अगर आप जैविक खेती (Organic Farming) करते हैं तो ये ऑनलाइन पोर्टल आपके लिए ही बना है

यहां किसान खुद अपनी उपज का भाव तय कर सकते हैं। किसानों ने इस पोर्टल पर अब तक एक लाख 20 हज़ार से ज़्यादा की जैविक उपज रजिस्टर्ड करा ली है।

जैविक खेती ( organic farming )

सरकार किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कई कदम उठा रही है। इन्हीं में से एक है जैविक खेती यानी ऑर्गेनिक फ़ार्मिंग को बढ़ावा देना। कोरोना के बाद से लोग अपनी सेहत को लेकर ज़्यादा सचेत हो गए हैं। कई लोग केमिकल फ़्री प्रॉडक्ट्स की तरफ़ बढ़ रहे हैं। बाज़ार में जैविक उत्पादों को दाम भी अच्छा मिलता है।

इस कारण जैविक खेती से किसानों की आमदनी को बढ़ाने में मदद मिलेगी इस बात की पूरी उम्मीद है।

किसानों को सीधा खरीदारों से जोड़ता है ये पोर्टल

भारत में जैविक खेती (Organic farming) का चलन लगातार बढ़ रहा है। इसकी तरफ़ किसानों का रुझान भी है, लेकिन अपनी फसल को कहां और कैसे बेचना है, इस बारे में कई किसान जानकारी की कमी से मार खा जाते हैं। उन्हें समझ नहीं आता कैसे वो अपनी फसल बाज़ार तक पहुंचायें । किसानों की इसी परेशानी को दूर करता है जैविक खेती पोर्टल। इस लेख में हम आपको इस पोर्टल के बारे में पूरी जानकारी देंगे कि कैसे किसान साथी इस पोर्टल के ज़रिए अपनी फसल को खरीदारों तक पहुंचा सकते हैं। ये पोर्टल खरीदारों को भी सीधा किसानों से जोड़ता है।

जैविक खेती ( organic farming )

अगर आप जैविक खेती (Organic Farming) करते हैं तो ये ऑनलाइन पोर्टल आपके लिए ही बना हैदेशभर के किसान इस पोर्टल पर करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन

देश के किसी भी राज्य के किसान और खरीदार इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर इसका लाभ ले सकते हैं। इसके लिए किसान के पास जैविक उत्पाद (Organic product) का प्रमाणपत्र होना ज़रूरी है| इस प्लेटफ़ॉर्म का मक़सद  बिचौलियों की भूमिका को खत्म कर सीधा किसानों को मुनाफ़ा पहुंचाने का है।

किसान खुद तय कर सकता है अपनी उपज का भाव

यहां किसान खुद अपनी उपज का भाव तय कर सकते हैं। किसानों ने इस पोर्टल पर अब तक एक लाख 20 हज़ार से ज़्यादा की जैविक उपज रजिस्टर्ड करा ली है। इसमें दाम को भी पारदर्शी रखा गया है। ई-बाज़ार सेक्शन में जाकर खरीदार अनाज, दालें, फल और सब्जियां सीधा इस पोर्टल से अपने घर पर मंगा सकते हैं।

जैविक खेती ( organic farming )

 

सबसे ज़्यादा उत्तराखंड के किसानों ने किया पंजीकरण, दूसरे नंबर पर यूपी

इस पोर्टल पर अभी तक लगभग 5 लाख 22 हज़ार किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसके अलावा करीबन 16 हज़ार कृषि समूहों ने जैविक उत्पाद बेचने के लिए आवेदन किया है। इसमें उत्तराखंड के किसानों ने सबसे ज़्यादा आवेदन किया है। राज्य के करीब 1 लाख 72 हज़ार किसानों ने इस पोर्टल पर अपनी उपज बेचने के लिए खुद को रजिस्टर किया है। जबकि दूसरे  नंबर पर उत्तर प्रदेश के 71 हज़ार ने आवेदन किया है। करीब 8 हज़ार खरीदारों ने इस पोर्टल से जैविक उत्पाद खरीदने में रुचि दिखाई है।

ये पोर्टल व्यापार के नज़रिए से तो तैयार किया ही गया है, साथ ही ये किसानों को जैविक खेती से जुड़ी हर जानकारी भी देगा। ये पोर्टल केस स्टडी और  वीडियो के ज़रिए जैविक खेती के बेहतर तरीकों, सफलता की कहानियां और जैविक खेती से जुड़ी सारी जानकारी मुहैया कराता है।

जैविक खेती ( organic farming )

अगर आप जैविक खेती (Organic Farming) करते हैं तो ये ऑनलाइन पोर्टल आपके लिए ही बना हैकैसे उठाएं इस पोर्टल का लाभ

आपको सबसे पहले जैविक खेती पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट www.jaivikkheti.in पर जाना होगा। इसके बाद दायीं ओर आपको भाषा का विकल्प दिखेगा। इसमें अपनी इच्छा अनुसार भाषा चुन लें। अभी ये पोर्टल 8 भाषाओं में उपलब्ध है। अगर आप अपनी उपज को बेचना चाहते हैं तो मेनू बार में दिख रहे विक्रेता में जाकर विक्रेता पंजीकरण पर क्लिक कर दें। इसके बाद तीन विकल्प आएंगे। व्यक्तिगत किसान, स्थानीय समूह, और  एग्रीगेटर/ प्रोसेसर, इनमें से जो भी क्षेत्र आपका है, उसे चुन लें।

इन तीनों ही वर्गों में पंजीकरण करने के लिए PGS पोर्टल (Participatory Guarantee System for India) पर रजिस्टर्ड होना ज़रूरी है। किसान को पंजीकरण फ़ॉर्म में अपना PGS मेंबर कोड डालना होगा। इसके बाद किसान की पहचान वेरिफ़ाइड करने के लिए, किसान के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर एक ओटीपी आएगा।   उसे भरते ही आपका पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। अगर आपने PGS पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो आप इस पोर्टल पर pgsindia-ncof.gov.in जाकर खुद को रजिस्टर्ड करा सकते हैं।

जैविक खेती ( organic farming )

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल। 
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