National Mango Day 2024: मल्लिका, आम्रपाली और प्रतिभा समेत पूसा की उन्नत आम की किस्में

हमारे देश में लगभग 1500 से अधिक आम की किस्में (Mango Varieties) पाई जाती हैं, जो उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक फैली हुई हैं।

pusa mango varieties आम की किस्में

शायद ही ऐसा कोई शख्स होगा जिसे खाने में आम (Mango) ना पसंद हों। फलों का राजा आम का स्वाद, मिठास और रसीलापन सबको ललचाता है। आम की सबसे ख़ास बात ये है कि इसकी सिर्फ़ एक-दो नहीं बल्कि कई तरह की वैरायटी पाई जाती हैं।  भारत समेत पूरी दुनिया में आम की अलग-अलग किस्मों के स्वाद का लोग मज़े लेते हैं। अपने देश में ही लगभग 1500 से ज़्यादा आम की किस्में पाई जाती हैं। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक आम (Mango) की मौजूदगी है। दशहरी आम से लेकर चौसा, लंगड़ा मशहूर आम लोगों को खासा पसंद आते हैं।

22 जुलाई को राष्ट्रीय आम दिवस (National Mango Day 2024)

अपने देश में हर साल 22 जुलाई को राष्ट्रीय आम दिवस (National Mango Day 2024) सेलिब्रेट किया जाता है। साल 1987 में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने इंटरनेशनल आम महोत्सव आयोजित करने की पेशकश की थी तब से आम उत्सव पूरे देश में मनाया जाता है। आम सांस्कृतिक पहचान के साथ सेहत का भी खज़ाना होता है। इसमें विटामिन और खनिज  भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आम की किस्में भी इसकी विविधता और लोकप्रियता को बढ़ाती हैं। आम को प्रेम और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है।

आम की उन्नत किस्मों की बागवानी (Farming Of Improved Varieties Of Mango)

वहीं अगर हम आम की बागवानी की बात करें तो आम (Mango) के पेड़ लगाना फ़ायदे का सौदा साबित होता है। आम के पौधे लगाने के लिए मानसून सबसे अच्छा मौसम माना जाता है। बारिश के मौसम में आम के पौधे बहुत ही आराम से मिट्टी में सेट हो जाते हैं। अगर आप एक बार आम के पौधे लगाते हैं तो ये पेड़ बनकर करीब 20 से 25 सालों तक फल देता है। किसान आईएआरआई पूसा की ओर से विकसित की गई आम की किस्में लगाकर बागवानी शुरू कर सकते हैं। इन किस्मों से बागवानी की शुरुआत करने पर बेहतर मुनाफ़ा मिल सकता है, क्योंकि ये पौधे उच्च गुणवत्ता वाले फल देने में सक्षम होते हैं।

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मल्लिका किस्म (Mallika Mango Variety) 

आम के शौकीनों को मल्लिका आम (Mallika Mango Variety) का स्वाद बेहद पसंद आता है। इसके साथ ही ये पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। मार्केट में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, क्योंकि आम एक मौसमी फल है जो गर्मी के मौसम में ही बाज़ार की रौनक होते हैं। ये आम 100 रुपये लेकर से 200 रुपये किलो तक बड़े आराम से बिकते हैं। इसके पौधे बागवान और किसान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ की पौधशाला से ले सकते हैं। एक पौधा करीब 100 रुपये का होता है। आपको बता दें कि आम की ये किस्म नीलम और दशहरी किस्म के इंटर ब्रीडिंग से तैयार की गई है। इस प्रजाति के आम जुलाई के तीसरे या चौथे महीने में तैयार हो जाते हैं।

mango mallika variety मल्लिका किस्म

पूसा सूर्या किस्म (Pusa Surya Mango Variety)

आम की पूसा सूर्या किस्म (Pusa Surya Mango Variety) की भी काफ़ी मांग रहती है। इसको साल 2002 में IARI पूसा, नई दिल्ली ने डेवलप किया था। आम की पूसा सूर्या किस्म उत्तर भारत में शानदार तरीके से तैयार की जाती है। आम की ये किस्म जुलाई के तीसरे हफ़्ते तक बाज़ार में बिकने के लिए तैयार हो जाती है। इसका वज़न करीब  270-300 ग्राम तक होता है। इसका रंग गुलाबी लाल होता है जो आम के शौकीनों को काफ़ी अट्रैक्ट करता है।

आम्रपाली किस्म (Amrapali Mango Variety)

आम की ये किस्म आनुवंशिक तौर पर बौनी किस्म है। आम्रपाली किस्म के रूटस्टॉक्स को सीधे बाग में लगाया जाता है। ये वैरायटी आपको 3 सालों में फल देने लग जाती है। आम्रपाली किस्म 7 से 8 सालों के अंदर अच्छी मात्रा में फल देने लग जाते हैं। बता दें कि ये किस्म साल 1978 में नीलम और दशहरी के इंटर ब्रीडिंग से तैयार हुई थी।

amrapali mango variety आम्रपाली किस्म

पूसा प्रतिभा किस्म (Pusa Pratibha Mango Variety)

आम की पूसा प्रतिभा किस्म के छिलके लाल और गूदे नारंगी होते हैं। आम की पूसा प्रतिभा किस्म (Pusa Pratibha Mango Variety) IARI पूसा, नई दिल्ली ने साल 2012 में डेवलप की थी। कमरे के तापमान में इस किस्म की सेल्फ़-लाइफ़ 7 से 8 दिन की होती है। वहीं घरेलू और विदेशी बाज़ारों के लिए आम की ये किस्म उपयुक्त होती है। इसका एक फल करीब 180 से 200 ग्राम तक का होता है। आपको बता दें कि इस किस्म को आम्रपाली और सेंसेशन किस्म की इंटर ब्रीडिंग से तैयार किया गया है। आम की पूसा प्रतिभा किस्म उत्तर भारत में जुलाई के शुरुआत में पक कर तैयार हो जाती है।

पूसा अरुणिमा किस्म (Pusa Arunima Mango Variety)

पूसा अरुणिमा किस्म (Pusa Arunima Mango Variety) आम की हाइब्रिड किस्म है, जिसे आम्रपाली और सेंसेशन के इंटर ब्रीडिंग से बनाया गया है। इसमें पौध लगाने के 4 सालों के बाद फल देना शुरू कर देते हैं। पूसा अरुणिमा फल अगस्त के पहले हफ़्ते में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इसके छिलके लाल रंग के होते हैं। रेशेदार गूदे होते हैं। पूसा अरुणिमा को IARI पूसा, नई दिल्ली ने साल 2002 में तैयार किया था। इस आम को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अच्छे दामों में बेचा जाता है।

पूसा अरुणिमा किस्म pusa arunima variety

पूसा श्रेष्ठ किस्म (Pusa Shrestha Mango Variety)

आम की पूसा श्रेष्ठ किस्म (Pusa Shrestha Mango Variety) रसदार और खाने में टेस्टी एक हाइब्रिड वैरायटी है, जो आम्रपाली और सेंसेशन की इंटर ब्रीडिंग से तैयार हुई है। इस किस्म के आम की घरेलू बाज़ार के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में  मांग है। ये दशहरी की तुलना में ज़्यादा पैदावार करता है। पूसा श्रेष्ठ किस्म भी IARI पूसा नई दिल्ली ने तैयार की है। इसके एक फल का वजन लगभग 228 ग्राम तक होता है।

आम की खेती पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सवाल: भारत में आम की कितनी किस्में पाई जाती हैं?

जवाब: पूरे देश में आम की  लगभग 1500 किस्में पाई जाती है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक चौसा, दशहरी, मालदा, लंगड़ा, तोतापरी, सफेदा आम की पैदावार होती है।

सवाल: भारत में सबसे बढ़िया आम का पेड़ कौन सा माना जाता है?

जवाब: हापुस आम की सबसे बेहतरीन वैरायटी महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में मिलती है। ये आम बाज़ार में  800 से 900 रुपए किलो बिकते हैं। इस आम की खुशबू बेहद शानदार होती है।

सवाल: आम की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें?

जवाब: आम की अच्छी पैदावार के लिए मंजर पर नीम के तेल का छिड़काव करें। इसके साथ ही आम के पेड़ के पास खरपतवार ना उगने दें। बेहतर उत्पादन के लिए दवा का छिड़काव करें। कृषि विशेषज्ञ से भी सलाह लें।

सवाल: आम के पेड़ के लिए सबसे अच्छी खाद कौन सी है?

जवाब: आम पेड़ के लिए मिट्टी में 550 ग्राम डाई अमोनियम फास्फेट (DAP), 850 ग्राम यूरिया और 750 ग्राम म्यूरेट आफ पोटाश डालना चाहिए। ये मिट्टी में  पोषक तत्वों की मात्रा को पूरी करते हैं। वहीं आपको 20-25 किलो सड़ी गोबर या कम्पोस्ट खाद भी डालना चाहिए।

सवाल: आम का पेड़ कौन से महीने में लगाएं?

आम के पौधे लगाने के लिए मानसून सबसे अच्छा मौसम माना जाता है। बारिश के मौसम में आम के पौधे बहुत ही आराम से मिट्टी में सेट हो जाते हैं। अगर आप एक बार आम के पौधे लगाते हैं तो ये पेड़ बनकर करीब 20 से 25 सालों तक फल देता है। तो मानसून के मौसम में किसान और बागवान आम के पौधे लगा सकते हैं।

सवाल: आम के पेड़ को बड़ा करने के लिए क्या करें?

आम की बागवानी के लिए आपको आस-पास का टंप्रेचर 21°C (70°F) पर रखना चाहिए। वहीं न्यूनतम तापमान 4°C (40°F) होना चाहिए। इसके साथ ही  पेड़ों पर नियमित रूप से पानी छिड़कें।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल। 

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