Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन के टिप्स और मुनाफ़े का गणित जानिए पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. एल. सी. वर्मा से

अगर व्यावसायिक रूप से लेयर मुर्गी पालन (Layer Poultry Farming) करना चाहते हैं तो लेयर मुर्गियों की नस्लों को चुनने से पहले यह जान लेना ज़रूरी है कि लेयर मुर्गियां कितने प्रकार की होती हैं। कैसे इनका रखरखाव करना चाहिए? जानिए कृषि विज्ञान केन्द्र, मऊ उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड और पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. एल. सी. वर्मा से।

Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन

भारत में अंडे साल भर खाए जाते हैं और इसकी मांग साल भर बनी रहती है। इसलिए लेयर मुर्गी पालन काफ़ी लाभकारी व्यवसाय होता है। अगर यह व्यवसाय सही जानकारी और सही तकनीकों से किया जाए तो लेयर मुर्गियां 5 से 6 महीने की आयु से अंडे देना शुरू कर देती हैं। इसके बाद साल भर लगातार अंडे देती रहती हैं। एक साल में एक मुर्गी लगभग 300 से लेकर 310 अंडों का उत्पादन करती है। आइए जानते हैं लेयर पोल्ट्री फ़ार्मिंग के बारे में पूरी जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र, मऊ उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड और पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. एल. सी. वर्मा से।

Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन

लेयर मुर्गियों की नस्लें

पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ एल. सी. वर्मा ने बताया कि अगर व्यावसायिक रूप से लेयर पोल्ट्री का कार्य करना चाहते हैं तो लेयर मुर्गियों की नस्लों को चुनने से पहले यह जान लेना ज़रूरी  है कि लेयर मुर्गियां दो प्रकार की होती हैं।

पहली व्हाइट लेयिग हेन ग्रुप मुर्गियाँ, जिनकी खासियत है कि ये दूसरे मुर्गियों की तुलना में आकार में सामान्य से छोटी और आहार कम खाती हैं। इनके अंडे के खोल सफेद रंग के होते हैं। इस ग्रुप की मुर्गियों में ईसाव्हाइट, लेहमान व्हाइट, निकचिक, बाब कॉक प्रमुख नस्लें हैं।

दूसरा ग्रुप ब्राउन लेयिग हेन है। इस ग्रुप की लेयर मुर्गियों का अंडा खोल भूरे रंग और अंडे बड़े आकार के होते हैं। ये सफेद अंडे देने वाली लेयर मुर्गियों की तुलना में अधिक भोजन खाती हैं।ब्राउन लेयिग हेन की नस्लों में मुख्य रूप से ईसा ब्राउन, हाय सेक्स ब्राउन, लेहमैन ब्राउन, गोल्ड लाइन, हावर्ड ब्राउन नस्लें आती हैं।

Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन

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चूज़ों की करें सही देखभाल

पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. एल. सी. वर्मा ने बताया कि चूज़ों को खरीदते समय इस बात का ध्यान देना चाहिए कि एक स्वस्थ चूज़े का वजन 35-40 ग्राम से अधिक होना चाहिए। चूज़े सभी प्रकार के रोगों से मुक्त होने चाहिए। इसके लिए समय रहते टीकाकरण करना ज़रूरी है।समय पर टीकाकरण करने से चूज़ों के शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। हमेंशा एक विश्वसनीय हेचरी से चूज़े खरीदने चाहिए। चूज़े चार महीने यानी 16 हफ़्ते के बाद अंडे देना शुरू कर देते हैं।

लेयर पोल्ट्री के आहार, आवास और देखरेख

डॉ. एल. सी. वर्मा ने सुझाव दिया कि चूज़ों के अच्छे विकास के लिए आपको जन्म से 4 से 5 सप्ताह की आयु तक विशेष देखभाल करनी होती है। इसे हम ब्रूडिंग स्टेज कहते हैं। इस अवस्था में  खाने-पीने के अलावा उचित तापक्रम की ज़रूरत होती है। दो सप्ताह के बाद चूज़ों को कैल्शियम का दो प्रतिशत का घोल देना चाहिए। यह अवस्था छह सप्ताह तक रहती है, क्योंकि चूज़े इस अवस्था तक अपने शरीर का तापमान खुद नियंत्रित नहीं कर सकते। इनके शरीर के विकास के लिए पर्याप्त प्रोटीन और ऊर्जा मिलती रहनी चाहिए।

6 सप्ताह बाद चूज़े शरीर के तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं, इसे ग्रोवर अवस्था कहा जाता है। इस अवस्था पर उन्हें ग्रोवर राशन दिया जाता है, जो कम खर्चीला होता है। इस समय अच्छे शारिरीक विकास के लिए अच्छी प्रकार से आहार प्रबन्धन करना चाहिए, जिससे आने वाले समय में उनकी अंडा उत्पादन क्षमता प्रभावित न हो सके। इसी अवस्था पर चोंच काटने का कार्य भी किया जाता है। 4 माह के बाद 90 फ़ीसदी मुर्गियाँ अंडे  देने के लिए  लेयिंग शेड में स्थानांतरित कर दी जाती हैं, जिससे अंडा देने के लिए मुर्गियाँ तैयार हो जाएं।अंडा देने के दौरान एक मुर्गी प्रतिदिन औसतन 110 ग्राम अनाज खाती है और एक अंडा उत्पादन करती हैं।

Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन

Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन के टिप्स और मुनाफ़े का गणित जानिए पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. एल. सी. वर्मा से

साल भर में एक मुर्गी 300 लेकर 310 अंडे देती है

डॉ. एल. सी. वर्मा के अनुसार, एक चूज़े से लेकर अंडे के उत्पादन तक की पूरी प्रक्रिया में 4 महीने लगते हैं। एक मुर्गी 6 महीने के बाद अच्छी संख्या में अंडे देना शुरू कर देती है। एक मुर्गी सालभर में 300-310 अंडे देती है। इसके बाद लेयर मुर्गियों को फ़ार्म से हटा देना चाहिए क्योकि व्यावसायिक दृष्टिकोण से इन मुर्गियों से अंडा उत्पादन लेना फ़ायदेमंद नहीं रहता है।

लेयर मुर्गियों के बिज़नेस में मुनाफ़े का गणित

पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. वर्मा के अनुसार, एक अंडा तैयार करने में करीब 3.50 रुपये का खर्च आता है। यह बाज़ार में 4.50 रुपये तक बिकता है। यानी एक अंडे से सीधे 1 रुपये की बचत होती है। अगर आप 10,000 लेयर मुर्गियों से फ़ार्म शुरू करते हैं तो फ़ार्म शुरू करने के 4 महीने बाद आपको रोज़ाना करीब 10 हज़ार रुपये की आमदनी होगी। इस तरह आप एक महीने में तीन लाख रुपये तक कमा सकते हैं।

Layer Poultry Farming: लेयर मुर्गी पालन

लेयर मुर्गी पालन में बैंक करते हैं सपोर्ट

डॉ एल.सी. वर्मा ने बताया कि 10 हज़ार मुर्गियों के साथ पोल्ट्री फार्मिंग के प्रोजक्ट के लिए एक एकड़ ज़मीन की ज़रुरत होती है। इसमें लेयर फ़ार्म बनाने के लिए लगभग 70-80 लाख रुपये का खर्च होता है। इस व्यवसाय पर सरकार की तरफ से लोन की सुविधा समय-समय उपलब्ध रहती है, जिसमें कम से कम 30 फ़ीसदी स्वंय का योगदान, बाकी बैंक लोन देता है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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