Carrot Seeds: गाजर के साथ ही गाजर के बीज उत्पादन से होगा किसानों को डबल फ़ायदा?

जसपाल हर साल गाजर की खेती करते हैं और आखिर में गाजर के बीज का उत्पादन भी कर लेते हैं जिससे लगभग 100 किलोग्राम बीज तैयार होता है।

गाजर के बीज उत्पादन carrot seeds

किसान जो भी फसल उगा रहे हैं, अगर उसका बीज भी खुद ही तैयार करें तो उनका न सिर्फ़ काम आसान हो जाता है, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीज भी मिल जाते हैं, जिससे अच्छी फसल प्राप्त होती है। उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के सिसाना गांव की आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिक रही है, यहां के एक दर्जन से अधिक लोग स्वतंत्रता सेनानी थें, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में शहादत दी। इसी गांव के एक बुज़ुर्ग प्रगतिशील किसान जसपाल सिंह गाजर के साथ ही गाजर के बीज का उत्पादन कर रहे हैं। इससे उन्हें बढ़िया उत्पादन मिल रहा है। जसपाल हर साल गाजर की खेती करते हैं और आखिर में बीज का उत्पादन भी कर लेते हैं जिससे लगभग 100 किलोग्राम बीज तैयार होता है। कैसे करते हैं वो बीज का उत्पादन, इस बारे में जसपाल सिंह ने विस्तार से चर्चा की किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली से।

4 महीने में तैयार गाजर के बीज (Carrot Seeds Ready In 4 Months)

जसपाल बताते हैं कि बुवाई के लिए पहले खेत तैयार किया जाता है और फिर बीज की बुवाई की जाती है। फिर कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक वगैरह डाले जाते हैं। आगे वो बताते हैं कि बीज तैयार करने के लिए स्वस्थ, मोटी, लंबी और लाल गाजर को चुना जाता है। फिर ज़मीन से निकालकर उसके पिछले हिस्से यानि जड़ के पास से काटकर उसे ज़मीन में लगा दिया जाता है। अच्छे बीज के उत्पादन के लिए गोबर की खाद डाली जाती है और नियमित अंतराल पर सिंचाई की जाती है। जनवरी में बुवाई करने पर बीज मई तक तैयार हो जाते हैं। सुंडी या कोई दूसरे रोग से बचाव के लिए दवाइयों का भी छिड़काव किया जाता है।

गाजर बीज के भंडारण और दूरी का ध्यान (Storage & Sowing Distance In Carrot Seed Farming) 

जसपाल सिंह कहते हैं कि बीज तैयार करने के बाद उसका सही भंडारण बहुत ज़रूरी है। वो बताते हैं कि गाजर के बीज की कटाई के बाद उसे सुखाकर किसी बर्तन में रखा जाता है। ताकि अगले साल इसका इस्तेमाल किया जा सके। बुवाई के समय दूरी का ध्यान रखना भी ज़रूरी है। क्यारी से क्यारी के बीच डेढ़ से 2 फ़ीटऔर पेड़ों के बीच करीब 2 फ़ीट की दूरी होनी चाहिए।

अगर कोई किसान अच्छा बीज उत्पादन करना चाहता है तो उसे किन बातों का ध्यान रखने की ज़रूरत है इस बारे में जसपाल बताते हैं कि सबसे ज़रूरी बात है कि इस चीज़ का ध्यान रखा जाए कि पौधों में कीड़ा न लगें और खेत में खरपतवार न हो।

गाजर बीज की खेती में उत्पादन (Production In Carrot Seed Cultivation)

जसपाल सिंह ने अपने 2 बीघा ज़मीन में बीज उत्पादन के लिए गाजर लगाया है जिससे उन्हें करीब एक क्विंटल तक बीज प्राप्त हो जाता है। जहां तक इससे आमदनी का सवाल है तो इस बारे में वो कहते हैं कि बीज 500 से 700 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक जाते हैं और उनके द्वारा तैयार बीज गांव में ही बिक जाते हैं। वो बताते हैं कि ठंडी में लोग गाजर की खेती करते हैं इसलिए उनके बीज की डिमांड अच्छी रहती है। इस तरह बीज उत्पादन से वो 20 से 50 हज़ार रुपये तक की कमाई कर लेते हैं। उनका कहना है कि जब अच्छा उत्पादन होता है तो कमाई अच्छी होती है, लेकिन बीज अगर खराब हो जाए तो कमाई भी कम होती है।

हर साल गाजर के बीज का उत्पादन (Production Of Carrot Seeds Every Year)

जसपाल सिंह हर साल गाजर के साथ ही उसका बीज उत्पादन भी करते हैं। ऐसा करने पर क्या गाजर के उत्पादन में कमी आती है या नहीं ये पूछे जाने पर उनका कहना है कि उत्पादन में कमी नहीं आती है, वैसे भी बीज उत्पादन के लिए जिन गाजर के डंठल के हिस्से को काटकर लगाया जाता है, वो गाजर तो बाज़ार में बिक ही जाती है। और बीज चूकी वो खुद ही तैयार कर रहे हैं तो गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जाता है, इसलिए उत्पादन अच्छा होता है। हां, उनका ये मानना है कि हाइब्रिड की तुलना में उत्पादन में थोड़ा फर्क ज़रूर आता है।

गाजर के बीज के लिए तापमान और जलवायु (Temperature & Climate For Carrot Seeds)

गाजर हमारे देश की प्रमुख फसल है जिसका सेवन सलाद और सब्ज़ी के रूप में किया जाता है। गाजर की खेती सबसे ज़्यादा हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और उत्तर प्रदेश में की जाती है। ये सर्दियों की फसल है, अच्छे उत्पादन के लिए 8 से 23 डिग्री तापमान की ज़रूरत है। इस तापमान में गाजर का रंग, आकार और स्वाद सब अच्छा होता है।

गाजर के बीज की खेती के लिए मिट्टी (Soil For Cultivation Of Carrot Seeds)

वैसे तो गाजर की खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन अच्छी उपज के लिए जीवाश्म वाली रेतीली या रेतीली दोमट मिट्टी ही सबसे अच्छी मानी जाती है। जबकि भूमि का पीएच मान 6.5 से 7 होना चाहिए।

गाजर की किस्में (Carrot Varieties)

गाजर की किस्मों को दो वर्गों में बांटा जाता है:

यूरोपियन किस्में- नैन्टीज, पूसा यमदागिनी, चैन्टने आदि गाजर की यूरोपियन किस्में हैं। इसकी जड़ों का आकार सिलेंडरीक होती है, लंबाई मध्यम होती है और ये गहरे नारंगी रंग की होती है। इनकी औसतन उपज 270 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक होती है। ये किस्में ज़्यादा तापमान सहन नहीं कर पाती पाती हैं।

एशियाई किस्में- पूसा मेघाली, गाजर नं– 29, पूसा केशर, हिसार गेरिक, हिसार रसीली, हिसार मधुर, चयन न– 223, पूसा रुधिर, पूसा आंसिता और पूसा जमदग्नि आदि एशियाई किस्में हैं। इनकी अगेती बुवाई अगस्त से सितम्बर में की जाती है। वैसे अक्टूबर तक इनकी बुवाई की जा सकती है।

कितने दिनों में तैयार होती है फसल? (In How Many Days The Crop Is Ready?)

बुवाई के बाद 95-110 दिन के भीतर फसल तैयार हो जाती है और तब इसे खुदाई करके निकाला जाता है। वैसे फसल के पकने का समय इसकी किस्म, बुवाई के समय, भूमि के प्रकार आदि पर निर्भर करता है। जब गाजर की जड़ें तैयार हो जाती हैं, तो एक हल्की सिंचाई करके अगले दिन खुदाई कर लेनी चाहिए। इस बात का ध्यान रहे कि इसकी खुदाई हमेशा ठंड़े मौसम यानि कि सुबह के समय ही करनी चाहिए।

गाजर के बीज पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब

सवाल: अगर किसान खुद ही बीज तैयार करें तो उन्हें क्या लाभ मिलता है?

जवाब: अगर किसान अपनी फसल का बीज खुद तैयार करते हैं, तो उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीज मिलता है, जिससे अच्छी फसल प्राप्त होती है। इसके अलावा, इससे उनका काम आसान हो जाता है और उन्हें बाजार से बीज खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

सवाल: गाजर के बीज उत्पादन की प्रक्रिया कैसे होती है?

जवाब: गाजर के बीज उत्पादन के लिए पहले स्वस्थ, मोटी, लंबी और लाल गाजर चुनी जाती हैं। फिर इन्हें ज़मीन से निकालकर इनके पिछले हिस्से को काटकर ज़मीन में दोबारा लगाया जाता है। गोबर की खाद और नियमित सिंचाई से बीज तैयार किए जाते हैं। जनवरी में बुवाई करने पर बीज मई तक तैयार हो जाते हैं।

सवाल: गाजर के बीज का भंडारण कैसे किया जाता है?

जवाब: गाजर के बीजों को तैयार करने के बाद उन्हें सुखाकर किसी बर्तन में रखा जाता है, ताकि अगले साल इनका इस्तेमाल किया जा सके। भंडारण के समय बीजों को सूखा रखना जरूरी होता है।

सवाल: गाजर के बीज उत्पादन के लिए खेत में कितनी दूरी रखनी चाहिए?

जवाब: गाजर के बीज उत्पादन के लिए क्यारियों के बीच डेढ़ से 2 फीट और पौधों के बीच लगभग 2 फीट की दूरी रखनी चाहिए। इससे पौधों को सही जगह और हवा मिलती है, जिससे बेहतर उत्पादन होता है।

सवाल: गाजर के बीज उत्पादन से कितनी आमदनी हो सकती है?

जवाब: गाजर के बीज का उत्पादन करने से प्रति किलो बीज 500 से 700 रुपये में बिकता है।

सवाल: गाजर की फसल के लिए किस तापमान की आवश्यकता होती है?

जवाब: गाजर की फसल के लिए 8 से 23 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे अनुकूल होता है। इस तापमान में गाजर का रंग, आकार और स्वाद सबसे अच्छा होता है।

सवाल: गाजर के बीज उत्पादन के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी होती है?

जवाब: गाजर के बीज उत्पादन के लिए जीवाश्म वाली रेतीली या रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7 के बीच होना चाहिए।

सवाल: गाजर की किस्में कौन-कौन सी होती हैं?

जवाब: गाजर की दो प्रमुख किस्में होती हैं – यूरोपियन और एशियाई किस्में। यूरोपियन किस्मों में नैन्टीज, पूसा यमदागिनी, चैन्टने आदि शामिल हैं, जबकि एशियाई किस्मों में पूसा मेघाली, गाजर नं– 29, पूसा केशर आदि आती हैं।

सवाल: गाजर की फसल कितने दिनों में तैयार होती है?

जवाब: गाजर की फसल बुवाई के बाद 95-110 दिनों में तैयार हो जाती है। फसल की तैयारी का समय उसकी किस्म और बुवाई के समय पर निर्भर करता है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुंचाएंगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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