देश के अन्नदाता को कैसे लाभ पहुंचाया जाए इसके लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है। आज हम आपको इस लेख में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पांच महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। किसान ऑफ़ इंडिया की टीम देश के कोने-कोने से आपके लिए खेती-किसानी से जुड़ी खबरें लेकर आती है। इसी दौरान कई किसानों से हमारी टीम की मुलाकात होती है। आज भी दूर-दराज के कई ऐसे इलाके हैं जहां के किसानों को इनमें से कई योजनाओं और इनके फ़ायदों के बारे में जानकारी ही नहीं है। इन योजनाओं का लाभ ग्रामीण और तहसील स्तर पर बड़े स्तर पर पहुंचाने की ज़रूरत है। यहां हम ऐसी ही पांच योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसानों की सुरक्षा और उनकी आमदनी बढ़ोतरी में एक बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
1. पीएम किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme, PM-Kisan Yojana)
- सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) से करीबन 12 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं।
- जिन छोटे और सीमांत किसान परिवारों के पास 2 हेक्टेयर तक ज़मीन हो वो इस योजना का लाभ ले सकते हैं। किसानों को आर्थिक मदद के उद्देश्य से 2018 में इस योजना की शुरुआत हुई।
- पीएम किसान योजना के तहत देशभर के करोड़ों किसानों को 6 हज़ार रुपये की सालाना आर्थिक मदद दी जाती है। हर चार महीने में 2 हज़ार रुपये की 3 किस्तें सीधा किसानों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर होती हैं ।
- केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी, दस हज़ार रुपये से ज़्यादा की पेंशन लेने वाले लोग, संवैधानिक पदों पर आसीन मौजूदा या पूर्व सांसद/ विधायक/मंत्री/ मेयर भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। इसके अलावा रजिस्टर्ड डॉक्टर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, इंजीनियर, वकील, आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर वाले लोग भले ही किसान क्यों न हो, वो भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना का फ़ायदा नहीं उठा सकते।
- किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए दस्तावेज़ ऑनलाइन ही सबमिट करने की व्यवस्था कर दी गई है। सरकार ने ज़मीन से जुड़े कागज़ात, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और घोषणापत्र की हार्डकॉपी जमा कराने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अब किसान दस्तावेज़ों की पीडीएफ फाइल बनाकर सीधा पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे।
- Pmkisan.gov.in पर जाकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana, PMFBY)
- किसानों को बारिश, आंधी, तूफान, ओलावृष्टि, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में फसल को हुए नुकसान से राहत पहुंचाने के लिए 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई।कृषि योजनाएँ
- PMFBY के तहत होने वाले फसल बीमा के प्रीमियम का बड़ा हिस्सा केन्द्र और राज्य सरकारें भरती हैं।
- PMFBY के तहत फसल की बुआई के पहले से लेकर कटाई के बाद तक की बीमा सुरक्षा मिलती है।
- हरेक किसान फसल बीमा का फ़ायदा ले सकता है। भले ही वो अपने खेतों में पैदा होने वाली फसल के लिए हो या फिर किराये या बटाई पर खेत लेकर खेती करने वाला किसान हो। PMFBY में सभी तरह की खेती को शामिल किया गया है।
- बीमा योजना के लाभार्थी को खरीफ़ के लिए 2 प्रतिशत, रबी के लिए 1.5 प्रतिशत और कारोबारी तथा बागवानी वाली फसलों पर 5 फ़ीसदी प्रीमियम भरना पड़ता है। बाक़ी प्रीमियम सरकार भरती है।
- खेत में फसल की बुआई के 10 दिनों के अंदर आपको PMFBY का फॉर्म भरना जरूरी है। फसल काटने से लेकर तैयार करने के 14 दिनों के बीच अगर आपकी फसल को प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान होता है, तब भी आप PM फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसल की सूचना प्रभावित किसान को बीमा कम्पनी को देनी पड़ती है। इसके बाद बीमा कम्पनी के अधिकारी प्रभावित खेत का सर्वे करके नुकसान का जायज़ा लेते हैं। फिर 30 दिनों में बीमे का पैसा किसान के खाते में भेज दिया जाता है।
- अगर किसी वजह से किसान बीमा कम्पनी से सम्पर्क नहीं कर सके तो उसे बिना देर किये अपने नज़दीकी बैंक अधिकारी को लिखित में सूचना देनी चाहिए।
- फसल बीमा के लिए ऑनलाइन और ऑफ़लाइन, दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं। अगर आप फॉर्म ऑफलाइन लेना चाहते हैं तो अपने नजदीकी बैंक की ब्रांच में जाकर PM फसल बीमा योजना का फॉर्म भर सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आप PMFBY की वेबसाइट pmfby.gov.in पर जा सकते हैं।
3. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (Pradhan Mantri Kisan Maandhan Yojana, PMKMDY)
- देश के करोड़ों किसानों को पेंशन के लाभ से जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार ने सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना यानी PMKMDY की शुरुआत की थी। इसे किसान पेंशन योजना (Kisan Pension Scheme) भी कहा जाता है। किसान पेंशन योजना का लाभ उठाने वालों की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।
- पेंशन के लिए हर महीने 55 रुपये से 200 रुपये तक की किस्त भरनी होती है। इसका मक़सद 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ तक की जोत वाले छोटे और सीमान्त किसानों को 60 साल की उम्र के बाद 3 हज़ार रुपये महीना पेंशन देने का है। पेंशन पाने वाले की मृत्यु होने पर, उसकी पत्नी को 1,500 रुपये प्रति महीने की दर से पेंशन दी जाती है।
- किसान पेंशन योजना की ख़ासियत ये भी है कि इसमें किस्त की जितनी रकम किसान चुकाएगा, उतनी ही राशि केन्द्र सरकार की ओर से भी दी जाती है।
- इस योजना का लाभ उठाने वालों की उम्र के हिसाब से किस्त की रकम तय की जाती है। मिसाल के तौर पर, जो किसान 18 साल की उम्र में जुड़ेंगे उन्हें 55 रुपये महीना की किस्त भरनी होगी, जबकि 30 साल की उम्र में किसान पेंशन योजना से जुड़ने वालों की किस्त 110 रुपये महीना और 40 साल की उम्र में जुड़ने वालों की किस्त 200 रुपये महीना होती है।
- किसान पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए आपको पहले खुद को इसकी आधिकारिक साइट maandhan.in पर रजिस्टर कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान आपसे आधार कार्ड, नाम, जन्म तिथि,राज्य, शहर, ज़िले, ज़मीन के कागज़ात सहित फ़ोन नंबर, मेल आईडी, फ़ोटो और बैंक खाते की जनकारी मांगी जाएगी। फ़ॉर्म को अच्छे से भरकर सबमिट कर दें।
- अन्य किसी भी पेंशन योजना का लाभ पाने वाले प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का लाभ नहीं ले सकते।
4. प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Prime Minister Kusum Yojana, PM-KUSUM)
- पीएम कुसुम योजना 2019 में लागू हुई। इसका मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा को खेती-किसानी के क्षेत्र में प्रोत्साहित करके किसानों की कमाई बढ़ाने में मदद करना है।
- इस योजना के तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए छूट मिलती है। सोलर पंप लगाने के लिए किसानों को 60 फ़ीसदी अनुदान या आर्थिक मदद देकर प्रोत्साहित किया जाता है।
- कुसुम योजना के ज़रिये किसान अपनी ज़मीन पर सौर ऊर्जा के उत्पादन का प्लांट भी लगा सकते हैं। प्लांट से पैदा होने वाली बिजली को आसपास के किसानों या सीधे बिजली वितरण कंपनियों को बेच सकते हैं। ऐसे प्लांट लगाने वाले किसान या भूमि मालिक को 60 हज़ार रुपये से लेकर एक लाख रुपये सालाना तक की आमदनी हो सकती है। ये बैंक का कर्ज़ उतारने में काफ़ी मददगार हो सकता है।
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुल लागत के 10 फ़ीसदी का इन्तज़ाम खुद से करना होता है। बाकी की राशि बैंक से कर्ज़ के रूप में मुहैया करवायी जाती है।
- कुसुम योजना का लाभ उठाने के लिए किसान अपने नज़दीकी बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
- नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की आधिकारिक वेबसाइट www.mnre.gov.in पर जाकर पूरी जानकारी ले सकते हैं।
- टोल फ्री नम्बर 1800-180-3333 पर कॉल करके PM-KUSUM से जुड़ी हर जानकारी मांग सकते हैं।
5. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM Formalisation of Micro food processing Enterprises Scheme, PMFME)
- आत्मनिर्भर भारत अभियान योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की शुरुआत 2020 में हुई। इस योजया का उद्देश्य फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा देना है।
- इस योजना का लाभ लेकर किसान अपनी उपज को खुद प्रोसेस कर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।
- इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदकों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपने प्रोजेक्ट को अपलोड करना है।
- इस योजना के तहत 35 फ़ीसदी तक सब्सिडी मिलेगी, जिसकी अधिकतम रकम 10 लाख रुपये है। 35 फ़ीसदी का अनुदान प्रोसेसिंग प्लांट में लगने वाली सभी मशीन, मशीन के लिए लगाने वाले शेड, फाइनल प्रॉडक्ट के स्टोर और कच्चा माल रखने की जगह पर मिलेगा। ये सब कैपिटल इनवेस्टमेंट में गिना जाएगा।
- इस योजना के ज़रिए स्वंय सहायता समूहों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। स्वंय सहायता समूह इस योजना से दो तरीके से लाभ ले सकते हैं। मान लीजिए उन्हें प्रोसेसिंग के लिए कच्चा माल खरीदना है, भंडारण वाली जगह खरीदनी है, बड़े बर्तन खरीदने हैं, इस तरह की चीज़ों पर प्रत्येक सदस्य को इस योजना के तहत 40 हज़ार रुपये की सब्सिडी देने का प्रावधान है।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का लाभ उठाने के लिए भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी मंत्रालय की वेबसाइट के इस लिंक mofpi.nic.in पर क्लिक करें। यहां आपको सबसे पहले खूद को रजिस्टर करना होगा। फिर आवेदक लॉग इन आईडी से लॉग इन करके वेबसाइट पर दिये गये दिशानिर्देशों के अनुसार आवेदन कर सकते हैं।
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