पारिजात के पेड़ और फूल के फायदे: भारत की चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद को हमेशा से ही महत्त्व दिया जाता रहा है। पुराने समय से लेकर आज तक लोगों में आयुर्वेद के प्रति विश्वास बना हुआ है। भारत में वृक्षों, पौधों आदि में औषधियों की खोज की जाती हैं।
ऐसे में एक वृक्ष हम कैसे भूल सकते हैं और वो है पारिजात का वृक्ष (Night-flowering jasmine)। इसके फूल जितने साधारण दिखाई देते हैं उतने ही खुशबूदार होते हैं। इनकी खुशबू से आस-पास का माहौल महकने लगता है।
पारिजात का परिचय
आपको बता दें कि पारिजात का फूल भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का राजकीय फूल है। मां दुर्गा और भगवान विष्णु को ये फूल अर्पित किए जाते हैं। पारिजात को हरसिंगार, शेफाली, शेफालिका, रात की रानी और दुखों का पेड़ भी कहा जाता है। इसके फूल सफेद-नारंगी रंग के होते हैं। छोटे या बड़े पेड़ के रूप में यह विकसित होता है।
इसका छोटा पौधा 10 से 11 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इस वृक्ष में कई औषधीय गुण होते हैं। इन्हें जानने के बाद आप भी अपने घर में पारिजात का वृक्ष या पौधा अवश्य लगाऐंगे।
हर्बल तेल
पारिजात के वृक्ष में पाया जाने वाला तेल औषधीय होता है। जिसे हर्बल ऑयल कहा जाता है। इस तेल में एंटीएलर्जिक तत्त्व पाए जाते हैं। इसे त्वचा पर लगाने से बैक्टीरियल व फंगल इंफेक्शन ठीक हो जाता है। इसके तेल का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है। बॉडी लोशन में भी यह तेल काम में लिया जाता है।
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हर्बल ऑयल के फायदे
पारिजात के तेल में कई फायदे होते हैं, जैसे-
- पारिजात का तेल मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी होता है।
- जिन लोगों को गठिया या आर्थराइटिस का दर्द हो, वे यदि पारिजात का तेल दर्द की जगह पर लगाएं, तो दर्द में आराम मिलता है।
- इतना ही नहीं जोड़ों के दर्द जैसे घुटने, कंधे, कोहनी, कमर एवं एड़ी आदि के दर्द में भी आराम देता है।
- इसके तेल का उपयोग डेंगू के इलाज में भी लाभदायक होता है।
- इसके तेल का इस्तेमाल बुखार, पेट के कीड़े मारने, लीवर संबंधी विकार दूर करने में भी सहायक है।
- बालों को झड़ने से रोकने, पाचन शक्ति मजबूत करने, रक्त का साफ करने में भी पारिजात का तेल फायदेमंद होता है।
हर्बल टी
पारिजात के पत्ते हर्बल टी बनाने में भी काम आते हैं। एंटीऑक्सिडेंट होने के कारण यह शरीर को चुस्त और दुरूस्त रखती है। शरीर की थकान दूर करने के साथ ही यह मन मस्तिष्क को शांति प्रदान करती है।
कब लगाएं
पारिजात के फूल सर्दियों कें मौसम की शुरूआत में आते हैं। सही समय पर वृक्ष बढ़ जाए इसके लिए इसे सितंबर या अक्टूबर तक लगा देना चाहिए। इसके फूल साल में एक बार ही खिलते हैं। इसके फूलों की खासियत यह कि सूखने के बाद भी उनकी महक बनी रहती है।