कोरोना महामारी की ज़बरदस्त मार झेल रहे केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात के तटीय इलाकों को अब साल के पहले चक्रवाती तूफ़ान का भी मुक़ाबला करना होगा। पूर्वी मध्य अरब सागर में बन रहे इस तूफ़ान का नाम ‘ताउते’ या Cyclone Tauktae (pronounced as Tau’Te) होगा।
ये म्यांमार का नामकरण है और तौकती का मतलब ‘अत्यधिक आवाज़ करने वाली छिपकली’ है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि ‘ताउते’ की वजह से 14 से 16 मई के दौरान पश्चिमी तट के राज्यों के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
15-16 मई को भारी बारिश के आसार
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक कम वायुमंडलीय दबाव का क्षेत्र बन गया है जो धीरे-धीरे शक्तिशाली होकर लक्षद्वीप की ओर बढ़ रहा है। इसी वजह से 15-16 मई तक लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के तटवर्ती इलाकों में तूफ़ान ‘तौकती’ का कहर बरपा हो सकता है।
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मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी
तूफ़ान ‘ताउते’ की वजह से तेज़ हवाएँ चलने और भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग की तरफ से जारी अलर्ट के मुताबिक लक्षद्वीप और मालदीव के इलाकों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार वाली हवाएँ चलेंगी। इसीलिए मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी गयी है।
मौसम विभाग का कहना है कि तूफ़ान ‘ताउते’ के तेवर का और ब्यौरा अगले एक-दो दिनों में हासिल होगा। क्योंकि वैज्ञानिकों को फ़िलहाल ऐसा लग रहा है कि 20 मई को या तो ‘ताउते’ का असर कच्छ से गुजरते हुए दक्षिण पाकिस्तान की ओर जाता दिख सकता है या फिर ये दक्षिणी ओमान की ओर भी अपना रुख़ कर सकता है।
फिर भी ये माना गया है कि गुजरात के तटीय इलाकों में ‘तौकती’ 17 या 18 मई तक पहुँचेगा।