरित कर रही है और उनकी मदद भी कर रही है। गोरखपुर के मलौर गाँव के विष्णु प्रताप सिंह ने KVK की मदद से सफल किचन गार्डन बनाकर इलाके में मिसाल पेश की है।
परिवार की पोषण संबंधी ज़रूरतें पूरी होती हैं
न्यूट्रिशनल किचन गार्डन बनाने का मुख्य उद्देश्य परिवार के सदस्यों को पौष्टिक सब्ज़ियां मुहैया कराना है। वर्तमान समय में केमिकल मुक्त जैविक सब्ज़ियां बाज़ार में मिलना मुश्किल है और यदि मिलती भी हैं तो कीमत बहुत अधिक होती है। इसलिए गोरखपुर के मलौर गाँव के किसान विष्णु प्रताप सिंह ने घर के पीछे की छोटी सी जगह (0.13 हेक्टेयर) में ही 2018 में न्यूट्रिशनल किचन गार्डन की शुरुआत की। इसके साथ ही वह बैकयार्ड पोल्ट्री फ़ार्म भी चला रहे हैं।
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कृषि विज्ञान केंद्र से मिली मदद
विष्णु प्रताप सिंह को किचन गार्डनिंग के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी। वह महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र के पशु वैज्ञानिकों के संपर्क में आए। किचन गार्डनिंग में अपनी दिलचस्पी दिखाई। वैज्ञानिकों ने जानकारी देने के साथ ही उन्हें तकनीकी सहायता भी प्रदान की। विष्णु प्रताप सिंह बहुत मेहनती हैं और उन्होंने जल्द ही नई तकनीक सीखकर उसे अपना भी लिया। कृषि विज्ञान केंद्र ने न्यूट्रिशनल किचन गार्डन मॉडल का विस्तार से प्रदर्शन किया। विष्णु प्रताप सिंह ने कई प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियों में हिस्सा लिया।
शुरुआत में KVK के वैज्ञानिकों ने ही उन्हें न्यूट्रिशनल किचन गार्डन अपनाने के लिए प्रेरित किया और सफलता का विश्वास दिलाया। अब विष्णु प्रताप सिंह खुश हैं, क्योंकि वह परिवार की पोषण संबंधी ज़रूरतों को अच्छी तरह पूरा कर पाते हैं। उनके भोजन में सब्ज़ियों व फलों की विविधता है। KVK की मदद से उन्होंने बहुत ही सुंदर और आकर्षक किचन गार्डन बनाया है।
कौन-कौन सी सब्ज़ियां उगाते हैं?
विष्णु प्रताप सिंह का न्यूट्रिशनल किचन गार्डन न सिर्फ़ उनके गांव, बल्कि पूरे ज़िले में प्रभावशाली है और लोग इसे देखकर प्रेरित हो रहे हैं। न्यूट्रिशनल किचन गार्डन की बदौलत उन्हें बाज़ार से सब्ज़ियां नहीं खरीदनी होती यानी वह पैसे बच जाते हैं। परिवार को संतुलित भोजन मिलता है। वह अपने बगीचे में कई तरह की सब्ज़ियां व फल उगाते हैं जैसे जड़ वाली फसल, पत्तेदार सब्जियां, भिंडी, बकाला, लोबिया, क्लस्टर बीन, फ्रेंच बीन, ककड़ी, कद्दू, लौकी, परवल, सहजन, बैंगन, मिर्च, टमाटर, धनिया, गाजर, मूली आदि। फलों में केला, आम, अमरूद, नींबू, माल्टा, अंगूर, आड़ू, फालसा, पपीता, बेर, अनार और लीची के पौधे लगाए हुए हैं।
विष्णु प्रताप सिंह का कहना है कि बगीचे में उगाई कई सब्ज़ियों का इस्तेमाल वह परिवार के लिए करते हैं। जो सब्ज़ियां अतिरिक्त बचती हैं, वो उन्हें बेच देते हैं। इस तरह से सब्ज़ियों के लिए उनकी बाज़ार पर निर्भरता खत्म हो जाती है।
दूसरे किसानों को कर रहें प्रेरित
सफल न्यूट्रिशनल किचन गार्डन बनाने के बाद विष्णु प्रताप सिंह अपने ज़िले के अन्य किसानों को भी नई तकनीक अपनाकर किचन गार्डन बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वह किसानों को नई तकनीक अपनाने के लिए मार्गदर्शन भी कर रहे हैं। उनकी मदद से किसानों ने गाँव में अलग-अलग तरह की सब्ज़ियां उगाना शुरू कर दिया। इसकी उन्हें बाज़ार में अच्छी कीमत मिल रही है। किचन गार्डन बनाकर आप भी अपने परिवार को शुद्ध और ऑर्गेनिक सब्ज़ियां खिला सकते हैं।
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