पशुपालन किसानों के लिए एटीएम की तरह काम करता है। किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन की विशेष भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन और सीमांत किसानों के लिए पशुपालन आजीविका का प्रमुख आधार है। ऐसे में अगर उनके मवेशियों को कोई गंभीर बीमारी हो जाए, तो उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। उनकी उत्पादन क्षमता पर असर पड़ता है, साथ ही जानकारी के अभाव में मवेशियों की अकाल मृत्यु तक हो जाती है।
पशुपालकों की इसी समस्या को दूर करने की दिशा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)-भारतीय पशु-चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) ने एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप की मदद से पशुपालक अपने मवेशियों को हो रही बीमारी के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं। साथ ही उसका इलाज कैसे किया जाए, ये जानकारी भी आपको इस ऐप में मिल जाएगी।
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कई गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी
पशुपालकों को ये सारी सुविधाएं घर बैठे मिल रही हैं। इसके लिए कोई शुल्क या अलग से रजिस्ट्रेशन करने की भी ज़रूरत नहीं है। ऐप के माध्यम से रोगों की पहचान कर उनका प्राथमिक इलाज किया जा सकता है।
मवेशियों की सुरक्षा के लिए लॉन्च किए गए इस ऐप का नाम IVRI-Veterinary Clinical Care App है। ये आपको प्ले स्टोर में में मिल जाएगा। ऐप फिलहाल दो भाषाओं, हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है। ऐप में मवेशियों को होने वाले थनैला, अफारा/रूमिनल टिम्पेनी, ट्रोमेटिक रेटिकुलो पैरिटोनाइटिस, कीटोसिस/ऐसीटोनीमिया, दुग्ध ज्वर, रूमिनल इम्पैक्शन, बछ़डों को होने वाले अतिसार या दस्त, मादा रोग संबंधित स्थितियां, शल्य चिकित्सा संबंधी समस्याओं के लक्षण और उनके उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
पशुपालकों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है ऐप
पशुपालक किन सावधानियों को अपनाकर अपने मवेशियों को बीमारियों से बचा सकते हैं। मवेशियों के रोग के लक्षण पहचानने में दिक्कत न हो, इसके लिए तस्वीरें भी साथ में दी गई हैं। यही नहीं, ऐप में दी गई तमाम जानकारियां वीडियो के रूप में भी उपलब्ध हैं, जिसे देखकर आसानी से समझा जा सकता है। साथ ही ऐप में दिए गए हेल्पलाइन नंबर्स पर फोन करके बीमारी और उपचार से संबंधित अधिक जानकारी भी ली जा सकती है। पशुपालन और पशुपालक दोनों की स्थिति में सुधार की दिशा में ये ऐप काफी उपयोगी साबित हो सकता है।
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