यदि आप भी पॉल्ट्री बिज़नेस (मुर्गी पालन) से जुड़े हैं, तो यह खबर आपके बहुत काम की है। अनार के छिलकों का अपशिष्ट यानी बचा हुआ हिस्सा, जिसे आमतौर पर कचरा समझकर फेंक दिया जाता है, उससे मुर्गियों के लिए सस्ता और सेहतमंद सप्लीमेंट तैयार किया जा सकता है। जूस की दुकानों, फ्रूट जूस प्रोसेसिंग की यूनिट्स से बड़ी मात्रा में अनार के छिलके का कचरा निकलता है, जिसे प्रोसेसिंग वेस्ट कहा जाता है।
क्रोमैटोग्राफिक विश्लेषण के मुताबिक, अनार के छिलकों में पॉलीफेनोल्स नामक केमिकल होता है जो बहुत ही लाभदायक है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं यानी ये मुर्गियों को रोग ग्रसित करने वाले बैक्टीरिया और फंगस को ख़त्म करने का काम करता है। इसीलिए इसे पशुओं में हेपेटो-सुरक्षात्मक गतिविधियों यानी बीमारियों से बचाव करने वाली दवाई के लिए भी जाना जाता है। अनार के छिलकों कावॉटर इन्फ्यूज़न मेथड के जरिए सस्ते तरीके से पानी में घुलने वाले फॉलिफेनोल्स प्राप्त करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक, अनार के छिलके का अर्क यदि रोज़ाना ब्रॉयलर और लेयर बर्ड्स को दिया जाए तो उनके प्रदर्शन में सुधार होता है। इसे मुर्गियों के सप्लीमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। वॉटर इन्फ्यूज़न मेथड के जरिए अनार के छिलकों से अर्क निकाला जाता है।
तकनीक के ज़रिए कैसे बनेगा मुर्गियों के लिए सप्लीमेंट?
- अनार के छिलकों से खास तकनीक की मदद से मुर्गियों के लिए सप्लीमेंट तैयार किया जाता है।
- पहले अनार के छिलकों को छांव में 4 दिन तक सुखाकर इसका मोटा पाउडर बनाया जाता है।
- यह कच्चा माल होता है जिसका इस्तेमाल अनार के छिलके का अर्क बनाने में किया जाता है।
- पाउडर को एक कांच के बर्तन में गर्म पानी में डाला जाता है और फिर मलमल के कपड़े का उपयोग करके कच्चे अर्क को दो बार छाना जाता है। इस तरह तैयार अनार के छिलके के अर्क को धूप से दूर अंधेरी जगह पर रखा जाता है। इसे बनाने के 48 घंटों के अंदर इस्तेमाल कर लेना चाहिए।
- इस अर्क को पीने के पानी में कम मात्रा में मिलाकर देने से ब्रॉयलर और लेयर्ड बर्ड्स के जीवनकाल, शरीर के वज़न और फीड रूपांतरण अनुपात में सुधार देखा गया।
- अनुमान के मुताबिक, अनार के छिलके का 100 लीटर अर्क तैयार करने में सिर्फ 110 रुपए का खर्च आता है।
क्या हैं फ़ायदे?
- पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। वॉटर इन्फ्यूज़न मेथड बहुत ही आसान है और इसके लिए किसी खास उपकरण की भी ज़रूरत नहीं है।
- कुक्कुटों को छिलके के अर्क का सप्लीमेंट देने पर लाभ और लागत का अनुपात बढ़ जाता है, यानी लागत कम और फायदा ज़्यादा।
- जिन मुर्गियों को ये सप्लीमेंट यानी आरक दिया गया उनसे होने वाला फ़ायदा बिना अर्क दी मुर्गियों के मुक़ाबले 3 प्रतिशत ज़्यादा था।
इस तकनीक का इस्तेमाल करके मुर्गीपालन में लगे लोग अपनी आमदनी बढ़ाने के साथ ही मुर्गियों का स्वास्थ्य भी अच्छा रख सकते हैं। तकनीक के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह लें।
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