केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अब कम समय ही बचा है, ऐसे में किसानों की आय के स्रोतों को कैसे बढ़ाया जाए, इसे लेकर केंद्र और अलग-अलग राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। इन प्रयासों के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए कई नई योजनाएं भी शुरू की गई हैं।
दो क्रेडिट-लिंक्ड योजनाओं को मंजूरी
इसी क्रम में पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश की कैबिनेट ने कृषि और बागवानी के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो क्रेडिट-लिंक्ड योजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के तहत 300 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। अरुणाचल सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कृषि के लिए आत्मनिर्भर कृषि योजना और बागवानी के लिए आत्मनिर्भर बागवानी योजना के लिए 60-60 करोड़ रुपये की सब्सिडी तय की है।
योजनाओं के तहत कितनी मिलेगी सब्सिडी
इन ऋण संबद्ध योजनाओं के मुख्य तीन घटक होंगे- बैंक ऋण, सब्सिडी और लाभार्थियों का योगदान। मुख्यमंत्री पेमा खांडू कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इन योजनाओं में सब्सिडी का हिस्सा 45 प्रतिशत होगा, जबकि लाभार्थी को 10 प्रतिशत का योगदान करना होगा और बाकी बैंक ऋण होगा। बैंक ऋण बेहद कम दर पर खेती बागवानी करने वालों को बैंक से मुहैया करवाया जाएगा, जिससे किसानों को पूंजी के अभाव में बीज, खाद, सिंचाई आदि की समस्या का सामना न करना पड़े।
बिना गारंटी के किसानों को लोन की व्यवस्था
यह योजना किसानों, स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के लिए उपलब्ध होगी। एक किसान बिना किसी जमानत या बैंक गारंटी के 1.6 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकता है, जबकि स्वयं सहायता समूह 10 लाख रुपये तक का लाभ उठा सकते हैं।
ये दोनों योजनाएं पूरे राज्य में लागू होंगी। इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आवेदक को अपने संबंधित जिलों में उपायुक्त कार्यालय में आवेदन करना होगा। इसमें 300 करोड़ रुपये का निवेश कृषि क्षेत्र में होने की उम्मीद है। इसमें सरकार का सब्सिडी हिस्सा 120 करोड़ रुपये के करीब होगा।