जिस तरह से खेती की नई और उन्नत तकनीकें विकसित हो रही हैं, वैसे ही मछली पालन की भी कई आधुनिक तकनीक और उन्नत प्रजातियां विकसित हो चुकी हैं। इससे मछली पालन मुनाफ़े का बिज़नेस बन गया है। छोटे किसान खेती के साथ ही मछली पालन से भी अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं, बस उन्हें वैज्ञानिक तकनीक और मछली की उन्नत प्रजातियों की जानकारी होनी चाहिए।
पारंपरिक मछली पालन पद्धति को छोड़कर अधिक कीमत वाली व्यावसायिक मछली के पालन से उनकी आमदनी कई गुना बढ़ सकती है, जैसा कि मणिपुर की महिला किसान थिंगोम इंद्रसखी देवी के साथ हुआ। पहले वह पारंपरिक मछली पालन करती थीं, जिससे उन्हें पर्याप्त आमदनी नहीं हो रही थी, लेकिन कृषि विज्ञान केन्द्र के संपर्क में आने के बाद उन्हें अनुवांशिक रूप से उन्नत मछली की प्रजातियों के बारे में पता चला और अब मछली पालन से वह लाखों का मुनाफ़ा कमा रही हैं।
पारंपरिक मछली पालन से नहीं हो रहा था मुनाफ़ा
मणिपुर के थौबल ज़िले के लीफ्राकपम मयाई लेइकाई गाँव की रहने वाली थिंगोम इंद्रसखी देवी के पास एक फिश पॉड यानी तालाब है, जिसमें वह मछली पालन करती हैं। यह तालाब करीब एक हेक्टेयर क्षेत्र में हैं। वह 2014 से मछली पालन कर रही हैं। मछली पालन के अपने शुरुआती सफर में उन्होंने पारंपरिक मछली को अपनाया और इंडियन मेजर कार्प, विदेशी कार्प और बहुत दूसरे छोटे कार्प की मछली की प्रजातियों का पालन पारंपरिक तरीके से किया।
मगर इससे उन्हें पर्याप्त आमदनी नहीं हो रही थी और उनकी आय व उपज उच्च कीमत वाली व्यवसायिक मछली की प्रजातियों की तुलना में बहुत कम थी। इसकी वजह वैज्ञानिक तकनीकी और प्रबंधन की जानकारी न होना था। हालांकि, प्रगतिशील महिला किसान थिंगोम इंद्रसखी लगातार अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए नई तकनीक और जानकारी की तलाश में जुटी रहती थीं। इन्हीं प्रयासों के तहत वह कृषि विज्ञान केन्द्र थौबल के संपर्क में आईं और यहां उन्हें अनुवांशिंक रूप से उन्नत मछली की प्रजातियों की जानकारी मिली। वह लगातार फ्रंट लाइन प्रदर्शन और कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेती रहती थीं।
ये भी पढ़ें: मछली के साथ बत्तख पालन यानी दोगुना लाभ, एक्सपर्ट एनएस रहमानी से जानिए कैसे शुरू करें Fish Cum Duck Farming
कृषि विज्ञान केन्द्र की पहल
कृषि विज्ञान केन्द्र थौबल ने उन्नत मछली किस्मों जयंती रोहू और अमूर कार्प पर प्रदर्शन आयोजित करने की पहल की। इसे राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद, भारत सरकार द्वारा फंड किया गया। इस कार्यक्रम के लिए 10 लाभार्थियों का चुनाव किया गया और 2018- 2020 में वबागई, वांगजिंग, लौरेम्बम, हिजाम खुनौ, तेंथा और लीफ्राकपम गाँवों में किसानों के तालाबों में फ्रंट लाइन प्रदर्शन किए गए।
थिंगोम इंद्रसखी देवी भी इन लाभार्थियों में से एक थीं। उन्होंने प्रदर्शन कार्यक्रम के लिए एक हेक्टेयर तालाब का इस्तेमाल किया। उन्होंने National Fisheries Development Board (NFDB) की आर्थिक सहायता के ज़रिए NFBB नेटवर्क हैचरी से अमूर कार्प और जयंती रोहू के बीज खरीदें। KVK, थौबल ने उनकी मछली पालन की पूरी गतिविधियों की निगरानी की। हर महीने उनके फ़ार्म में मछली के नमूनों की जांच करके उनके विकास की निगरानी की जाती थी।
बढ़ा मुनाफ़ा
जंयती रोहू और अमूर कार्प प्रजातियों के उत्पादन की बात करें तो एक हेक्टेयर से उन्हें 4,050 किलो मछली प्राप्त हुई। उन्हें सालाना करीबन 10,12,500 रुपये की आय हुई, जिसमें से उत्पादन लागत निकालने पर उन्हें 5,62,000 का शुद्ध मुनाफ़ा हुआ। थिंगोम इंद्रसखी देवी की सफलता देखकर इलाके के अन्य मछली उत्पादक भी अनुवांशिक रूप से उन्नत मछलियों की प्रजाती जयंती रोहू और अमूर कार्प के उत्पादन के लिए प्रेरित हुए।
ये भी पढ़ें: बेहतर लाभ का ज़रिया है मछली बीज उत्पादन, कैसे शुरू करें? जानिए मत्स्य विशेषज्ञ डॉ. मुकेश सारंग से
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल
ये भी पढ़ें:
- कृषि में आधुनिक तकनीक से मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने उन्नति की राह बनाईमनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
- Global Soils Conference 2024: ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 का आगाज़ मृदा सुरक्षा संरक्षण पर होगा मंथनGlobal Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
- जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभसंतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।
- रोहित चौहान की कहानी: युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय का भविष्यरोहित चौहान का डेयरी फ़ार्म युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है। रोहित ने कुछ गायों और भैंसों से छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की थी।
- जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई, जानिए उनकी कहानीसंजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
- जैविक तरीके से रंगीन चावलों की खेती में किसान विजय गिरी की महारत, उपलब्ध कराते हैं बीजबिहार के विजय गिरी अपने क्षेत्र में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वो 6-10 एकड़ भूमि पर धान, मैजिक चावल, रंगीन चावलों की खेती करते हैं।
- रोहन सिंह पटेल ने वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय शुरू किया, क्या रहा शुरुआती निवेश और चुनौतियां?रोहन सिंह पटेल ने दो साल पहले वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय का काम शुरू किया, जिसमें उन्होंने जैविक खाद बनाने की तकनीक को अपनाया।
- नौकरी छोड़कर अपने गांव में जैविक खेती और कृषि में नई तकनीक अपनाकर, आशुतोष सिंह ने किया बड़ा बदलावआशुतोष प्रताप सिंह ने अपने गांव लौटकर कृषि में नई तकनीक और जैविक खेती अपनाकर अपनी खेती को सफल बनाया और आसपास के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनें।
- जैविक खेती के जरिए रूबी पारीक ने समाज और राष्ट्र निर्माण में किया अद्वितीय योगदानरूबी पारीक ने जैविक खेती के जरिए न केवल अपना जीवन बदला, बल्कि समाज के लिए स्वस्थ भविष्य की नींव रखी। उनकी कहानी संघर्ष और संकल्प की प्रेरणा है।
- Millets Products: बाजरे के प्रोडक्टस से शुरू की अनूप सोनी ने सफल बेकरी, पढ़ें उनकी कहानीअनूप सोनी और सुमित सोनी ने मिलेट्स प्रोडक्ट्स (Millets Products) से बेकरी व्यवसाय शुरू किया, बाजरे से हेल्दी केक बनाकर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया।
- जानिए रघुवीर नंदम का कम्युनिटी सीड बैंक कैसे उनके क्षेत्र में वन सीड रेवोल्यूशन लेकर आ रहा हैआंध्र प्रदेश के रहने वाले रघुवीर नंदम ने ‘वन सीड रेवोल्यूशन कम्युनिटी सीड बैंक’ की स्थापना की, जिसमें उन्होंने 251 देसी चावल की प्रजातियों का संरक्षण किया है।
- पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से बनाई नई पहचान, जानिए रविंद्र माणिकराव मेटकर की कहानीरविंद्र मेटकर ने पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से अपनी कठिनाइयों को मात दी और सफलता की नई मिसाल कायम की, जो आज कई किसानों के लिए प्रेरणा है।
- उत्तराखंड में जैविक खेती का भविष्य: रमेश मिनान की कहानी और लाभउत्तराखंड में जैविक खेती के इस किसान ने न केवल अपनी भूमि पर जैविक खेती को अपनाया है, बल्कि सैकड़ों अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।
- Wheat Varieties: गेहूं की ये उन्नत किस्में देंगी बंपर पैदावारगेहूं की ये किस्में (Wheat Varieties) उच्च उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं, किसानों के लिए लाभकारी मानी गई हैं।
- पहाड़ी इलाके में मछलीपालन कर रही हैं हेमा डंगवाल: जानें उनकी सफलता की कहानीउत्तराखंड की हेमा डंगवाल ने पहाड़ी इलाकों में मछलीपालन को एक सफल व्यवसाय में बदला, इस क्षेत्र में सफलता हासिल की और अन्य महिलाओं को भी जागरूक किया।
- किसान दीपक मौर्या ने जैविक खेती में फसल चक्र अपनाया, चुनौतियों का सामना और समाधानदीपक मौर्या जैविक खेती में फसल चक्र के आधार पर सीजनल फसलें जैसे धनिया, मेथी और विभिन्न फूलों की खेती करते हैं, ताकि वो अधिकतम उत्पादकता प्राप्त कर सकें।
- पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू किया डेयरी फ़ार्मिंग का सफल बिज़नेस, पढ़ें जगदीप सिंह की कहानीपंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के छोटे से गांव में रहने वाले जगदीप सिंह ने पुलिस नौकरी छोड़कर डेयरी फ़ार्मिंग में सफलता हासिल कर एक नई पहचान बनाई है।
- जानिए कैसे इंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि तकनीकों से खेती को नई दिशा दीइंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि में सुपर सीडर, ड्रोन सीडर और रोटावेटर का उपयोग करके मक्का, गन्ना, और धान की फसलें उगाई हैं।
- Food Processing से वंदना ने बनाया सफल बिज़नेस: दिल्ली की प्रेरणादायक कहानीदिल्ली की वंदना जी ने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) से पारंपरिक भारतीय स्वादों को नया रूप दिया और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएं।
- देवाराम के पास 525+ बकरियां, बकरी पालन में आधुनिक तकनीक अपनाईदेवाराम ने डेयरी फार्मिंग की शुरुआत एक छोटे स्तर से की थी, लेकिन वैज्ञानिक और आधुनिक तरीकों को अपनाने के बाद उनकी डेयरी यूनिट का विस्तार हुआ।