सूअर पालन (Pig Farming) | बीजापुर, कर्नाटक के अलमेल गाँव के रहने वाले सोमन्ना सिद्दप्पा भसागी ने 2009 में खेती का रूख किया। खेती में आने से पहले वो एक कबाड़ व्यापारी थे। उन्होंने ढाई एकड़ ज़मीन खरीदी। इससे उन्हें प्रति एकड़ 40 से 45 टन गन्ने की उपज होती थी। 2010-11 में उन्होंने 6 एकड़ ज़मीन लीज़ पर ली और पारंपरिक तरीके से ही खेती करना ज़ारी रखा। सोमन्ना मिलने वाले बाज़ार मूल्य से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने नियमित फसल उगाने के बजाय खेती के नवीन तरीकों को आज़माने का फैसला किया।
जानकारी जुटाने के बाद उन्होंने सूअर पालन (Pig Farming) करने की सोची। उन्होंने बाकायदा बेंगलुरु के हेसरघट्टा स्थित पिगरी ब्रीडिंग सेंटर से ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के बाद 2014 में उन्होंने पिगरी ब्रीडिंग सेंटर से ही सूअर के 20 बच्चे खरीदे और अपने गाँव में सूअर पालन शुरू कर दिया।
साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
उन्होंने सूअर के बच्चों के लिए 60″x100″ आकार का शेड बनवाया। बिजली की समस्या से निपटने के लिए जनरेटर लगवाया। सोमन्ना बीमारियों से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष तौर पर ध्यान देते हैं। शेड को दिन में दो बार साफ करते हैं।
सूअर पालन से खेती के खर्च को भी किया कम
उन्होंने सूअर पालन के ज़रिए अपने खेती के खर्च को भी कम किया है। सूअरों के अवशेष को 8 से 10 लीटर के टैंक में इकट्ठा करते हैं। इसका इस्तेमाल खाद के रूप में किया जाता है। इससे उनके रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में 50 से 60 प्रतिशत तक की कमी आई है।
खुद तैयार है करते हैं पशु आहार
पशु आहार की लागत को कम करने के लिए वो खुद घर पर ही सूअरों का आहार तैयार करते हैं। आसानी से उपलब्ध अनाज जैसे मक्का, चावल, गेहूं, मूंगफली, खनिज मिश्रण और नमक को उचित अनुपात में मिलाकर पशु आहार बनाते हैं। इसके अलावा, पास ही के रेस्टोरेंट्स से सेमी-सॉलिड वेस्ट उपलब्ध हो जाता है।
20 से 200 पहुंची सूअरों की संख्या
सोमन्ना करीबन 3,500 रुपये में एक सूअर बेचते हैं। शुरुआत के तीन साल के अंदर ही उनके सूअरों की संख्या 20 से 200 पहुंच गई। सुअर पालन के अलावा, सोमन्ना ने 2015 में करीबन साढ़े 4 एकड़ ज़मीन खरीदी और मिश्रित फसल (Mixed Cropping) और अंतर-फसल (Intercropping Farming) का अभ्यास करना शुरू कर दिया। दो फसलों के बीच उन्होंने कद्दू की खेती भी शुरू कर दी। इससे उन्हें एक ही सीज़न में 2 लाख रुपये की कमाई हुई।
कई फसलों की करते हैं खेती
सोमन्ना, गन्ना और कपास जैसी व्यावसायिक फसलों की भी खेती करते हैं। सालभर आमदनी का स्रोत बना रहे इसके लिए उन्होंने आम, अमरूद और नींबू जैसी बागवानी फसलों की खेती भी की हुई है। उन्होंने खेत के चारों ओर नारियल के पेड़ भी लगाए हुए हैं। इससे प्रति पेड़ औसतन 80 से 100 फल प्राप्त होते हैं।
प्रगतिशील किसान पुरस्कार से सम्मानित
उन्हें खेती से 4.5 से 5 लाख रुपये का सीधा मुनाफ़ा होता है, जिसमें सूअर पालन भी शामिल है। आज वो अपने क्षेत्र के अन्य साथी किसानों के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं। उन्हें धारवाड़ स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय से प्रगतिशील किसान पुरस्कार भी मिल चुका है।
सोमन्ना युवाओं को सरकारी नौकरी के पीछे भागने के बजाय मुर्गी पालन, सूअर पालन, बकरी और भेड़ पालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी, मत्स्य पालन और बाजरा में मूल्यवर्धन (Value Addition) जैसी कृषि और संबंधित गतिविधियों को करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सोमन्ना का मानना है कि खेती प्रकृति के करीब है। खेती से जो खुशी और शांति मिलती है, उसकी तुलना दुनिया के किसी अन्य व्यवसाय से नहीं की जा सकती।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- कृषि में आधुनिक तकनीक से मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने उन्नति की राह बनाईमनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
- Global Soils Conference 2024: ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 का आगाज़ मृदा सुरक्षा संरक्षण पर होगा मंथनGlobal Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
- जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभसंतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।
- रोहित चौहान की कहानी: युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय का भविष्यरोहित चौहान का डेयरी फ़ार्म युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है। रोहित ने कुछ गायों और भैंसों से छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की थी।
- जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई, जानिए उनकी कहानीसंजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
- जैविक तरीके से रंगीन चावलों की खेती में किसान विजय गिरी की महारत, उपलब्ध कराते हैं बीजबिहार के विजय गिरी अपने क्षेत्र में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वो 6-10 एकड़ भूमि पर धान, मैजिक चावल, रंगीन चावलों की खेती करते हैं।
- रोहन सिंह पटेल ने वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय शुरू किया, क्या रहा शुरुआती निवेश और चुनौतियां?रोहन सिंह पटेल ने दो साल पहले वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय का काम शुरू किया, जिसमें उन्होंने जैविक खाद बनाने की तकनीक को अपनाया।
- नौकरी छोड़कर अपने गांव में जैविक खेती और कृषि में नई तकनीक अपनाकर, आशुतोष सिंह ने किया बड़ा बदलावआशुतोष प्रताप सिंह ने अपने गांव लौटकर कृषि में नई तकनीक और जैविक खेती अपनाकर अपनी खेती को सफल बनाया और आसपास के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनें।
- जैविक खेती के जरिए रूबी पारीक ने समाज और राष्ट्र निर्माण में किया अद्वितीय योगदानरूबी पारीक ने जैविक खेती के जरिए न केवल अपना जीवन बदला, बल्कि समाज के लिए स्वस्थ भविष्य की नींव रखी। उनकी कहानी संघर्ष और संकल्प की प्रेरणा है।
- Millets Products: बाजरे के प्रोडक्टस से शुरू की अनूप सोनी ने सफल बेकरी, पढ़ें उनकी कहानीअनूप सोनी और सुमित सोनी ने मिलेट्स प्रोडक्ट्स (Millets Products) से बेकरी व्यवसाय शुरू किया, बाजरे से हेल्दी केक बनाकर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया।
- जानिए रघुवीर नंदम का कम्युनिटी सीड बैंक कैसे उनके क्षेत्र में वन सीड रेवोल्यूशन लेकर आ रहा हैआंध्र प्रदेश के रहने वाले रघुवीर नंदम ने ‘वन सीड रेवोल्यूशन कम्युनिटी सीड बैंक’ की स्थापना की, जिसमें उन्होंने 251 देसी चावल की प्रजातियों का संरक्षण किया है।
- पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से बनाई नई पहचान, जानिए रविंद्र माणिकराव मेटकर की कहानीरविंद्र मेटकर ने पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से अपनी कठिनाइयों को मात दी और सफलता की नई मिसाल कायम की, जो आज कई किसानों के लिए प्रेरणा है।
- उत्तराखंड में जैविक खेती का भविष्य: रमेश मिनान की कहानी और लाभउत्तराखंड में जैविक खेती के इस किसान ने न केवल अपनी भूमि पर जैविक खेती को अपनाया है, बल्कि सैकड़ों अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।
- Wheat Varieties: गेहूं की ये उन्नत किस्में देंगी बंपर पैदावारगेहूं की ये किस्में (Wheat Varieties) उच्च उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं, किसानों के लिए लाभकारी मानी गई हैं।
- पहाड़ी इलाके में मछलीपालन कर रही हैं हेमा डंगवाल: जानें उनकी सफलता की कहानीउत्तराखंड की हेमा डंगवाल ने पहाड़ी इलाकों में मछलीपालन को एक सफल व्यवसाय में बदला, इस क्षेत्र में सफलता हासिल की और अन्य महिलाओं को भी जागरूक किया।
- किसान दीपक मौर्या ने जैविक खेती में फसल चक्र अपनाया, चुनौतियों का सामना और समाधानदीपक मौर्या जैविक खेती में फसल चक्र के आधार पर सीजनल फसलें जैसे धनिया, मेथी और विभिन्न फूलों की खेती करते हैं, ताकि वो अधिकतम उत्पादकता प्राप्त कर सकें।
- पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू किया डेयरी फ़ार्मिंग का सफल बिज़नेस, पढ़ें जगदीप सिंह की कहानीपंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के छोटे से गांव में रहने वाले जगदीप सिंह ने पुलिस नौकरी छोड़कर डेयरी फ़ार्मिंग में सफलता हासिल कर एक नई पहचान बनाई है।
- जानिए कैसे इंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि तकनीकों से खेती को नई दिशा दीइंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि में सुपर सीडर, ड्रोन सीडर और रोटावेटर का उपयोग करके मक्का, गन्ना, और धान की फसलें उगाई हैं।
- Food Processing से वंदना ने बनाया सफल बिज़नेस: दिल्ली की प्रेरणादायक कहानीदिल्ली की वंदना जी ने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) से पारंपरिक भारतीय स्वादों को नया रूप दिया और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएं।
- देवाराम के पास 525+ बकरियां, बकरी पालन में आधुनिक तकनीक अपनाईदेवाराम ने डेयरी फार्मिंग की शुरुआत एक छोटे स्तर से की थी, लेकिन वैज्ञानिक और आधुनिक तरीकों को अपनाने के बाद उनकी डेयरी यूनिट का विस्तार हुआ।