दुनिया का सबसे बड़ा पशुधन भारत में है। 20वीं पशुधन गणना-2019 के अनुसार, देश में पशु धन की कुल आबादी करीब 53.6 करोड़ है। ये 19वीं पशुधन गणना -2012 की तुलना में 4.6 प्रतिशत ज़्यादा थी। पशुधन की बढ़ती आबादी को देखते हुए उम्दा चारा और पौष्टिक पशु आहार की माँग का भी तेज़ी से बढ़ना लाज़िमी है। इसी चुनौती को देखते हुए पशु विशेषज्ञों की ओर से पशुपालक किसानों को चारा फसलों और पौष्टिक पशु आहार के बारे में अनेक सलाह दी जाती है। ऐसी ही एक बेहद उपयोगी सलाह है–हर्बल फीड एडिटिव्स (Herbal Feed Additives).
खेती-किसानी की दुनिया का पशुधन एक अभिन्न अंग है। इसीलिए कृषि और देश की अर्थव्यवस्था पर इसका व्यापक असर रहता है। पशुओं के उत्पादन, उनके रोग की रोकथाम और उपचार तथा पर्यावरण के अनुकूल पशुओं का पोषण- ये सभी पहलू पशुधन विशेषज्ञों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण पशु उत्पादों को प्राप्त करने के लिए पशुओं को स्वस्थ रखना आवश्यक है। जड़ी-बूटियों, हर्बल तैयारियों और अन्य वनस्पति जैसे प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले यौगिकों का उपयोग समग्न पशु स्वास्थ्य को बढ़ाने में काफ़ी कारगर है।
हर्बल आहार एडिटिव्स से फ़ायदा
पशुओं के चारे के साथ हर्बल आहार एडिटिव्स के इस्तेमाल से अनेक फ़ायदा होता है। इससे पशुओं के पाचन में सुधार होता है। उनके चारे और आहार का प्रभावी उपापचय (metabolism) को सुनिश्चित करता है। पशुओं की सेहत और उनके ऊर्जा स्तर में शानदार सुधार होता है। पशुओं की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उनकी आँतों में पलने वाले परजीवी कीट-कृमि का सफ़ाया होता है। इस तरह, हर्बल फीड एडिटिव्स ऐसे पशु आहार हैं जिनके इस्तेमाल से पशुपालकों का पशुधन ज़्यादा स्वस्थ और उपयोगी बनता है तथा इसकी उत्पादकता बढ़ती है और अन्ततः किसानों की कमाई बढ़ती है।
सहयोगी पशु आहार है हर्बल फीड एडिटिव्स
पशुपालक किसान अच्छी तरह जानते हैं कि इंसान की तरह ही पशुओं के आहार का भी पौष्टिक और सन्तुलित होना बेहद ज़रूरी है। जिस तरह अनेक जड़ी-बूटी, फल-फूल और मसाला वग़ैरह इंसान की सेहत के लिए बहुत उपयोगी हैं वैसी ही ख़ूबियाँ पशुओं के लिए भी उपयोगी हैं। हर्बल आहार एडिटिव्स के इस्तेमाल से पशुओं का आहार स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बनता है। इससे दूध उत्पादन और उसकी गुणवत्ता बढ़ती है। इनका इस्तेमाल दवा, हर्बल अर्क या हर्बल आइसोलेट में किया जा सकता है।
स्नातकोतर पशु चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसन्धान संस्थान (PGIVER), जयपुर के विशेषज्ञों के अनुसार, हर्बल उत्पाद किसी पौधे (plant), शैवाल (algae), फफूँद या कवक (fungi) या लाइकेन (Lichen) का एक पूरा या कटा हुआ तथा सूखा हिस्सा होता है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसे पशु आहार के सहयोगी तत्व (additive) के रूप में अपनाया जाता है। प्राकृतिक हर्बल उत्पादों का उपयोग अक्सर एंटी-बैक्टीरियल (बैक्टीरिया रोधी), एंटी-मायकोटिक्स (कवकता रोधी), एंटी-पैरासिटिक्स (परजीविता रोधी), कीटाणुनाशक (disinfectant) और प्रतिरक्षा उत्तेजक (immunity stimulus) के रूप में किया जाता है।
विभिन्न हर्बल आहार एडिटिव्स, इनके सक्रिय घटक और उपयोग | |||
क्रमांक | पौधा | पौधे का भाग | उपयोगिता |
1 | जायफल | बीज | पाचन उत्तेजक और दस्त को रोकने वाला |
2 | दालचीनी | छाल | भूख और पाचन उत्तेजक, संक्रमण रोकने वाला |
3 | लौंग | लौंग (फूल) | भूख और पाचन उत्तेजक, संक्रमण रोकने वाला |
4 | इलायची | बीज | भूख और पाचन उत्तेजक |
5 | धनिया | पत्तियाँ और बीज | पाचन उत्तेजक |
6 | जीरा | बीज | पाचन से बनने वाली गैस को रोकना और दूध के स्राव को बढ़ाने वाला |
7 | मोटी सौंफ | फल | पाचन उत्तेजक और दूध के स्राव को बढ़ाने वाला |
8 | अजवायन | फल और पत्तियाँ | भूख और पाचन उत्तेजक |
9 | अजमोद | पत्तियाँ | भूख और पाचन उत्तेजक, संक्रमण रोकने वाला |
10 | मेंथी | बीज | भूख उत्तेजक |
11 | मिर्च | फल | पाचन उत्तेजक |
12 | हॉसरैडिश | जड़ | भूख उत्तेजक |
13 | सरसों | बीज | पाचन उत्तेजक |
14 | अदरक | कन्द | गैस्ट्रिक उत्तेजक |
15 | लहसुन | कन्द | पाचन उत्तेजक और संक्रमण रोकने वाला |
16 | दौनी | पत्तियाँ | पाचन उत्तेजक और संक्रमण रोकने वाला |
17 | अजवायन | पूरा पौधा | पाचन उत्तेजक, ऑक्सीकरणरोधी और संक्रमण रोकने वाला |
18 | पुदीना | पत्तियाँ | भूख और पाचन उत्तेजक, संक्रमण रोकने वाला |
19 | शतावरी | जड़ | गैस्ट्रिक अल्सर की रोकथाम और इलाज़ और दूध स्राव को बढ़ाने वाला |
20 | जीवन्ति | पत्तियाँ और टहनियाँ | दूध के स्राव को बढ़ाने वाली, रोगाणुरोधी और सूजन को रोकने वाली |
ये भी पढ़ें- सेवण घास (Sewan Grass): दुधारू पशुओं और पशुपालकों के लिए लाजबाब
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- कृषि में आधुनिक तकनीक से मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने उन्नति की राह बनाईमनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
- Global Soils Conference 2024: ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 का आगाज़ मृदा सुरक्षा संरक्षण पर होगा मंथनGlobal Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
- जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभसंतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।
- रोहित चौहान की कहानी: युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय का भविष्यरोहित चौहान का डेयरी फ़ार्म युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है। रोहित ने कुछ गायों और भैंसों से छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की थी।
- जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई, जानिए उनकी कहानीसंजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
- जैविक तरीके से रंगीन चावलों की खेती में किसान विजय गिरी की महारत, उपलब्ध कराते हैं बीजबिहार के विजय गिरी अपने क्षेत्र में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वो 6-10 एकड़ भूमि पर धान, मैजिक चावल, रंगीन चावलों की खेती करते हैं।
- रोहन सिंह पटेल ने वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय शुरू किया, क्या रहा शुरुआती निवेश और चुनौतियां?रोहन सिंह पटेल ने दो साल पहले वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय का काम शुरू किया, जिसमें उन्होंने जैविक खाद बनाने की तकनीक को अपनाया।
- नौकरी छोड़कर अपने गांव में जैविक खेती और कृषि में नई तकनीक अपनाकर, आशुतोष सिंह ने किया बड़ा बदलावआशुतोष प्रताप सिंह ने अपने गांव लौटकर कृषि में नई तकनीक और जैविक खेती अपनाकर अपनी खेती को सफल बनाया और आसपास के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनें।
- जैविक खेती के जरिए रूबी पारीक ने समाज और राष्ट्र निर्माण में किया अद्वितीय योगदानरूबी पारीक ने जैविक खेती के जरिए न केवल अपना जीवन बदला, बल्कि समाज के लिए स्वस्थ भविष्य की नींव रखी। उनकी कहानी संघर्ष और संकल्प की प्रेरणा है।
- Millets Products: बाजरे के प्रोडक्टस से शुरू की अनूप सोनी ने सफल बेकरी, पढ़ें उनकी कहानीअनूप सोनी और सुमित सोनी ने मिलेट्स प्रोडक्ट्स (Millets Products) से बेकरी व्यवसाय शुरू किया, बाजरे से हेल्दी केक बनाकर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया।
- जानिए रघुवीर नंदम का कम्युनिटी सीड बैंक कैसे उनके क्षेत्र में वन सीड रेवोल्यूशन लेकर आ रहा हैआंध्र प्रदेश के रहने वाले रघुवीर नंदम ने ‘वन सीड रेवोल्यूशन कम्युनिटी सीड बैंक’ की स्थापना की, जिसमें उन्होंने 251 देसी चावल की प्रजातियों का संरक्षण किया है।
- पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से बनाई नई पहचान, जानिए रविंद्र माणिकराव मेटकर की कहानीरविंद्र मेटकर ने पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से अपनी कठिनाइयों को मात दी और सफलता की नई मिसाल कायम की, जो आज कई किसानों के लिए प्रेरणा है।
- उत्तराखंड में जैविक खेती का भविष्य: रमेश मिनान की कहानी और लाभउत्तराखंड में जैविक खेती के इस किसान ने न केवल अपनी भूमि पर जैविक खेती को अपनाया है, बल्कि सैकड़ों अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।
- Wheat Varieties: गेहूं की ये उन्नत किस्में देंगी बंपर पैदावारगेहूं की ये किस्में (Wheat Varieties) उच्च उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं, किसानों के लिए लाभकारी मानी गई हैं।
- पहाड़ी इलाके में मछलीपालन कर रही हैं हेमा डंगवाल: जानें उनकी सफलता की कहानीउत्तराखंड की हेमा डंगवाल ने पहाड़ी इलाकों में मछलीपालन को एक सफल व्यवसाय में बदला, इस क्षेत्र में सफलता हासिल की और अन्य महिलाओं को भी जागरूक किया।
- किसान दीपक मौर्या ने जैविक खेती में फसल चक्र अपनाया, चुनौतियों का सामना और समाधानदीपक मौर्या जैविक खेती में फसल चक्र के आधार पर सीजनल फसलें जैसे धनिया, मेथी और विभिन्न फूलों की खेती करते हैं, ताकि वो अधिकतम उत्पादकता प्राप्त कर सकें।
- पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू किया डेयरी फ़ार्मिंग का सफल बिज़नेस, पढ़ें जगदीप सिंह की कहानीपंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के छोटे से गांव में रहने वाले जगदीप सिंह ने पुलिस नौकरी छोड़कर डेयरी फ़ार्मिंग में सफलता हासिल कर एक नई पहचान बनाई है।
- जानिए कैसे इंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि तकनीकों से खेती को नई दिशा दीइंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि में सुपर सीडर, ड्रोन सीडर और रोटावेटर का उपयोग करके मक्का, गन्ना, और धान की फसलें उगाई हैं।
- Food Processing से वंदना ने बनाया सफल बिज़नेस: दिल्ली की प्रेरणादायक कहानीदिल्ली की वंदना जी ने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) से पारंपरिक भारतीय स्वादों को नया रूप दिया और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएं।
- देवाराम के पास 525+ बकरियां, बकरी पालन में आधुनिक तकनीक अपनाईदेवाराम ने डेयरी फार्मिंग की शुरुआत एक छोटे स्तर से की थी, लेकिन वैज्ञानिक और आधुनिक तरीकों को अपनाने के बाद उनकी डेयरी यूनिट का विस्तार हुआ।