लौकी की खेती (Bottle Gourd Farming): आज के इस दौर में जहां एक तरफ किसानों के बदहाली की चर्चा होती है वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे किसान भी हैं जो कृषि के क्षेत्र में आए दिन कई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं।
आज हम आपको हरियाणा के करनाल जिले के एक 37 वर्षीय किसान इरफान चौधरी के बारे में बताने जा रहे हैं जो महज 1 एकड़ भूमि पर सब्जियां उगाकर उस पूरे इलाके के लखपति किसानों में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं।
आइए जानते हैं कि आखिर इरफान की सफलता का राज क्या है?
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खेती करना कब शुरू किया?
इरफान ने कक्षा 10वीं तक पढ़ाई करने के बाद कृषि के क्षेत्र में कदम रख दिया था। उनके परिवार में उनके दो भाई, पत्नी और बच्चे हैं। खेती-बाड़ी का सारा काम वह खुद ही देखते हैं। सबसे मुख्य बात यह है कि उनके परिवार में पुश्तैनी खेती की जा रही है।
इरफान के पास 1 एकड़ जमीन है जिसमें वह लौकी की खेती करते हैं और आज उन्हें उससे काफी अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है। वह खेती में अपने नौकरों की सहायता लेते हैं। बता दें कि लौकी की खेती साल में तीन बार की जाती है। इसकी फसल जायद, खरीफ और रबी सीजन में उगाई जाती है।
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कैसे करते हैं खेती?
इरफान बताते हैं कि वह अपनी खेती के दौरान आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण आज वह एक सफल किसान कहलाए जा रहे हैं। वह बुवाई के समय उन्नत कंपनी के बीजों का प्रयोग करते हैं। वहीं खेती के समय आधुनिक ट्रैक्टरों की मदद लेते हैं।
आज के इस दौर में जहां खेती के लिए कई केमिकल्स और रसायनिक वस्तुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है वही इरफान खेती के दौरान सिर्फ प्राकृतिक वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं। वह गाय के गोबर से बनी खाद, यूरिया और डीएपी का प्रयोग करते हैं। अगर बात करें सिंचाई के तकनीकों की तो वह फसलों की सिंचाई ट्यूबवेल से करते हैं।
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लौकी की बिक्री से कमाते हैं 1 लाख रूपए
इरफान चौधरी बताते हैं कि उन्हें 1 एकड़ की जमीन में लौकी की खेती करने के लिए लगभग 50 हजार रूपए की लागत लगती है। अगर बात करें फसलों की बिक्री की तो वह दिल्ली और पानीपत की सब्जी मंडियों में अपनी लौकी बेचते हैं। उन्हें उनकी उपज का 30 से ₹40 प्रति किलो के हिसाब से भाव मिल जाता है। अभी तक उन्हें उनकी कुल मुनाफे से मेहनत और मजदूरी की लागत निकालकर करीब एक लाख रूपए का लाभ हो चुका है।