Onion Processing: प्याज़ की खेती के साथ ही इसकी प्रोसेसिंग से बढ़ेगी किसानों की आमदनी

प्याज़ की खेती कर रहे किसानों को अक्सर फसल नुकसान से दो-चार होना पड़ता है। लगभग हर साल प्याज़ की फसल खराब होने पर बाज़ार में इसके दाम आसमान छूने लगते हैं। इस समस्या से निपटने का एक तरीका है प्याज़ को हिडाइड्रेट करके स्टोर करना। जब फसल ज़्यादा हो तो प्याज़ की प्रोसेसिंग करके इसके टुकड़ों को डिहाइड्रेट कर लें या इसका पाउडर बनाकर रख लें।

प्याज़ की खेती onion processing and cultivation

प्याज़ की खेती और प्रोसेसिंग (Onion farming and processing) | प्याज़ के बिना आम भारतीय घरों में खाना अधूरा है। ग्रेवी वाली सब्ज़ी में तो खासतौर पर प्याज़ पड़ता है। लेकिन हर साल कुछ महीने ऐसे होते हैं जब प्याज़ की कीमत रसोई का बजट बिगाड़ देती है। दरअसल, प्याज़ के भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हर साल बड़ी मात्रा में इसकी फसल खराब हो जाती है और किसानों को भारी नुकसान होता है। आम जनता को भी प्याज़ की बहुत ज़्यादा कीमत देनी पड़ती है। इस समस्या से निपटने और पूरे साल मुनाफ़ा कमाने के लिए किसान प्याज़ की प्रोसेसिंग कर सकते हैं। डिहाइड्रेटेड प्याज़ और प्याज़ पाउडर बनाकर अतिरिक्त प्याज़ को खराब होने से बचाया जा सकता है और पूरे साल इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है। इसके लिए किसानों को नई तकनीक की जानकारी होना ज़रूरी है।

प्याज़ की खेती onion processing and cultivation
तस्वीर साभार- dehydratedveg

Onion Processing: प्याज़ की खेती के साथ ही इसकी प्रोसेसिंग से बढ़ेगी किसानों की आमदनी

लंबे समय तक रहता है सुरक्षित

बरसात के मौमस में आमतौर पर प्याज़ की फसल खराब हो जाती है। इससे किसानों को भारी नुकसान होता है। कच्चे प्याज़ को लंबे समय तक नहीं रखा जा सकता, क्योंकि पानी, नमी आदि के संपर्क में आने पर प्याज़ खराब हो ही जाता है। ऐसे में डिहाइड्रेटेड प्याज़ किसानों के लिए अच्छा विकल्प है। इसमें प्याज़ की स्लाइस काटकर एक खास मशीन से इसका पूरा पानी अलग कर दिया जाता है। करीब 8 किलो कच्चे प्याज़ से 1 किलो डिहाइड्रेटेड ओनियन यानी सूखा प्याज़ तैयार हो जाता है। इसकी मांग प्रसंस्करण उद्योग, होटल-रेस्टोरेंट आदि में है। विदेशों में भी इसकी अच्छी मांग है। हमारे देश में डिहाइड्रेटेड ओनियन बहुत लोकप्रिय नहीं है। जबकि पूरे साल प्याज़ की उपलब्धता सुनिश्चित करने का ये एक अच्छा ज़रिया है। डिहाइड्रेटेड प्याज़ को इस्तेमाल से 10 मिनट पहले पानी में रखने पर वह नरम हो जाता है और फिर इसका इस्तेमाल किसी भी व्यंजन में किया जा सकता है।

प्याज़ को डिहाइड्रेट करने की तकनीक

किसानों को अधिक मुनाफा और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर पूरे साल प्याज़ मिले इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के खाद्य विज्ञान एवं फसलोत्तर प्रौद्योगिकी संभाग ने एक तकनीक विकसित की है। इस तकनीक के तहत जब प्याज़ की भरपूर फसल होती है, तब उसे डिहाइड्रेटेड स्लाइस और पाउडर में बदलकर लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इस तकनीक की मदद से प्याज़ को सामान्य तापमान पर 6 महीने और कम तापमान पर एक साल तक के लिए स्टोर किया जा सकता है।

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प्याज़ का पाउडर

प्याज़ के मूल्य संवर्धन उत्पाद में प्याज़ का पाउडर बनाना भी शामिल है। इसे डिहाइड्रेटेड प्याज़ की स्लाइस को पीसकर बनाया जाता है। ये कई तरह के प्रोडक्ट्स में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे पिज्जा, सब्ज़ी की ग्रेवी आदि। होटलों में इसकी मांग बढ़ रही है। इसका वजन कम होता है इसलिए इसे स्टोर करना और लाना-ले जाना आसान है और लागत भी कम आती है।

प्याज़ उत्पादन के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है, लेकिन इसकी फसल के जल्दी खराब होने के कारण ही अक्सर प्याज़ की किल्लत हो जाती है। इससे किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में प्याज़ के मूल्य संवर्धन की तकनीक किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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