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फूलों की सुंदरता हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है और माहौल को खुशबू से भर देती है। फूल माहौल को सकारात्मक बनाते हैं और मूड भी अच्छा रखते हैं, तभी तो मूड ठीक करने के लिए अक्सर गार्डनिंग करने की सलाह दी जाती है। झांसी के अनिल कुमार शर्मा ने अपने बचपन के शौक को पूरा करने के लिए घर की छत को ही गार्डन बना दिया और यहां 700 गमलों में कई तरह के फूल लगाए हैं। जिसमें अकेले गुलाब की 150 किस्में (150 Rose Varieties) शामिल हैं।
रेलवे में नौकरी करने वाले अनिल शर्मा कैसे नौकरी और अपने इतने बड़े गार्डन की अकेले ही देखभाल करते हैं, इस बारे में उन्होंने विस्तार से बात की किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली से।
घर की छत पर ही गमलों में फूल
हर इंसान का कोई न कोई शौक ज़रूर होता है, मगर ज़िंदगी की व्यस्तता के बीच लोग अक्सर अपने शौक को भूल जाते हैं या समय नहीं दे पाते। मगर झांसी के अनिल कुमार शर्मा ऐसे लोगों के सामने एक मिसाल पेश करते हैं, जो अपनी रेलवे की नौकरी के साथ ही अपने बचपन के गार्डनिंग के शौक को भी पूरा कर रहे हैं।
इस कदर पूरा कर रहे हैं कि मोहल्ले वाले भी उनके कायल बन चुके हैं और कुछ तो उनसे प्रेरित भी हुए हैं। अनिल शर्मा बताते हैं कि उन्हें 12 साल की उम्र से ही गार्डनिंग का शौक है और इसे पूरा करने के लिए ही उन्होंने घर की छत पर ही गमलों में फूल लगाना शुरू कर दिया।
छत पर 700 गमलों में फूलों की खेती
अनिल शर्मा कहते हैं कि उनकी छत पर करीब 700 गमले हैं, जिसमें गुलाब और गेंदे के साथ ही और भी कई तरह के फूल लगे हुए हैं। उनके पास पिटोनिया, जेरेनियम, पेंजी, इंपेशेंट, अलेनियम जैसे फूल भी हैं।
गुलाब की 150 किस्में (150 Rose Varieties)
गुलाब बहुत से लोगों को पसंद होता है, इसलिए लोगों की बालकनी या छत पर अक्सर गुलाब के पौधे दिख जाते हैं, मगर आमतौर पर लोग इसकी 2-3 किस्में ही लगाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि अनिल शर्मा के पास गुलाब की 150 किस्में हैं और ख़ास बात ये हैं कि वो इसे कमर्शियल मकसद से नहीं, बल्कि सिर्फ़ शौक के लिए उगा रहे हैं। अनिल शर्मा बताते हैं कि उन्होंने 5 साल पहले ही गुलाब की किस्में इकट्ठा करनी शुरू की और फिलहाल उनके पास इसकी 150 किस्में हैं और उन्हें सबके नाम भी पता है। गुलाब उगाना उनका शौक रहा है तो फिलहाल उनका पूरा फोकस सिर्फ़ गुलाब पर ही है और उनका लक्ष्य है कि उनके पास इसकी 200 किस्में हो जाएं।
आसानी से लगने वाली गुलाब की किस्में (Rose Varieties For Terrace Gardening)
अनिल शर्मा बताते हैं कि उनके पास कई तरह की किस्में हैं, जिसमें कुछ देसी किस्में हैं जिसे लोग आसानी से घर पर उगा सकते हैं। जबकि विदेशी किस्मों को उगाने के लिए ख़ास तापमान मेंटेन करना पड़ता है और कुछ केमिकल का भी इस्तेमाल करना पड़ता है। इसलिए इनकी गार्डनिंग थोड़ी मुश्किल होती है। उनका कहना है कि गुलाब की ग्रेट स्कॉट, ब्लैक बकारा, व्हाइट में टिनकी जैसी किस्में आसानी से घर के गार्डन में लगाई जा सकती हैं।
घर की छत पर पौधों की देखभाल
नौकरी के साथ ही अनिल कुमार शर्मा अपने 700 गमलों की देखभाल खुद ही करते हैं। इसके लिए उन्होंने कोई माली नहीं रखा है। वो बताते हैं कि पौधों की देखरेख के लिए वो रोज़ाना सुबह 4 बजे उठते हैं और 9 बजे तक वो पौधों की देखभाल का काम करते हैं। बच्चे की तरह वो इनकी देखरेख करते हैं। जब किसी पौधे में फूल आता है तो उसे देखकर बहुत खुशी मिलता है। अनिल शर्मा ने फूल के साथ ही छत के किनारे पर स्ट्रॉबेरी भी लगाई है और घर के इस्तेमाल के लिए हरी मिर्च भी उगाई है, उन्हें एक्सपेरिमेंट करना पसंद है।
ऑनलाइन मंगाते हैं पौधे
अनिल शर्मा गुलाब या दूसरे फूल के पौधों की अलग-अलग वैरायटी ऑनलाइन ही मंगाते हैं। वो बताते हैं कि वो कोलकाता, बेंगलुरू, पुणे से ऑनलाइन पौधे मंगाते हैं, जो करीब 4 दिन में उन तक पहुंच जाते हैं। इन पौधों की जड़ पानी में धुली हुई आती है। ऐसे में इसे सीधे मिट्टी में लगाने पर पौधे खराब हो सकते हैं। इसलिए वो इन्हें सिंडर में लगाते हैं। सिंडर जला हुआ कोयला होता है जिसे खंगर भी कहते हैं। इसमें लगाने पर पौधों का विकास अच्छा होता है और वो खराब नहीं होते हैं। वो बताते हैं कि सिंडर वो उड़ीसा से मंगाते हैं, क्योंकि ये कहीं और मिलता नहीं है।
टेरेस गार्डनिंग में किन बातों का रखें ध्यान?
अक्सर लोग नर्सरी से पौधे लेकर तो आ जाते हैं, मगर कुछ ही दिनों में पौधे मरने लगते हैं। क्योंकि लोगों को पता ही नहीं होता कि पौधों में कितना पानी डालना है। अनिल शर्मा का कहना है कि पौधों के विकास के लिए सबसे ज़रूरी है पानी का सही प्रबंधन। अगर गमले में पानी जमा हो रहा है तो पौधा सड़ जाएगा।
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि पानी जमा नहीं होना चाहिए, गमले की मिट्टी ऐसी हो कि पानी निकल जाए। इसके लिए ध्यान रहे कि गमले की मिट्टी मुलायम रहे। सख्त होने पर किनारे से उसकी खुदाई कर दें। इसके साथ ही मिट्टी तैयार करके समय उसमें बजरी और खंगर मिला लें।
छत पर बागवानी: मिल चुके हैं कई अवॉर्ड
अपने फूलों के शौक को अनिल शर्मा जिस शिद्दत से पूरा कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें झांसी में कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। अब वो भोपाल और पुणे में होने वाली प्रदर्शनियों में भी अपने पौधे ले जाना चाहते हैं।
घर की छत पर पौधे लगाने के लिए किया प्रेरित
अनिल शर्मा बताते हैं कि उन्हें देखकर आसपास के करीब 20-25 लोगों ने भी अपने घर पर पेड़-पौधे लगाना शुरू कर दिया। ऐसे लोग अगर उनके पास किसी तरह की मदद के लिए आते हैं जैसे पौधा, खाद कहां से लेना है, तो अनिल शर्मा उनकी मदद करते हैं और बताते हैं कि कौन सी चीज़ कहां से मंगाई जा सकती है।
छत पर बागवानी के फ़ायदे (Benefits Of Terrace Gardening)
आपको जानकर हैरानी होगी कि गार्डनिंग के शौकीन अनिल शर्मा पिछले कई सालों में एक बार भी बीमार नहीं पड़े हैं और अपने स्वस्थ रखने का श्रेय वो गार्डनिंग को ही मानते हैं। उनका कहना है कि खुद को स्वस्थ और खुश रखने के लिए गार्डनिंग सबसे बेस्ट तरीका है। इसमें थोड़ा इनवेस्टमेंट ज़रूर है, लेकिन इससे आपको आंतरिक खुशी मिलती है।
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