मत्स्य पालन या मछली पालन भारत में भोजन, पोषण, रोजगार और आय का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। यह क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर 20 मिलियन से ज़्यादा मछुआरों और मछली किसानों को आजीविका प्रदान करता है। केंद्र और राज्य की तरफ़ से मछली पालकों को लाभ पहुंचाने के लिए कई तरह की योजनाएं भी चल रही हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में उन्हें लाभ नहीं मिल पाता।
ऐसी ही एक योजना के बारे में हम इस लेख में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना है। इसे आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत साल 2020-21 से साल 2024-25 तक सभी प्रदेशों और संघ शासित राज्यों में लागू किया गया है।
कौन उठा सकते हैं इस योजना का लाभ
मछली पालन से किसानों को बेहतर मुनाफ़ा मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ केवल मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को दिया जाता है। व्यक्तिगत व्यवसायी/निजी फर्म, मछुआरा, मत्स्यपालक, मत्स्य श्रमिक, मत्स्य विक्रेता स्वयं सहायता समूह, मत्स्य उत्पादकों का समूह, कंपनी, मत्स्य सहकारी समूह से जुड़े लोग इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
किन चीज़ों के लिए ले सकते हैं इस योजना का लाभ
मछली पालन के लिए तालाब, हैचरी, फीड मिल, क्वालिटी टेस्टिंग लैब जैसी चीजों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा उसकी देख-रेख और खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इन सभी चीजों की निगरानी बेहद सावधानी के साथ किया जाता है। इन कामों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के लिए भी इस योजना का लाभ लिया जा सकता है। साथ ही मार्केटिंग और ब्रांडिंग, मत्स्य प्रसंस्करण इकाई लगाना भी योजना के लाभ शामिल है।
कई राज्य मांग रहे हैं आवेदन
योजना के तहत हर राज्य में सब्सिडी देने के अलग-अलग नियम हैं. इस योजना के तहत मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारों के द्वारा आवेदन आमंत्रित किये जा रहे हैं। बिहार में इस योजना में भाग लेने वाले लोगों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सभी वर्ग के महिलाओं को योजना के तहत लागत राशि का 30 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी हेतु 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। लाभार्थी को लागत राशि का 60 प्रतिशत तक बैंक ऋण दिया जा सकता है तथा शेष राशि 10 से 15 प्रतिशत लाभार्थी को लगाना होगा।
झारखंड के मछुआरों के लिए बीमा का लाभ
वहीं झारखंड के 1 लाख 60 हज़ार मछुआरों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत बीमा कवरेज दिया जाएगा। बीमा योजना के तहत लाभान्वित मछुवारे की मौत होने पर या स्थायी तौर पर पूर्ण विकलांग होने पर पांच लाख रुपये की बीमा राशि प्रदान की जाएगी। जो मछुआरे स्थायी रुप से आंशिक विकलांगता के शिकार होंगे उन्हें ढाई लाख रुपए की बीमा राशि दी जाएगी। इसके अलावा मछुआरों के बीमार पड़ने पर उन्हें अस्पताल खर्च के लिए 25 हज़ार रुपये की राशि दी जाएगी। मछुआरों के लिए इसमें सबसे राहत की बात यह है कि बीमा योजना के तहत लाभ लेने के लिए उन्हें किसी प्रकार के प्रीमियम का भुगतान नहीं देना होगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरों के लिए बीमा योजना का लाभ लेने के लिए लाभुकों की उम्र 18 से 70 वर्ष होनी चाहिए। पुरुष और महिला मछुआरे दोनों ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा सभी सक्रिय मत्स्य कृषकों, मत्स्य विक्रेताओं, मत्स्य बीज उत्पादकों और मत्स्य मित्रों के लिए भी यह योजना लागू है।
ऐसे करें योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए अप्लाई करने का तरीका बेहद आसान है। कोई भी इच्छुक शख्स अपने राज्य के मत्स्य पालन विभाग के वेबसाइट पर जाकर सब्सिडी पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही अगर इस योजना के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप केंद्र सरकार की मत्स्यपालन विभाग की वेबसाइट pmmsy.dof.gov.in पर जाकर अधिक जानकारी ले सकते हैं।
आवेदनकर्ता को आवेदन करने पर नाम, पिता का नाम, व्यवसाय, जन्म तिथी, आधार, बैंक खाता की जानकारी और मोबाइल नंबर देना होगा। मछली पालन से जुड़े जो भी पात्रता रखने वाले लोग इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वो सभी अपने जिला मत्स्य कार्यालय में जाकर इससे संबंधित अन्य जानकारी हासिल कर सकते हैं।