भिंडी की सब्ज़ी बच्चों से लेकर बड़ों तक को बहुत भाती है। बाज़ार में तो भिंडी आसानी से मिल ही जाती है, लेकिन ये हो सकता है कि उसे कई तरह की रसायनिक खाद डालकर उगाया गया हो। यदि आप केमिकल फ़्री भिंडी खाना चाहते हैं, तो आपको इसे घर पर ही उगाना होगा। आइए, जानते हैं भिंडी को घर पर उगाने और उसकी देखभाल का सही तरीका।
बीज और मिट्टी का चुनाव
बीज अच्छा होगा, तभी भिंडी की फसल अच्छी होगी, इसलिए हमेशा अच्छी क्वालिटी के बीज ही खरीदें। बीज के चुनाव के बाद बारी आती है मिट्टी तैयार करने की। भिंडी के लिए मिट्टी बनाते समय कोकोपीट और कंपोस्ट का इस्तेमाल करना अच्छा होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 50 प्रतिशत मिट्टी, 30 से 40 प्रतिशत कंपोस्ट (खाद) और 20 प्रतिशत कोकोपीट मिलाकर अच्छी मिट्टी तैयार की जा सकती है। कोकोपीट डालने से मिट्टी की नमी बनी रहती है और गर्मियों में पौधे अच्छी तरह विकसित होते हैं।
पानी और धूप
मिट्टी तैयार करने के बाद बीज डाल दें और फिर जब तक पौधे छोटे रहते हैं, दिन में 2 बार पानी डालें। जब पौधे थोड़ा बड़े हो जाएं तो रोज़ाना पानी न डालें। गमले की मिट्टी छू कर देखें, जब वो सूख जाए तभी पानी डालें। अच्छी बढ़त के लिए भिंडी के पौधों को धूप लगना ज़रूरी है। इसलिए पौधे थोड़े बड़े हो जाएं तो उन्हें धूप वाली जगह पर रखें। भिंडी की फसल बीज बोने के 45 से 50 दिनों में तैयार हो जाती है।
खाद और कीट नियंत्रण
अच्छी फसल के लिए भिंडी के पौधे में 20-25 दिनों के अंतराल पर खाद डालना ज़रूरी है। इसके लिए गोबर की खाद सबसे अच्छी होती है, लेकिन आप वर्मीकंपोस्ट और किचन से निकलने वाले कचरे से भी खाद बनाकर डाल सकते हैं। वैसे तो भिंडी के पौधों में कीड़े लगने का डर कम ही होता है, लेकिन कई बार एफिड कीट का हमला हो सकता है। ऐसे में पौधों पर नीम ऑयल का स्प्रे कर सकते हैं।
भिंडी की कुछ उन्नत किस्में:
अर्का अनामिका
अर्का अभय
अर्का निकिता
परभन क्रांति
पूसा सावनी
पंजाब-7
पंजाब पद्मनी
पूजा ए-4, और पंजाब-13 आदि।
भिंडी की अच्छी फसल के लिए इन बातों का रखें ध्यान:
– बीज लगाने के तुरंत बाद गमले को तेज धूप में न रखें। इससे बीज सही तरीके से अंकुरित नहीं होंगे।
– एक बार बीज अंकुरित हो जाए तो इसे धूप में रख दें।
– पौधे उगने के बाद गमले में रोज़ाना पानी डालें, लेकिन पौधे जब थोड़े बड़े हो जाए तो मिट्टी सूखने पर ही पानी डालें। अधिक पानी से पौधे खराब हो सकते हैं।
– पानी मौसम के अनुसार ही डालें। यदि बरसात का मौसम है तो ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती है।
– जैविक खाद का ही इस्तेमाल करें और खाद डालने के पहले मिट्टी को थोड़ा खोद लें।
ये भी पढ़ें- Exotic Vegetables Farming: विदेशी सब्जियों की खेती से ये किसान कर रहा अच्छी कमाई
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।