भारत में काले चावल की खेती (Black Rice Cultivation) की तरफ किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। कुछ साल पहले तक काले चावल की खेती मणिपुर और असम जैसे उत्तर पूर्वी राज्यों तक ही सीमित थी। अब उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार सहित कई राज्यों में काले चावल का उत्पादन हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके औषधीय गुणों की वजह से बाज़ार में इसकी मांग बढ़ी है। इसकी खेती किसानों को अच्छी कमाई करा सकती है। एक ऐसे ही किसान हैं, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले विपिन कुमार श्रीवास्तव।
गोरखपुर ज़िले में एक गाँव पड़ता है पिंडारी। इस गाँव के रहने वाले किसान विपिन कुमार श्रीवास्तव के पास 4 एकड़ की ज़मीन है। एमबीए फाइनेंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होल्डर विपिन कुमार आज की तारीख में अपने क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल बन चुके हैं। विपिन कुमार ने काले चावल की खेती को अपनी अतिरिक्त आमदनी का ज़रिया बनाया है। काले चावल की खेती में उन्होंने नयी और उन्नत तकनीकों को अपनाया हुआ है।
क्यों शुरू की काले चावल की खेती?
विपिन कुमार महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के वैज्ञानिकों के संपर्क में आए और काले चावल के उत्पादन में अपनी रुचि दिखाई। 2019 में KVK के कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन और तकनीकी सलाह पर उन्होंने 0.5 एकड़ क्षेत्र में जैविक तरीके से काले चावल की खेती शुरू कर दी। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से उन्हें पूरी मदद मिली।
आमदनी में हुआ इज़ाफ़ा
पहले ही साल उन्हें पारंपरिक धान की खेती की तुलना में काले चावल की खेती से अच्छा रिटर्न मिला। इससे प्रोत्साहित होकर उन्होंने काले चावल की खेती का रकबा 0.5 एकड़ से 2.5 एकड़ क्षेत्र तक बढ़ा लिया। इस तरह से उन्हें अधिक लाभ हुआ। 2019 में जहां उनकी सालाना शुद्ध आमदनी करीबन 62500 थी, 2020 में वो तकरीबन 3 लाख 12 हज़ार तक पहुंच गई।
अन्य किसान भी हुए प्रेरित
विपिन कुमार श्रीवास्तव गोरखपुर ज़िले में काले चावल के उत्पादन को लोकप्रिय बनाने में अग्रिम भूमिका निभाने वाले प्रगतिशील किसानों में से एक गिने जाते हैं। अब काले चावल की खेती में उनकी सफलता को देखकर अन्य किसानों ने भी उन्नत तकनीकों के इस्तेमाल से काले चावल की खेती शुरू की है।
काले चावल का दाम (Black Rice Price)
आमतौर पर जहां चावल 80 रुपये से 100 रुपये किलो के आसपास बिकता है। वहीं काले चावल चावल की कीमत 250 रुपये से शुरू होती है। ऑर्गेनिक काले धान की कीमत 500 रुपये प्रति किलो तक भी जाती है। कई राज्यों की सरकारें इसकी खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी कर रही हैं।
काले चावल के फ़ायदे (Black Rice Health Benefits)
काले चावल में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। एंटी ऑक्सीडेन्ट्स शरीर को डिटॉक्स और साफ़ करने का काम करते हैं। इसके अलावा, सफेद चावल (White Rice) और ब्राउन राइस (Brown Rice) के मुकाबले अधिक मात्रा में विटामिन बी, विटामीन ई, कैल्शियम, आयरन, मैग्नेशियम, जिंक, आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।
ये भी पढ़ें: धान की फ़सल में चाहिए ज़्यादा कमाई तो करें ‘सुपर फूड’ काले चावल (Black Rice) की खेती
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- कृषि में नई तकनीक से क्रांति ला रहे हैं किसान प्रीतम सिंह, जानिए उनकी कहानीप्रीतम सिंह, हरियाणा के पानीपत जिले के निवासी, ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर अपनी खेती की उत्पादकता बढ़ाई और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया।
- जैविक खेती में अग्रणी किसान जयकरण का सफर और खेती में किए गए बदलावहरियाणा के जयकरण जैविक खेती के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम हैं, जो यूट्यूब चैनल के जरिए किसानों को जैविक खेती की तकनीकों से प्रेरित कर रहे हैं।
- कृषि में आधुनिक तकनीक से मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने उन्नति की राह बनाईमनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
- Global Soils Conference 2024: ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 का आगाज़ मृदा सुरक्षा संरक्षण पर होगा मंथनGlobal Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
- जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभसंतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।
- रोहित चौहान की कहानी: युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय का भविष्यरोहित चौहान का डेयरी फ़ार्म युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है। रोहित ने कुछ गायों और भैंसों से छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की थी।
- जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई, जानिए उनकी कहानीसंजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
- जैविक तरीके से रंगीन चावलों की खेती में किसान विजय गिरी की महारत, उपलब्ध कराते हैं बीजबिहार के विजय गिरी अपने क्षेत्र में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वो 6-10 एकड़ भूमि पर धान, मैजिक चावल, रंगीन चावलों की खेती करते हैं।
- रोहन सिंह पटेल ने वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय शुरू किया, क्या रहा शुरुआती निवेश और चुनौतियां?रोहन सिंह पटेल ने दो साल पहले वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय का काम शुरू किया, जिसमें उन्होंने जैविक खाद बनाने की तकनीक को अपनाया।
- नौकरी छोड़कर अपने गांव में जैविक खेती और कृषि में नई तकनीक अपनाकर, आशुतोष सिंह ने किया बड़ा बदलावआशुतोष प्रताप सिंह ने अपने गांव लौटकर कृषि में नई तकनीक और जैविक खेती अपनाकर अपनी खेती को सफल बनाया और आसपास के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनें।
- जैविक खेती के जरिए रूबी पारीक ने समाज और राष्ट्र निर्माण में किया अद्वितीय योगदानरूबी पारीक ने जैविक खेती के जरिए न केवल अपना जीवन बदला, बल्कि समाज के लिए स्वस्थ भविष्य की नींव रखी। उनकी कहानी संघर्ष और संकल्प की प्रेरणा है।
- Millets Products: बाजरे के प्रोडक्टस से शुरू की अनूप सोनी ने सफल बेकरी, पढ़ें उनकी कहानीअनूप सोनी और सुमित सोनी ने मिलेट्स प्रोडक्ट्स (Millets Products) से बेकरी व्यवसाय शुरू किया, बाजरे से हेल्दी केक बनाकर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया।
- जानिए रघुवीर नंदम का कम्युनिटी सीड बैंक कैसे उनके क्षेत्र में वन सीड रेवोल्यूशन लेकर आ रहा हैआंध्र प्रदेश के रहने वाले रघुवीर नंदम ने ‘वन सीड रेवोल्यूशन कम्युनिटी सीड बैंक’ की स्थापना की, जिसमें उन्होंने 251 देसी चावल की प्रजातियों का संरक्षण किया है।
- पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से बनाई नई पहचान, जानिए रविंद्र माणिकराव मेटकर की कहानीरविंद्र मेटकर ने पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से अपनी कठिनाइयों को मात दी और सफलता की नई मिसाल कायम की, जो आज कई किसानों के लिए प्रेरणा है।
- उत्तराखंड में जैविक खेती का भविष्य: रमेश मिनान की कहानी और लाभउत्तराखंड में जैविक खेती के इस किसान ने न केवल अपनी भूमि पर जैविक खेती को अपनाया है, बल्कि सैकड़ों अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।
- Wheat Varieties: गेहूं की ये उन्नत किस्में देंगी बंपर पैदावारगेहूं की ये किस्में (Wheat Varieties) उच्च उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं, किसानों के लिए लाभकारी मानी गई हैं।
- पहाड़ी इलाके में मछलीपालन कर रही हैं हेमा डंगवाल: जानें उनकी सफलता की कहानीउत्तराखंड की हेमा डंगवाल ने पहाड़ी इलाकों में मछलीपालन को एक सफल व्यवसाय में बदला, इस क्षेत्र में सफलता हासिल की और अन्य महिलाओं को भी जागरूक किया।
- किसान दीपक मौर्या ने जैविक खेती में फसल चक्र अपनाया, चुनौतियों का सामना और समाधानदीपक मौर्या जैविक खेती में फसल चक्र के आधार पर सीजनल फसलें जैसे धनिया, मेथी और विभिन्न फूलों की खेती करते हैं, ताकि वो अधिकतम उत्पादकता प्राप्त कर सकें।
- पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू किया डेयरी फ़ार्मिंग का सफल बिज़नेस, पढ़ें जगदीप सिंह की कहानीपंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के छोटे से गांव में रहने वाले जगदीप सिंह ने पुलिस नौकरी छोड़कर डेयरी फ़ार्मिंग में सफलता हासिल कर एक नई पहचान बनाई है।
- जानिए कैसे इंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि तकनीकों से खेती को नई दिशा दीइंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि में सुपर सीडर, ड्रोन सीडर और रोटावेटर का उपयोग करके मक्का, गन्ना, और धान की फसलें उगाई हैं।