Ornamental Fish Farming: सजावटी मछली पालन का वैज्ञानिक तरीका, युवक की आमदनी में इज़ाफ़ा

मछली पालन के मामले में भारत, चीन के बाद दूसरे नंबर पर आता ह। ऐसे में किसान यदि वैज्ञानिक तरीके से सजावटी मछलियों को पालें तो अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं, क्योंकि सजावटी मछली पालन (Ornamental Fish Farming) की मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

सजावटी मछली पालन Ornamental Fish Farming

आजकल घरों में एक्वेरियम में रंग-बिरंगी खूबसूरत मछलियां रखने का लोगों को बहुत शौक है। ऐसी मछलियों की मांग धीरे-धीरे सिर्फ़ देश ही नहीं, विदेशों में भी बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र में रोज़गार की अपार संभावनाएं हैं। मिजोरम के किसान सी लालमिंगथांगा ने भी  सजावटी मछली पालन को बतौर अपना मुख्य व्यवसाय चुना। आज वह इससे अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं।

आमदनी नहीं थी पर्याप्त

मिजोरम के 28 साल वर्षीय सी लालमिंगथांगा के पास 2.5 एकड़ ज़मीन है। हालांकि, खेती की बजाय उनका परिवार मुख्य रूप से मछली पालन पर ही निर्भर है। पहले इससे उन्हें पर्याप्त आमदनी नहीं हो पाती थी। इसका कारण था मछली पालन के क्षेत्र में कौशल की कमी।

Ornamental Fish Farming सजावटी मछली पालन
तस्वीर साभार: manage

 

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प्रशिक्षण से कौशल विकास

सी लालमिंगथांगा ने एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लिया। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA) ने फरवरी 2021 में ‘मछली पालन और प्रबंधन’ पर Skill Training for rural Youth (STRY) के तहत ये ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया था। इससे उन्हें सजावटी मछली पालन की वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में जानकारी मिली।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्या सीखा?

नर और मादा मछली की पहचान, मछलियों में प्रजनन का सही तरीका, स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री से मछलियों के लिए संतुलित आहार तैयार करना और तालाब को मछली पालन के लिए कैसे तैयार करना चाहिए, ऐसी तमाम जानकारियां उन्होंने ट्रेनिंग से मिली।

सजावटी मछली पालन से कितना बढ़ा मुनाफ़ा?

वैज्ञानिक तकनीक से सजावटी मछली पालन (Ornamental Fish Farming) करने से सी लालमिंगथांगा को प्रति महीने 20 हज़ार रुपये की शुद्ध आय प्राप्त होती है।

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तस्वीर साभार: manage

सजावटी मछली पालन में ग्रामीण युवाओं के लिए रोल मॉडल

लालमिंगथांगा न सिर्फ़ अपना व्यवसाय आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि गांव के अन्य किसानों को भी वैज्ञानिक मछली पालन का महत्व समझाकर आगे बढ़ने में उनकी मदद कर रहे हैं। साथ ही वह इस क्षेत्र में आने के लिए युवाओं को प्रेरित भी कर रहे हैं।

Ornamental Fish Farming सजावटी मछली पालन mizoram farmer
तस्वीर साभार: agrifarming

सजावटी मछली पालन में इन बातों का रखें ध्यान

पानी में मछली रखने के लिए सावधानीपूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता होती है। जहां तक ​​संभव हो मछली को प्राकृतिक परिवेश देने की कोशिश करें। पानी का पीएच मान, ऑक्सीजन लेवल उपयुक्त होना चाहिए। 

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लाइवबीयरर्सव (Livebearers) और एग लेयर्स (Egg-layers) प्रजातियां

व्‍यावसायिक किस्‍मों के तौर पर ज़्यादातार लाइवबीयरर्स (Livebearers) और एग लेयर्स (Egg-layers) की प्रजातियों को पाला जाता है। लाइवबीयरर्स प्रजाति की मछलियां हर महीने 20 से 25 बच्चे देती हैं। वहीं Egg layer प्रजाति की मछलियाँ सबसे पहले अंडे देती हैं और फिर उन अंडों से बच्चे निकलते हैं। 28 घंटे से लेकर 72 घंटे के बीच में अंडों से बच्चे आते हैं।

मुख्य लाइवबीयरर्स प्रजातियां

गप्‍पीज
मोली
स्‍वॉर्ड टेल
प्‍लेटी
एग लेयर्स

मुख्य एग लेयर्स (Egg-layers) प्रजातियां

गोल्‍डफिश
कोई कार्प
जेब्रा डानियो
ब्‍लैक विंडो टेट्रा
नियोन टेट्रा
सर्पा टेट्रा

Ornamental Fish Farming सजावटी मछली पालन mizoram farmer
तस्वीर साभार: tbsnews

रोज़गार की संभावनाएं

आंकड़ों के मुताबिक, पूरे विश्व में रंगीन/सजावटी मछलियों की जो सप्लाई होती है, उसमें से 60 फ़ीसदी मछलियां मीठे पानी की हैं। ऐसे में भारत में ऐसी मछलियों को पालने की संभावनाएं अधिक हैं, क्योंकि यहां मीठे पानी के स्रोत अधिक हैं। साथ ही देश में भी इन मछलियों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। ऐसे में सजावटी मछली पालन किसानों के लिए लाभ कमाने का अच्छा ज़रिया बन सकता है। साथ ही यह बड़े पैमाने पर लोगों को रोज़गार भी दिला सकता है। हमारे देश में सबसे अधिक सजावटी मछलियां पूर्वोत्तर भारत में पाली जाती हैं।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

मंडी भाव की जानकारी
 

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