Soybean Farming: सोयाबीन की फसल को हानिकारक कीटों से कैसे बचाएं? जानिए पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी से

हानिकारक कीटों की वजह से सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान पहुंचता है। कैसे किसान इन कीटों की रोकथाम कर सकते हैं, इसे लेकर किसान ऑफ़ इंडिया की मध्य प्रदेश स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र रायसेन के पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी से ख़ास बातचीत।

सोयाबीन की फसल के कीट soybean farming insects and pests

सोयाबीन एक दलहन फसल होने के बावजूद तिलहन फसल मानी जाती है। सोयाबीन की खेती देश में लगभग 113 लाख हेक्टयर क्षेत्र में की जाती है। मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन के मामले में सबसे आगे है। यहाँ 55 लाख हेक्टयर क्षेत्र में सोयाबीन की खेती की जाती है। सोयाबीन की फसल में कीटों का उचित प्रबंधन न करने से उपज में 25–30 फ़ीसदी की कमी आ जाती है। सोयाबीन का अच्छा उत्पादन लेने के लिए कीट प्रबंधन की सही तकनीक अपनाकर किसान नुकसान कम करके बेहतर उत्पादन ले सकते हैं। कैसे करें हानिकारक कीटों से सोयाबीन की फसल का बचाव? ये जानने के लिए किसान ऑफ़ इंडिया ने मध्य प्रदेश स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र रायसेन के पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी से ख़ास बातचीत की।

डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि सोयाबीन की फसल पर लगभग सभी राज्यों में कीटों का प्रकोप देखा जाता है। किसान अक्सर कीटों की सही समय पर पहचान नहीं कर पाते हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में अगर सही समय पर कीटों की पहचान कर, रोकथाम के सही उपाय किए जाए तो सोयाबीन की फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।

सोयाबीन की फसल के कीट soybean farming insects and pests
तस्वीर साभार: ICAR-Indian Institute of Spices Research

गर्डल बीटल कीट की पहचान और नियंत्रण उपाय (Girdle beetle insect)

डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी ने कहा कि सोयाबीन में लगने हानिकारक कीटों में से एक गर्डल बीटल है। ये पीले रंग की इल्ली होती है, जो सोयाबीन की पत्तियां और तने को काफ़ी नुकसान पहुंचाती हैं। इस कीट की इल्ली अंडे से निकलकर तने के अंदर रहकर पौधों को खाती रहती है। इससे पौधे की ऊपरी पत्तियां सूखने लगती हैं और तना व टहनियां मुरझाने लगती हैं। इसका प्रकोप जुलाई से लेकर अक्टूबर तक रहता है। इसके नियंत्रण के लिए थायोक्लोरोपिड 21.7 एस एस की 750 मिलीलीटर दवा या प्रोपोकोनोफास 50 ईसी की 1.25 लीटर दवा का प्रति हेक्टेयर में छिडकाव करना चाहिए।

सोयाबीन की फसल के कीट soybean farming insects and pests girdle beetle insect
तस्वीर साभार: ICAR-Indian Institute of Spices Research

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हानिकारक कीट सेमीलूपर से कैसे बचाएं फसल को (Semilooper Insect)

पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि सोयाबीन की फसल के सबसे हानिकारक कीटों में सेमीलूपर कीट भी आता है। इनकी इल्लियां सोयाबीन की पत्तियां खाती हैं। शुरू में  इल्लियां पत्तियों पर छोटे-छोटे छेद बनाकर खाती हैं और बड़ी होने पर पत्तियों में बड़े-बड़े अनियमित आकार के छेद कर देती हैं। इसके बाद, इनका प्रकोप कलियों, फूलों व नव-विकसित कलियों पर पड़ता है। इससे फसल को भारी क्षति होती है। इस कीट का प्रकोप फूल आने से पहले और फली लगने की अवस्था में ज़्यादा होता है। अगर किसान को प्रति मीटर में चार इल्लियां दिखाई दें तो नियंत्रण के लिए केमिकल दवा इमामेक्टिन बेंजोएट 1.9 ई.सी. की 450 मिली लीटर दवा या स्पायनेटोरम 11.7 एस.एसी की 450 मिलीलीटर दवा का प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए।

सोयाबीन की फसल के कीट soybean farming insects and pests girdle beetle insect
तस्वीर साभार: ICAR-Indian Institute of Spices Research

स्टेम फ़्लाई या तना मक्खी की रोकथाम के उपाय

सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों में तना मक्खी यानी स्टेम फ़्लाई एक प्रमुख कीट है। ये साधारण चमकीले काले रंग की होती है। पूर्ण विकसित इल्ली हल्के पीले रंग की होती है। यह इल्ली तने में पहुंचकर टेढ़ी-मेढ़ी सुरंग बनाकर तने को खाती है। इस प्रकार के प्रकोप से सबसे अधिक नुकसान अंकुरण के 7 से 10 दिनों में होता है। इस रोग से ग्रसित पौधे पूरे के पूरे सूख जाते हैं। इसके नियंत्रण के लिए केमिकल दवा बीटासायफ्लुथ्रिन 8.49 + इमिडोक्लोप्रिड 19.81 फ़ीसदी ओडी की 350 मिली लीटर दवा का प्रति हेक्टेयर में प्रयोग करना चाहिए।

टोबैको कैटरपिलर कीट पर कैसे पाए नियंत्रण?

टोबैको कैटरपिलर छोटे मटमैले रंग के कीट होते हैं। ये सोयाबीन की फसल में पत्तियों पर रहकर हरे भाग को कुतर-कुतर के खाते हैं। इससे ग्रसित पत्तियां एकदम जाली दार हो जाती हैं। इसके कीट का अटैक फूल बनने के पहले और फली लगने के समय ज़्यादा होता है। अगर प्रति वर्गमीटर तीन इल्ली दिखाई दें तो इसके नियंत्रण के लिए रासायनिक दवा इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 एस जी की 200 ग्राम दवा या फ्लूबेनडामाइड 39.35 एससी की 150 मिली लीटर दवा को पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए।

सोयाबीन की फसल के कीट soybean farming insects and pests girdle beetle insect

Soybean Farming: सोयाबीन की फसल को हानिकारक कीटों से कैसे बचाएं? जानिए पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी से

जैविक कीटनाशकों से करे नियंत्रण

डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी ने कहा कि कीटों की इल्लियों के नियंत्रण के लिए जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए। जब कीटों की इल्लियां छोटी अवस्था में होती है, तब जैविक कीटनाशकों के प्रयोग से बेहतर परिणाम मिलते हैं। बीटी नामक जैविक कीटनाशक को एक लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करना चाहिए। इससे इल्लियां सुस्त होकर दो से तीन दिन में मर जाती हैं। फफूंद से बनाए गए जैविक कीटनाशक ब्यूबेरिया वैसियाना की एक किलों ग्राम मात्रा का प्रति हेक्टयर में छिड़काव करना चाहिए। इस दवा के प्रयोग से इल्लियों के सारे अंग नष्ट हो जाते हैं। वायरस से बनाई गई जैविक दवा एनपीबी 250 ग्राम का छिड़काव करने से इल्लियां मरने लगती हैं। इस तरह इन जैविक कीटनाशकों का प्रयोग कर कम लागत में कीटों का नियंत्रण किया जा सकता है।

हानिकारक कीटों के नियंत्रण के लिए कृषि यंत्रों का इस्तेमाल

पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. द्विवेदी ने कहा कि फेरोमोन ट्रेप या प्रकाश प्रपंच यानी कि लाइट ट्रैप के इस्तेमाल से भी कीटों के प्रकोप को कम किया जा सकता है। लाइट ट्रैप के पास कीट प्रकाश की तरफ़ आकर्षित होकर आते हैं। फिर नीचे पानी भरे टब या जाल में फंस जाते हैं।यह सोयाबीन की फसल में कीटों के प्रकोप को कम करने के लिए एक प्रमुख यंत्र है। इससे सोयाबीन पर आक्रमण करने वाले कीटों की जानकारी भी मिल जाती है।

सोयाबीन की फसल के कीट soybean farming insects and pests
तस्वीर साभार: ICAR

सेमीलूपर की इल्ली व तम्बाकू की इल्ली के लिए प्रति हेक्टेयर 10-12 फेरोमोन ट्रैप (Pheromone Trap) प्रभावी होते हैं। उन्होंने बताया कि कई प्रकार के भक्षी पक्षियों का प्रमुख भोजन इल्लियां होती हैं। ये पक्षी फसल में से इल्लियों को खाते रहते हैं। इन पक्षियों के बैठने के लिये अगर खेत में 15–20 खूटियाँ या सूखी झाड़ियां प्रति हेक्टेयर लगा दी जाएं तो इन पक्षियों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं। ये पक्षी इल्लियों को खाकर सोयाबीन की फसल को कीटों से सुरक्षित रखती हैं।

सोयाबीन की फसल के कीट soybean farming insects and pests

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इस तरह से इन उपायों को अपनाकर सोयाबीन की फसल में लगने वाले हानिकारक कीटों से फसल को बचाया जा सकता है।

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