पुलिस विभाग में लोगों को नियम-कानून का पाठ पढाया और रिटायरमेंट के बाद जब खेत में उतरे तो दुनिया भर के कृषि वैज्ञानिकों को चौंका दिया। यह कहानी है गुजरात के बनासकांठा जिले के छोटे से गांव डांगिया के एक शख्स की। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी परथी भाई चौधरी हर साल आलू की खेती कर तीन करोड़ से ज्यादा की कमाई करते हैं। परथी भाई चौधरी प्रति हेक्टेयर आलू का उत्पादन कर विश्व रिकार्ड बना चुके हैं।
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रिटायरमेंट के बाद खेती में गाढे झंडे
परथी भाई चौधरी ने गुजरात पुलिस में सब इंस्पेक्टर से पुलिस उप अधीक्षक तक का सफर तय किया। पुलिस विभाग से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने घर बैठने के स्थान पर अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती करने की ठानी। उन्होंने परंपरागत खेती के स्थान पर आलू की खेती शुरू की। उन्होंने कृषि वैज्ञानिक गोपाल दास शर्मा और देवेन्द्र सिंह से आधुनिक खेती के तौर-तरीके सीखे। इसके बाद अपनी बेजोड़ मेहनत और नई तकनीक की मदद से उन्होंने आलू की खेती में चमत्कार कर दिया।
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प्रति हेक्टेयर 87 मीट्रिक टन का बनाया रिकॉर्ड
परथी भाई ने मार्च 2010 में सबसे ज्यादा आलू उत्पादन का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया। सर्वाधिक आलू उत्पादन में नीदरलैंड के एक किसान का प्रति हेक्टेयर 44 मीट्रिक टन आलू उत्पादन का विश्व रिकॉर्ड था। परथी भाई ने प्रति हेक्टेयर 87.188 मीट्रिक टन आलू का रिकॉर्ड बनाया। उनके विष्व रिकॉर्ड के लिए कई टीमों ने उनके खेतों का दौरा किया। इसके बाद उन्हें फोब्र्स की सूची में स्थान मिला।
नवंबर में आलू की बुआई, मार्च में खुदाई
परथी भाई आलू की बुआई नवंबर माह के शुरूआत में करते हैं। चार माह में आलू का उत्पादन तैयार हो जाता है। 15 मार्च से इसकी खुदाई शुरू हो जाती है। आलू की खुदाई के बाद अप्रेल से नवंबर माह के दौरान बाजरा, तरबूज और मूंगफली की खेती करते हैं। परथी भाई के पास पहले 5 एकड़ पुश्तैनी जमीन थी। अब वे करीबन 87 एकड़ भूमि पर खेती कर रहे है, लेकिन वे मुख्य रूप से आलू की ही फसल उगाते हैं।
आलू के लिए मशहूर हुआ बनास कांठा
परथी भाइ के इस चमत्कार ने बनास कांठा को आलू के लिए मशहूर कर दिया है। बनासकांठा देष में आलू की खेती का हब बन गया है। देश भर में छह फीसदी आलू का उत्पादन बनासकांठा में ही होता है। यहां करीबन 1 लाख किसान आलू की खेती कर रहे है। आज उनके पास गुजरात ही नहीं, बल्कि कई राज्यों के किसान टिप्स लेने आते हैं।